Somnath Jyotirling Darshan: सोमनाथ ज्योतिर्लिंग कहां है, किसने बनवाया है, इसकी आरती, दर्शन समय और इतिहास सबकुछ जानें यहां

Somnath Jyotirlinga Mandir: शिव पुराण के अनुसार सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव का प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है है। जो गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस मंदिर का निर्माण स्वयं चंद्र देव ने किया था। इस मंदिर का कई बार पुर्नर्निर्माण भी किया गया है। चलिए जानते हैं सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का इतिहास, पूजा विधि, आरती सबकुछ यहां।

Somnath Mandir

Somnath Jyotirlinga Mandir

Sawan Somwar Somnath Jyotirling Darshan: 'सोमनाथ मंदिर' 12 ज्योतिर्लिंगों में पहले स्थान पर आता है। इस ज्योतिर्लिंग का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार जो भक्त सोमनाथ मंदिर के दर्शन के लिए जाता है उसकी सारी मुरादें पूरी हो जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां आए भक्तों को महादेव कभी निराश नहीं करते। ऋग्वेद अनुसार इस मंदिर का निर्माण चंद्र देव ने करवाया था। प्राचीन काल से ही ये मंदिर तीन नदियों कपिला, हिरण्या और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर स्थित है। वैसे तो पूरे साल इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन सावन में यहां श्रद्धालुओं की सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती है। अगर आप सोमनाथ मंदिर के दर्शन करने की सोच रहे हैं तो जानिए मंदिर खुलने का समय, आरती का समय और इसका इतिहास।

Somnath Jyotirlinga Mandir Darshan Time (सोमनाथ मंदिर दर्शन समय)

सोमनाथ मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए सुबह 6 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खुला रहता है। इस मंदिर में दिन में तीन बार आरती होती है। आगे देखिए सोमनाथ मंदिर में आरती कब-कब होती है।

Somnath Jyotirlinga Mandir Aarti Timing (सोमनाथ मंदिर आरती समय)

7:00 AM- प्रभात आरती
12:00 PM- अपरान्ह आरती
7:00 PM- संध्या आरती
8:00 PM से 9:00 PM: लाइट एंड साउंड शो (बरसात के मौसम मे नहीं)
नोट: विशेष अवसरों, त्योहारों और धार्मिक आयोजनों के दौरान आरती और दर्शन के समय में परिवर्तन हो सकता है। मंदिर प्रशासन द्वारा इसकी सूचना पहले ही दे दी जाती है।

How To Reach Somnath Jyotirlinga (सोमनाथ ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं?)

आप सोमनाथ मंदिर हवाई मार्ग से पहुंच सकते हैं। सोमनाथ का निकटतम हवाई अड्डा राजकोट है। आप ट्रेन मार्ग से मंदिर दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं। सोमनाथ मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन वेरावल रेलवे स्टेशन है। इसके अलावा आप सड़क मार्ग से भी सोमनाथ पहुंच सकते हैं।

Somnath Jyotirlinga Mandir History (सोमनाथ मंदिर का इतिहास)

मध्य काल में सोमनाथ मंदिर को उसकी वैभव और भव्यता के कारण 17 बार लूटा गया और इसे बार-बार खण्डित किया गया। इसलिए इस मंदिर का कई बार पुर्नर्निर्माण भी हुआ। इतिहास पर नजर डालें तो महमूद गजनवी ने इस मंदिर पर 17 बार हमला कर इसकी संपत्ति को लूट लिया था। इसके बाद गुजरात के राजा भीम और मालवा नरेश राजा भोज ने इस मंदिर का फिर से निर्माण कराया था। लेकिन साल 1297 में दिल्ली सल्तनत के गुजरात पर कब्जा करने के बाद इस मंदिर पर एक बार फिर से हमला किया गया। इसके बाद 1706 में मुगल बादशाह औरंगजेब ने इस मंदिर को गिरा दिया। आधुनिक युग में फिर से इस मंदिर पुनर्निर्माण किया गया जिसके श्रेय लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को जाता है।

Somnath Mandir Story (सोमनाथ मंदिर की कहानी)

पौराणिक कथाओं अनुसार राजा दक्ष की 27 बेटियां थी, जिनका विवाह उन्होंने चंद्रमा से किया था। चंद्र देव को राजा दक्ष की 27 कन्याओं में से केवल रोहिणी से अधिक प्यार था। दक्ष ने चंद्रमा को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन उन्होंने उनकी नहीं सुनीं। जिस पर दक्ष को क्रोध आ गया और उन्होंने चंद्रमा को क्षय रोगी होने का श्राप दे दिया। इस श्राप के कारण चंद्र देव का तेज कम होने लगा तब चंद्रमा ने इस रोग से मुक्ति पाने के लिए शिव की कठोर तपस्या की। जिससे प्रसन्न होकर महादेव ने उन्हें इस भयंकर श्राप से मुक्त कर दिया। जिसके बाद चंद्र देव ने गुजरात में भगवान शिव का भव्य मंदिर बनवाया। जानकारी अनुसार क्योंकि ये मंदिर चंद्रमा ने बनवाया था इसलिए चंद्रमा यानी सोम के नाम पर ही इस मंदिर का नाम सोमनाथ पड़ा।

Somnath Mandir Ka Mahatva (सोमनाथ मंदिर का क्या महत्व है)

सोमनाथ मंदिर पितरों के श्राद्ध, नारायण बलि आदि धार्मिक कर्म-कांडों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसलिए यहां हमेशा श्रद्धालुओं की बडी भीड़ लगी रहती है। मान्यताओं अनुसार जो भक्त इस मंदिर के दर्शन करता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

मंदिर में विशेष आकर्षण का केंद्र क्या है

मंदिर में प्रातः काल भगवान शिव की विशेष आरती की जाती है जिसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग मंदिर पहुंचते हैं। इसके अलावा यहां का साउंड एंड लाइट शो भी काफी लोकप्रिय है। जिसका यहां हर शाम आयोजन किया जाता है। ये शो मंदिर के इतिहास और महत्त्व को दर्शाता है।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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