Somvar Vrat Katha In Hindi: 16 सोमवार व्रत कथा पढ़ने से भगवान शिव का मिलेगा आशीर्वाद
Somvar Vrat Katha, Puja Vidhi, Aarti in Hindi (सोमवार व्रत कथा, पूजा विधि, आरती): हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। कहते हैं इस दिन जो व्यक्ति सच्चे दिल से भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। जानिए सोमवार व्रत कथा और विधि।
सोमवार व्रत पूजा विधि, कथा, मंत्र और आरती
Somvar Vrat Katha, Puja Vidhi, Aarti in Hindi (सोमवार व्रत कथा, पूजा विधि, आरती): सोमवार का दिन भगवान शंकर की पूजा के लिए खास माना जाता है। कहते हैं यदि व्यक्ति नियमित रूप से और निष्ठा के साथ इस व्रत को करें तो भगवान शिव की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। इसके अलावा इस व्रत को करने से व्यक्ति की कुंडली में चंद्र ग्रह मजबूत होता है। ये व्रत अविवाहित लड़कियों के लिए भी बेहद ही शुभ माना जाता है। कहते हैं इस व्रत को करने से मनचाहा साथी मिलता है।संबंधित खबरें
सोमवार का व्रत लगातार 16 सोमवार तक करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा कुछ विशेष मामलों में ये व्रत 5 वर्षों तक भी किया जा सकता है। कोई भी व्रत और पूजा तभी फलित होती है जब उसके नियम और विधि का सही से पालन किया जाए। ऐसे में जानिए सोमवार व्रत की पूजा विधि, कथा, मंत्र, आरती, महत्व और नियम।संबंधित खबरें
Somvar Vrat Katha (सोमवार व्रत कथा)
पौराणिक कथा के अनुसार, किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसका घर धन-धान्य से भरा हुआ था। लेकिन वह निःसंतान था। जिसके कारण वह बहुत दुखी रहता था। संतान प्राप्ति के लिए वह प्रत्येक सोमवार के दिन व्रत रखता था और पूरी श्रद्धा के साथ शिव मंदिर जाकर भगवान शिव संग माता पार्वती की पूजा करता था। संबंधित खबरें
उसकी भक्ति देख मां पार्वती प्रसन्न हो गईं। फिर भगवान शिव से उस साहूकार की मनोकामना पूरी करने का निवेदन किया। माता पार्वती की इच्छा सुनकर शिवजी ने कहा 'हे पार्वती! इस संसार में हर प्राणी को उसके कर्मों का फल मिलता है। जिसके भाग्य में जो होता है उसे भोगना ही पड़ता है।' पर फिर भी पार्वती जी अपनी बातों पर अड़ी रही और साहूकार की मनोकामना पूर्ण करने की इच्छा जताई।संबंधित खबरें
माता पार्वती के अनुरोध पर भगवान ने साहूकार को संतान-प्राप्ति का वरदान तो दिया। लेकिन उस बालक की आयु कम यानी केवल बारह वर्ष होगी कहकर चले गए। ये सारी बात उधर साहूकार सुन रहा था। वह न तो खुश था और न ही दुखी। वह पहले की तरह ही शिवजी की विधिवत पूजा करता रहा।संबंधित खबरें
कुछ समय के बाद साहूकार के पुत्र का जन्म हुआ। जब वह बालक 11वर्ष का हुआ तो साहूकार ने उसे उसके मामा के साथ पढ़ने के लिए काशी भेज दिया। उसके साथ पिता ने बहुत सारा धन दिया और काशी विद्या प्राप्ति के लिए ले जाने की आज्ञा दी। साथ ही जाते जाते मार्ग में यज्ञ कराने का भी उपदेश दिया। इसके अलावा जहां भी यज्ञ हो वहां ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा जरूर देने का सलाह देते हुए जाने को कह दिया। संबंधित खबरें
इस तरह दोनों मामा-भांजे साहूकार की आज्ञा का पालन करते हुए चल पड़े। रात में एक नगर में विश्राम करने के लिए रुके। उस नगर में एक राजकुमारी का विवाह था। लेकिन जिस राजकुमार से विवाह होने जा रहा था वह वास्तव में एक आंख से काना था। राजकुमार के पिता इस बात को छिपाने के लिए एक चाल सोची।संबंधित खबरें
कपटी राजा ने साहूकार के पुत्र को देखकर राजकुमारी से विवाह कराने और विवाह के बाद धन का लालच देकर इसे विदा करने का निर्णय लिया। इसी तरह लड़के को जबरदस्ती दूल्हे के वस्त्र पहनाकर राजकुमारी से विवाह कर दिया। लेकिन साहूकार के पुत्र को यह बात न्यायसंगत नहीं लगी। संबंधित खबरें
उसने मौका मिलते ही राजकुमारी की चुन्नी के पल्ले पर अपनी बात लिख दी कि 'तुम्हारा विवाह तो मेरे साथ हुआ है लेकिन जिस राजकुमार के साथ तुम्हें विदा किया जाएगा वह असल में एक आंख से काना है। मैं तो काशी पढ़ने जा रहा था।'संबंधित खबरें
जैसे ही राजकुमारी की नजर चुन्नी पर पड़ी तो वह अपने माता-पिता को यह बात बताई। राजा ने अपनी पुत्री को विदा नहीं किया और बारात वापस लौटा दी। दूसरी ओर, मामा-भांजा काशी पहुंचे। वहां जाकर उन्होंने यज्ञ कराया। जिस दिन लड़के की आयु 12 साल होने वाली थी, उसी दिन यज्ञ रखवाया गया था। लड़के तबीयत कुछ खराब होने लगती है। तब उसके मामा ने कहा कि तुम कमरे के अंदर आराम कर लो। संबंधित खबरें
कुछ ही देर में उस बालक की मृत्यु हो गई। मृत भांजे की हालत देख मामा ने विलाप शुरू कर दिया। संयोगवश उसी समय माता पार्वती और शिव जी गुजर रहे थे। पार्वती ने एक बार फिर भगवान से कहा- हे स्वामी! मैं इसके रोने का स्वर सहन नहीं कर पा रही हूं। कृपा कर के आप इस व्यक्ति के कष्ट को दूर करें। शिवजी उस मृत बालक को देखकर बोले यह उसी साहूकार का पुत्र है, जिसे मैंने 12 वर्ष की आयु का वरदान दिया था और अब इसकी 12 वर्ष पूरी हो चुकी है। लेकिन माता पार्वती इस बात से काफी दुखी थी। उन्होंने महादेव से आग्रह किया और बोलीं, हे महादेव! आप इस बालक की आयु देने की कृपा करें।संबंधित खबरें
इस पर भगवान शिव ने उस लड़के को पुनः जीवित होने का वरदान दे दिया। लड़के का प्राण उसके शरीर में वापस आ गया। फिर शिक्षा पूरी करके लड़का मामा के साथ अपने नगर की ओर वापस चल पड़ा। दोनों चलते हुए उसी नगर में पहुंचे, जहां लड़के का विवाह एक राजकुमारी से हुआ था। नगर के राजा ने उस लड़के को पहचान लिया और महल में ले जाकर उसकी खातिरदारी की। फिर खूब सारा धन और आशीर्वाद देकर अपनी पुत्री को विदा किया।संबंधित खबरें
इधर साहूकार और उसकी पत्नी भूखे-प्यासे रहकर बेटे की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अपने बेटे की मृत्यु के समाचार पर प्राण त्याग देने का प्रण कर रखा था। लेकिन बेटे कोणाही सलामत और जीवित होने का समाचार पाकर वह बेहद प्रसन्न हुए। उसी रात भगवान शिव साहूकार के सपने में आए और बोले - हे मनुष्य! मैंने तुम्हारे सोमवार व्रत रखने, इसे विधिवत पूरा करने और व्रतकथा को सुनने से प्रसन्न होकर तेरे पुत्र को लम्बी आयु प्रदान की है।संबंधित खबरें
Somvar Vrat Puja Vidhi (सोमवार व्रत पूजा विधि)
- सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें।
- इसके बाद व्रत करने का संकल्प लें।
- पूजा शुरू करें और भगवान शिव को गंगाजल से स्नान कराएं।
- भोलेनाथ को जलाभिषेक करते समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
- भगवान शिव को बेलपत्र, अक्षत, सफेद चंदन, सफेद फूल, भांग, धतूरा, गाय का दूध, पंचामृत, धूप, दीप, सुपारी अर्पित करें।
- फिर शिव चालीसा पढ़ें।
- सोमवार व्रत की कथा सुनें।
- अंत में भगवान शिव की आरती करें।
- इसके बाद आरती करके लोगों में प्रसाद वितरण करें।
Somvar Vrat Puja Aarti (सोमवार व्रत पूजा आरती)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।संबंधित खबरें
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥संबंधित खबरें
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥संबंधित खबरें
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।संबंधित खबरें
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥संबंधित खबरें
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।संबंधित खबरें
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥संबंधित खबरें
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।संबंधित खबरें
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥संबंधित खबरें
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।संबंधित खबरें
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥संबंधित खबरें
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।संबंधित खबरें
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥संबंधित खबरें
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।संबंधित खबरें
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥संबंधित खबरें
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।संबंधित खबरें
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥संबंधित खबरें
Somvar Vrat Importance (सोमवार व्रत महत्व)
ऐसी मान्यता है सोमवार व्रत रखने से सुहागन महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं। पति की आयु बढ़ती है। वहीं, कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर प्राप्त होता है। साथ ही निःसंतान को संतान की प्राप्ति होती है। सोमवार व्रत से जीवन में तरक्की का वरदान मिलता है।संबंधित खबरें
Somvar Vrat Ke Niyam (सोमवार व्रत के नियम)
- व्रत के दिन सिर पर भस्म का तिलक जरूर लगाएं।
- व्रत के दौरान फलाहार पर रहें।
- इस दिन किसी एक समय ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।
- इस दिन शक्कर का सेवन न करें।
- व्रत वाले दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- भगवान शिव जी की हमेशा अर्ध परिक्रमा लगाई जाती है।
- शिवलिंग पर तांबे के लौटे से दूध न डालें।
- शिवलिंग पर रोली और सिंदूर की तिलक नहीं करना चाहिए।
- शिवलिंग पर हमेशा चंदन का तिलक लगाएं।
- पूजा में तुलसी अर्पण नहीं करनी चाहिए।
- इस व्रत के दिन जुआ खेलने से बचना चाहिए।
- इस दिन काले रंग के वस्त्र न पहनें।
Somvar Vrat Mantra (सोमवार व्रत के मंत्र)
-ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।संबंधित खबरें
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥संबंधित खबरें
-ऊँ नम: शिवाय।।
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