Somvati Amavasya Katha In Hindi: सोमवती अमावस्या की कथा विस्तार से यहां पढ़ें

Somvati Amavasya Katha In Hindi: हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। ये अमावस्या 2 सितंबर को पड़ रही है। यहां आप जानेंगे सोमवती अमावस्या की व्रत कथा।

Somvati Amavasya Katha In Hindi

Somvati Amavasya Katha In Hindi

Somvati Amavasya Katha In Hindi: जब अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में इस अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। ये अमावस्या पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए खास मानी जाती है। इस दिन दान करना भी अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा की जाती है। यहां जानिए सोमवती अमावस्या की कथा, पूजा विधि, सामग्री, मुहूर्त और उपाय।

सोमवती अमावस्या व्रत कथा (Somvati Amavasya Vrat Katha In Hindi)

एक समय की बात है किसी गांव में एक ब्राह्मण रहता था जिसकी एक कन्या थी। सर्वगुण समपन्न होने के बाद भी उस कन्या का विवाह नहीं हो पा रहा था। एक बार एक साधु महाराज ब्राह्मण के घर आये और कन्या के स्वभाव से काफी प्रसन्न हुआ। उन्होंने उस कन्या को लंबी आयु का वरदान भी दिया। तब ब्राह्मण ने साधु से अपनी कन्या के विवाह में आ रही बाधाओं का समाधान जानना चाहा। साधु ने कहा कि कन्या के हाथ में विवाह रेखा ही नहीं है। तब साधु ने उपाय बताते हुए कहा कि पास के गांव में एक सोना नाम की धोबिन अपने परिवार संग रहती है। अगर आपकी कन्या उस धोबिन की सेवा करे और खुश होकर धोबिन उसे अपना सुहाग दे तब आपकी कन्या का विवाह हो सकता है।
साधु महाराज के कहे अनुसार कन्या धोबिन के घर जाकर उसकी सेवा करने लगी। वो रोज सुबह सूर्योदय से पहले धोबिन के घर जाती और वहां सारा काम कर उसके उठने से पहले ही घर वापस आ जाती। घर का सारा काम हुआ देख धोबिन को बड़ी खुशी मिलती। क्योंकि उसे लगता था कि ये सारा काम उसकी बहु कर रही है। एक दिन उसने अपनी बहू से कहा कि तुम कितनी अच्छी हो सुबह जल्दी उठकर ही सारा काम निपटा देती हो।
तब बहू ने उससे कहा कि नहीं है मैं तो सोती रहती हूं। मुझे लगा कि आप ही ये सारा काम कर रही हैं। तब दोनों के मन में सवाल उठा कि आखिर कौन ऐसा कर रहा है? अगले दिन यह जानने के लिए दोनों इंतजार करने लगी तभी उन्होंने देखा कि एक कन्या घर में मुंह छिपाकर आती है और सारा काम करती है और चुपचाप चली जाती है।तब धोबिन ने उससे पूछा कि तुम कौन हो? और ऐसा क्यों कर रही हो?
कन्या ने धोबिन को सारी कहानी सुनाई। इस पर सोना कन्या की मदद करने के लिए तैयार हो गई। अगला दिन सोमवती अमावस्या का दिन था और सोना को इस बात की जानकारी थी कि अगर उसने कन्या को अपना सुहाग दिया तो उसके पति की मृत्यु हो जाएगी, लेकिन फिर भी उसने व्रत भी रखा और कन्या के घर जाकर उसकी मांग में अपना सिंदूर लगा दिया। ऐसा करते ही धोबिन के पति की मृत्यु हो गई। घर लौटते वक्त सोना ने पीपल के पेड़ की परिक्रमा की और अपना व्रत पूरा किया। जब वह घर लौटी तो उसने देखा कि उसका पति जिंदा हो गया। कहते हैं तभी से सोमवती अमावस्या व्रत का महत्व काफी बढ़ गया।

Somvati Amavasya Puja Samagri (सोमवती अमावस्या पूजा सामग्री)

  • दूध
  • जल
  • पुष्प
  • अक्षत
  • चन्दन
  • कलावा
  • धान
  • पान
  • खड़ी हल्दी
  • भगवान शिव की प्रतिमा
  • भोग
  • फल
  • मिठाई
  • दान करने की चीजें।

सोमवती अमावस्या 2024 तिथि व मुहूर्त (Somvati Amavasya 2024 Date And Time)

इस साल सोमवती अमावस्या 2 सितंबर 2024 को पड़ रही है। पंचांग अनुसार अमावस्या का मुहूर्त 2 सितंबर की सुबह 05:21 से 3 सितंबर की सुबह 07:24 बजे तक रहेगा।

सोमवती अमावस्या पूजा विधि (Somvati Amavasya Puja Vidhi In Hindi)

  • सोमवती अमावस्या के दिनब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें।
  • इस दिन गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। यदि आप नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर नहा लें।
  • स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
  • फिर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
  • संभव हो तो इस दिन शिव मंदिर भी जरूर जाएं।
  • इस दिन अपनी क्षमतानुसार दान भी जरूर करें।
  • पितरों की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध भी कर सकते हैं।
  • इस दिन विवाहित स्त्रियां पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं।
  • पीपल के वृक्ष पर दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि चीजें चढ़ाई जाती हैं और वृक्ष के चारों ओर 108 बार धागा लपेट कर पेड़ की परिक्रमा की जाती है।
  • कुछ अन्य परम्पराओं में इस दिन भंवरी देने का भी विधान होता है।
  • धान, पान और खड़ी हल्दी को मिलाकर उसे तुलसी के पेड़ को चढाया जाता है।

सोमवती अमावस्या के उपाय (Somvati Amavasya ke Upay In Hindi)

  • सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से आपको हजारों गौ दान जितना फल प्राप्त होता है।
  • यदि आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो सोमवती अमावस्या पर तुलसी के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें।
  • पति के लंबी आयु के लिए सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करें।
  • यदि कोई व्यक्ति पितृदोष से पीड़ित है तो उसे सोमवती अमावस्या पर पितरों का पिण्डदान और तर्पण करना चाहिए।

सोमवती अमावस्या का महत्व (Somvati Amavasya Significance In Hindi)

कहते हैं जो कोई भी सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करता है उसे समृद्ध, स्वस्थ्य और खुशहाल जीवन की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा स्नान करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है। तो वहीं भगवान शिव की पूजा करने से समस्त दुख दूर हो जाते हैं।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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