Sri Adi Shankaracharya Ashtottara Shatanamavali: शंकराचार्य जयंती के दिन पढ़ें श्री शङ्कराचार्य अष्टोत्तर शत नामावलि, यहां देखें पूरी लिस्ट
Shankaracharya Ashtottara Shatanamavali: आदि शंकराचार्य भारत के सबसे महान दर्शनिक और धर्म गुरु थे। उन्होंने समाज में हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार किया था। शंकराचार्य जयंती के दिन शङ्कराचार्य अष्टोत्तर शत नामावलि का पाठ करना चाहिए। यहां देखें पूरी लिस्ट।
Shankaracharya Jayanti 2024
Shankaracharya Ashtottara Shatanamavali: हिंदू धर्म के महान धर्म गुरु आदि शंकराचार्य जी का जन्म वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन हुआ था। इस साल इनकी जयंती 12 मई 2024 यानि आज मनाई जा रही है। ऐसा माना जाता है कि शंकराचार्य भगवान महादेव के अवतार हैं। इन्होंने पूरे देश में हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार किया। शंकराचार्य की जयंती पर शङ्कराचार्य अष्टोत्तर शत नामावलि पाठ करना लाभकारी होता है। यहां देखें 108 नाम की पूरी लिस्ट।
Shankaracharya Ashtottara Shatanamavali (शङ्कराचार्य अष्टोत्तर शत नामावलि)ध्यानम् ।
कैलासाचल मध्यस्थं कामिताभीष्टदायकम् ।
ब्रह्मादिप्रार्थनाप्राप्तदिव्यमानुषविग्रहम् ॥
भक्तानुग्रहणैकान्तशान्तस्वान्तसमुज्ज्वलम् ।
संयज्ञं संयमीन्द्राणां सार्वभौमं जगद्गुरुम् ॥
किङ्करीभूतभक्तैनः पङ्कजातविशोषणम् ।
ध्यायामि शङ्कराचार्यं सर्वलोकैकशङ्करम् ॥
- ॐ श्रीशङ्कराचार्यवर्याय नमः ।
- ॐ ब्रह्मानन्दप्रदायकाय नमः ।
- ॐ अज्ञानतिमिरादित्याय नमः ।
- ॐ सुज्ञानाम्बुधिचन्द्रमसे नमः ।
- ॐ वर्णाश्रमप्रतिष्ठात्रे नमः ।
- ॐ श्रीमते नमः ।
- ॐ मुक्तिप्रदायकाय नमः ।
- ॐ शिष्योपदेशनिरताय नमः ।
- ॐ भक्ताभीष्टप्रदायकाय नमः ।
- ॐ सूक्ष्मतत्त्वरहस्यज्ञाय नमः
- ॐ कार्याकार्यप्रबोधकाय नमः ।
- ॐ ज्ञानमुद्राञ्चितकराय नमः ।
- ॐ शिष्यहृत्तापहारकाय नमः ।
- ॐ परिव्राजाश्रमोद्धर्त्रे नमः ।
- ॐ सर्वतन्त्रस्वतन्त्रधिये नमः ।
- ॐ अद्वैतस्थापनाचार्याय नमः ।
- ॐ साक्षाच्छङ्कररूपधृते नमः ।
- ॐ षण्मतस्थापनाचार्याय नमः ।
- ॐ त्रयीमार्गप्रकाशकाय नमः ।
- ॐ वेदवेदान्ततत्त्वज्ञाय नमः
- ॐ दुर्वादिमतखण्डनाय नमः ।
- ॐ वैराग्यनिरताय नमः ।
- ॐ शान्ताय नमः ।
- ॐ संसारार्णवतारकाय नमः ।
- ॐ प्रसन्नवदनाम्भोजाय नमः ।
- ॐ परमार्थप्रकाशकाय नमः ।
- ॐ पुराणस्मृतिसारज्ञाय नमः ।
- ॐ नित्यतृप्ताय नमः ।
- ॐ महते नमः ।
- ॐ शुचये नमः
- ॐ नित्यानन्दाय नमः ।
- ॐ निरातङ्काय नमः ।
- ॐ निस्सङ्गाय नमः ।
- ॐ निर्मलात्मकाय नमः ।
- ॐ निर्ममाय नमः ।
- ॐ निरहङ्काराय नमः ।
- ॐ विश्ववन्द्यपदाम्बुजाय नमः ।
- ॐ सत्त्वप्रधानाय नमः ।
- ॐ सद्भावाय नमः ।
- ॐ सङ्ख्यातीतगुणोज्वलाय नमः
- ॐ अनघाय नमः ।
- ॐ सारहृदयाय नमः ।
- ॐ सुधिये नमः ।
- ॐ सारस्वतप्रदाय नमः ।
- ॐ सत्यात्मने नमः ।
- ॐ पुण्यशीलाय नमः ।
- ॐ साङ्ख्ययोगविचक्षणाय नमः ।
- ॐ तपोराशये नमः ।
- ॐ महातेजसे नमः ।
- ॐ गुणत्रयविभागविदे नमः
- ॐ कलिघ्नाय नमः ।
- ॐ कालकर्मज्ञाय नमः ।
- ॐ तमोगुणनिवारकाय नमः ।
- ॐ भगवते नमः ।
- ॐ भारतीजेत्रे नमः ।
- ॐ शारदाह्वानपण्डिताय नमः ।
- ॐ धर्माधर्मविभागज्ञाय नमः ।
- ॐ लक्ष्यभेदप्रदर्शकाय नमः ।
- ॐ नादबिन्दुकलाभिज्ञाय नमः ।
- ॐ योगिहृत्पद्मभास्कराय नमः
- ॐ अतीन्द्रियज्ञाननिधये नमः ।
- ॐ नित्यानित्यविवेकवते नमः ।
- ॐ चिदानन्दाय नमः ।
- ॐ चिन्मयात्मने नमः ।
- ॐ परकायप्रवेशकृते नमः ।
- ॐ अमानुषचरित्राढ्याय नमः ।
- ॐ क्षेमदायिने नमः ।
- ॐ क्षमाकराय नमः ।
- ॐ भव्याय नमः ।
- ॐ भद्रप्रदाय नमः
- ॐ भूरिमहिम्ने नमः ।
- ॐ विश्वरञ्जकाय नमः ।
- ॐ स्वप्रकाशाय नमः ।
- ॐ सदाधाराय नमः ।
- ॐ विश्वबन्धवे नमः ।
- ॐ शुभोदयाय नमः ।
- ॐ विशालकीर्तये नमः ।
- ॐ वागीशाय नमः ।
- ॐ सर्वलोकहितोत्सुकाय नमः ।
- ॐ कैलासयात्रासम्प्राप्तचन्द्रमौलिप्रपूजकाय नमः
- ॐ काञ्च्यां श्रीचक्रराजाख्ययन्त्रस्थापनदीक्षिताय नमः ।
- ॐ श्रीचक्रात्मकताटङ्कतोषिताम्बामनोरथाय नमः ।
- ॐ श्रीब्रह्मसूत्रोपनिषद्भाष्यादिग्रन्थकल्पकाय नमः ।
- ॐ चतुर्दिक्चतुराम्नाय प्रतिष्ठात्रे नमः ।
- ॐ महामतये नमः ।
- ॐ द्विसप्ततिमतोच्चेत्रे नमः ।
- ॐ सर्वदिग्विजयप्रभवे नमः ।
- ॐ काषायवसनोपेताय नमः ।
- ॐ भस्मोद्धूलितविग्रहाय नमः ।
- ॐ ज्ञानात्मकैकदण्डाढ्याय नमः
- ॐ कमण्डलुलसत्कराय नमः ।
- ॐ गुरुभूमण्डलाचार्याय नमः ।
- ॐ भगवत्पादसञ्ज्ञकाय नमः ।
- ॐ व्याससन्दर्शनप्रीताय नमः ।
- ॐ ऋष्यशृङ्गपुरेश्वराय नमः ।
- ॐ सौन्दर्यलहरीमुख्यबहुस्तोत्रविधायकाय नमः ।
- ॐ चतुष्षष्टिकलाभिज्ञाय नमः ।
- ॐ ब्रह्मराक्षसमोक्षदाय नमः ।
- ॐ श्रीमन्मण्डनमिश्राख्यस्वयम्भूजयसन्नुताय नमः ।
- ॐ तोटकाचार्यसम्पूज्याय नमः ॥
- ॐ पद्मपादार्चिताङ्घ्रिकाय नमः ।
- ॐ हस्तामलकयोगीन्द्र ब्रह्मज्ञानप्रदायकाय नमः ।
- ॐ सुरेश्वराख्यसच्चिष्यसन्न्यासाश्रमदायकाय नमः ।
- ॐ नृसिंहभक्ताय नमः ।
- ॐ सद्रत्नगर्भहेरम्बपूजकाय नमः ।
- ॐ व्याख्यासिंहासनाधीशाय नमः ।
- ॐ जगत्पूज्याय नमः ।
- ॐ जगद्गुरवे नमः ॥
शङ्कराचार्य अष्टोत्तर शत नामावलि पाठ लाभआदि शंकरायार्य जी के शतनामवलि का पाठ करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इन नामों के जाप से आंतरिक ऊर्जा विकसित होती है। इसके साथ ही सकारात्मकता भी आती है। इन नामों के पाठ से ज्ञान वर्धन होता है।
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