Som Pradosh vrat Puja Vidhi: सोम प्रदोष व्रत के दिन इस विधि से करें पूजा, भगवान शिव की मिलेगी कृपा

Som Pradosh vrat Puja Vidhi: प्रदोष का व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित व्रत है। इस दिन पूरे विधि- विधान के साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसे में आइए जानें सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि के बारे में।

Som Pradosh vrat Puja Vidhi
Som Pradosh vrat 2024: प्रदोष का व्रत हर महीने की त्रियोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना प्रदोष काल में की जाती है। इस साल हिंदू नववर्ष का पहला सोम प्रदोष व्रत 20 मई 2024 को सोमवार के दिन रखा जाएगा। सोमवार के दिन पड़ने के कारण ये सोम प्रदोष व्रत कहलाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार प्रदोष का व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और साधक को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन किस विधि से पूजा करनी चाहिए।

Som Pradosh vrat Puja Vidhi (सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि)

  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
  • उसके बाद मंदिर में चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर शिव पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
  • फिर शिव जी की पूजा के समय शिव को फूल, बेलपत्र और भांग अर्पित करें।
  • घी का दीपक जलाएं और प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें और आरती करें।
  • शाम के समय में मंदिर जाकर शिवलिंग की पूजा करें।
  • अंत में भोग लगाकर सब में प्रसाद वितरित करें।

Som Pradosh vrat 2024 Shubh Muhurat (सोम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त 2024)

इस साल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी तिथि की शुरुआत 20 मई को दोपहर 3 बजकर 58 मिनट पर हो रही है। वहीं इसका समापन 21 मई को शाम के 5 बजकर 39 मिनट पर होगा। ऐसे में ये व्रत 20 मई को रखा जाएगा। इस शाम में 6 बजकर 30 मिनट से लेकर 8 बजकर 30 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहने वाला है। इसके साथ ही दोपहर में पूजा 12 बजे से लेकर 3 बजे तक की जा सकती है।

Som Pradosh vrat Importance (सोम प्रदोष व्रत महत्व)

शास्त्रों के अनुसार सोम प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन का व्रत रखने से और पूरे विधि- विधान के साथ शिव जी की पूजा करने से साधक को हर प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। ऐसा माना जाता है कि एक प्रदोष व्रत करने से दो गाय के दान के बराबर फल मिलता है। सोम प्रदोष का व्रत करने से घर में सुख, समृद्धि आती और चंद्र दोष से भी मुक्ति मिलती है।
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