Hindu Religion: चोटी या शिखा क्यों रखी जाती है, वेद ही नहीं विज्ञान ने भी बताया है महत्व
Choti or Shikha Rakhne ke labh: हिंदू धर्म में चोटी या शिखा का आध्यात्मिक महत्व है। पूजा-पाठ, अनुष्ठान से जुड़े लोग चोटी रखते हैं। आइये जानते हैं कि चोटी रखने के क्या लाभ हैं।
Choti or Shikha Rakhne ke labh
Choti or Shikha Rakhne ke labh: हिंदू धर्म में चोटी या शिखा का आध्यात्मिक महत्व है। सनातन धर्म में 'शिखा' यानि सिर के विशेष भाग पर कुछ बालों को चोटी के रूप में छोड़ देते हैं जिसे सामान्य भाषा में चोटी कहते हैं। पूजा-पाठ, अनुष्ठान से जुड़े लोग चोटी रखते हैं। इसके महत्व को न केवल वेद ने बल्कि विज्ञान ने भी प्रमाणित किया है। ऐसा माना जाता है कि ‘शिखा’ परमात्मा की शक्ति का संचारक है। परमात्मा की शक्ति इसी मार्ग से मनुष्य के भीतर प्रवेश करती है। आइये जानते हैं कि चोटी रखने के क्या लाभ हैं।
शिखा रखने के वैज्ञानिक लाभ
जिस स्थान पर शिखा होती है उसके नीचे एक ग्रंथि होती है, जिसे कि पिट्टयूरी ग्रंथि कहा जाता है। यहां बनने वाला रस पूरे शरीर और बुद्धि को तेज संपन्न, स्वस्थ और चिरंजीवी बनाता है। जिस स्थान पर चोटी रखी जाती है उस स्थान पर मस्तिष्क का केंद्र होता है। चोटी रखने से सहस्त्रार चक्र जागृत रहता है जोकि बुद्धि, मन और शरीर पर नियंत्रण रखता है।
चोटी रखने के फायदे
‘शिखा’ सुषुम्ना की रक्षा करती है, इससे स्मरण शक्ति का भी विकास होता है।
शिखा रखने से मानसिक रोगों से बचने की शक्ति मिलती है।
‘शिखा’ को कसकर बांधने से रक्त का संचार सही तरीके से होता है।
चोटी बांधने से आंखों की रोशनी सही रहती है और शरीर सक्रिय रहता है।
शिखा या चोटी कितनी लंबी होनी चाहिए
ग्रंथों में शिखा या चोटी रखने के नियम बताए गए हैं। वेदों के अनुसार, ‘शिखा’ का आकार गाय के पैर के खुर के जितना होना चाहिए। आकार इससे न कम और न ज्यादा होना चाहिए। वहीं लघुशंका, दीर्घशंका, मैथुन और किसी लाश को कंधा देते वक्त चोटी खोल देनी चाहिए।
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कुलदीप राघव author
कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बु...और देखें
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