Somvati Amavasya Katha In Hindi: सोमवती अमावस्या व्रत कथा इन हिंदी यहां देखें
Somvati Amavasya 2023 Vrat Katha: सोमवती अमावस्या का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से धोबिन के पति के मृत शरीर में फिर से आ गई थी जान।
सोमवती अमावस्या की पावन कथा व्रत रखने वाले जरूर पढ़ें
Somvati Amavasya Katha In Hindi: सोमवार (Somvar) के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म में इस अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होने के साथ-साथ पितृ दोष (Pitru Dosh) और कालसर्प दोष (Kalsarp Dosh) से भी मुक्ति मिल जाती है। इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। जानिए सोमवती अवमास्या की पावन व्रत कथा।संबंधित खबरें
सोमवती अमावस्या व्रत कथा (Somvati Amavasya Vrat Katha)
सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार एक राज्या में गरीब ब्राह्मण परिवार रहता था। उस परिवार में पति-पत्नी और उसकी एक पुत्री भी थी। उनकी पुत्री धीरे-धीरे बड़ी होने लगी। उस पुत्री में बढ़ती उम्र के साथ सभी स्त्रियोचित सगुणों का विकास हो रहा था। कन्या सुंदर, संस्कारवान और गुणवान थी, लेकिन गरीब होने के कारण उसका कन्या का विवाह नहीं हो पा रहा था।संबंधित खबरें
एक दिन ब्राह्मण के घर साधु महाराज पधारें। साधु कन्या के सेवाभाव से काफी प्रसन्न हुए। कन्या को लंबी आयु का आशीर्वाद देते हुए साधु ने कहा कि इस कन्या के हाथ में विवाह योग्य रेखा नहीं है।संबंधित खबरें
तब ब्राह्मण दम्पति ने साधु से इसका उपाय पूछा। साधु महाराज ने बताया कि कुछ ही दूरी पर एक गांव में सोना नाम की एक धोबिन महिला अपने बेटे और बहू के साथ रहती है, जो बहुत ही संस्कार संपन्न तथा पति परायण है।संबंधित खबरें
यदि आपकी बेटी उस धोबिन की सेवा करें तो धोबिन खुश होकर उसे अपनी मांग का सिंदूर दे देगी, जिससे कन्या का विवाह तय हो जाएगा और इसका वैधव्य योग मिट सकता है। साधु ने ये भी बताया कि वह महिला कहीं बाहर आती-जाती नहीं है।संबंधित खबरें
ये बात सुनकर ब्राह्मणी ने अपनी बेटी से धोबिन की सेवा करने का प्रस्ताव रखा। अगले दिन से ही कन्या प्रात: काल ही उठ कर सोना धोबिन के घर जाकर, साफ-सफाई और अन्य सारे कार्य करने लगी और इसका पता धोबिन व उसकी बहू को नहीं चल पाया।संबंधित खबरें
एक दिन सोना धोबिन अपनी बहू से पूछती है कि तुम तो सुबह ही उठकर सारे काम कर लेती हो और पता भी नहीं चलता। बहू ने कहा: मां जी, मैंने तो सोचा कि आप ही सुबह उठकर सारे काम खुद ही खत्म कर लेती हैं। मैं तो देर से उठती हूं। ये सब जानकार दोनों सास-बहू हैरान हो गईं और घर की निगरानी करने लगीं कि कौन है जो सुबह ही घर का सारा काम करके चला जाता है।संबंधित खबरें
कई दिनों के बाद धोबिन ने देखा कि एक कन्या मुंह ढके अंधेरे में घर में आती है और सारे काम करने के बाद चली जाती है। जब वह जाने लगी तो सोना धोबिन उसके पैरों पर गिर पड़ी पूछने लगी कि आप कौन है और इस तरह छुपकर मेरे घर की चाकरी क्यों करती हैं?संबंधित खबरें
तब कन्या ने साधु द्वारा कही गई सारी बात बताई। सोना धोबिन पति परायण थी अतः उसमें तेज था। वह तैयार हो गई सोना धोबिन के पति थोड़ा अस्वस्थ थे। उसने अपनी बहू से अपने लौट आने तक घर पर ही रहने को कहा।संबंधित खबरें
सोना धोबिन ने जैसे ही अपने मांग का सिन्दूर उस कन्या की मांग में लगाया, सोना धोबिन का पति मर गया। उसे इस बात का पता चल गया। वो घर से निराजल चली थी, ये सोचकर कि रास्ते में कहीं पीपल का पेड़ मिलेगा तो उसे भंवरी देकर और उसकी परिक्रमा करके जल ग्रहण करेगी।संबंधित खबरें
उस दिन सोमवती अमावस्या थी। ब्राह्मण के घर मिले पूए-पकवान की जगह उसने ईंट के टुकड़ों से 108 बार भंवरी देकर 108 बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा की और उसके बाद जल ग्रहण किया। ऐसा करते ही धोबिन का पति फिरसे जीवित हो उठा। पीपल के पेड़ की परिक्रमा के कारण कन्या को शुभ फल की प्राप्ति हुई।संबंधित खबरें
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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