कृष्ण जन्माष्टमी आरती, आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की...
आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त देर रात 12:01 AM से 12:45 AM बजे तक रहेगा। यहां जानिए जन्माष्टमी की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती, चालीसा सबकुछ।
कृष्ण जन्माष्टमी आरती, आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की...
हर साल भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। जो इस बार 26 अगस्त को पड़ा है। इस त्योहार को कृष्ण जयंती (krishna Jayanti 2024), कृष्ण जन्मदिन (Krishna Birthday 2024) और गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन कई लोग व्रत रखते हैं और रात 12 बजे के करीब बाल गोपाल की विधि विधान पूजा करते हैं। खास बात ये है कि इस जन्माष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्भुत संयोग भी बन रहा है। यहां आप जानेंगे जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ।
Krishna Janmashtami 2024 Hindi Wishes Images
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि (Krishna Janmashtmi Puja Vidhi In Hindi)
- कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा के लिए रात 12 बजे का समय शुभ माना जाता है।
- इसलिए रात 12 बजे की पूजा से पहले फिर से स्नान जरूर कर लें।
- पूजा स्थान पर पूजा की सभी सामग्री साथ लेकर पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाएं।
- फिर माता देवकी, वासुदेव, गणेश जी, यशोदा मैया, बलदेव, नंदलाल और लक्ष्मी माता की विधिवत पूजा करें।
- भगवान कृष्ण का अभिषेक करें।
- फिर उन्हें भोग लगाएं और अंत में आरती करें।
Janmashtami Puja Time 2024
जन्माष्टमी की रात 12 बजे क्या करें (Janmashtami Ki Raat 12 Baje Kya Kare)
जन्माष्टमी की मुख्य पूजा रात 12 बजे ही की जाती है। दरअसल ऐसा माना जाता है कि कृष्ण जी का जन्म रात 12 बजे ही हुआ था। इसलिए इस समय पर लोग नन्द के आनंद भयो भजन गाकर कृष्ण जी के आगमन की खुशियां बनाते हैं। इस समय पर कृष्ण जी का अभिषेक किया जाता है। उन्हें तरह-तरह के पकवानों का भोग लगाया जाता है। इसके बाद बाल गोपाल की आरती की जाती है। फिर उन्हें झूला झुलाया जाता है।
भगवान कृष्ण के मंत्र (Sri Krishna Mantra)
- कृं कृष्णाय नमः
- कृष्ण हरे कृष्ण । कृष्ण कृष्ण हरे हरे । हरे राम हरे राम । राम राम हरे हरे ॥
- ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
- ओम क्लीम कृष्णाय नमः
- गोकुल नाथाय नमः
कृष्ण जी की आरती (Krishna Ji Ki Aarti)
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
Laddu Gopal Ki Aarti: लडडू गोपाल की आरती
आरती श्री गोपाल जी की कीजे।अपना जन्म सफल कर लीजे ॥।
श्री यशोदा का परम दुलारा।
बाबा की अखियन का तारा ।।
गोपियन के प्राणों का प्यारा।
इन पर प्राण न्योछावर कीजे ।।
।। आरती ।।
बलदाऊ के छोटो भैय्या ।
कान्हा कहि कहि बोलत मैय्या ।।
परम मुदित मन लेत बलैय्या।
यह छबि नैनन में भरि लीजे।।
।। आरती ।।
श्री राधावर सुघर कन्हैय्या ।
ब्रज जन का नवनीत खवैय्या ।।
देखत ही मन नयन चुरैय्या।
अपना सर्वश्व इनको दीजे ।।
।। आरती ।।
तोतर बोलनि मधुर सुहावे ।
सखन मधुर खेलत सुख पावे ।।
सोई सुकृति जो इनको ध्याये।
अब इनको अपनो करि लीजे ।।
।। आरती ।।
कृष्ण जन्माष्टमी प्रसाद (Krishna Janmashtami Prasad)
धनिया पंजीरीमाखन मिश्री
तुलसी के पत्ते
मखाना पाग
चरणामृत
मेवा खीर
56 भोग
आज चांद कितने बजे दिखाई देगा (Aaj Chand Kitne Baje Dikhega)
शहर का नामजन्माष्टमी चांद निकलने का समय 2024मथुरा जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:21 PM
वृंदावन जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:21 PM
नई दिल्ली जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:20 PM
नोएडा जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:19 PM
लखनऊ जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:10 PM
गुरुग्राम जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:22 PM
चण्डीगढ़ जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:16 PM
मुम्बई जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202412:02 AM, 27 अगस्त
चेन्नई जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:45 PM
जयपुर जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:31 PM
Krishna Ji Ki Mantra
Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics (श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी)
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
हे नाथ नारायण...॥
पितु मात स्वामी, सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
हे नाथ नारायण...॥
॥ श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी...॥
बंदी गृह के, तुम अवतारी
कही जन्मे, कही पले मुरारी
किसी के जाये, किसी के कहाये
है अद्भुद, हर बात तिहारी ॥
है अद्भुद, हर बात तिहारी ॥
गोकुल में चमके, मथुरा के तारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
पितु मात स्वामी, सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
अधर पे बंशी, ह्रदय में राधे
बट गए दोनों में, आधे आधे
हे राधा नागर, हे भक्त वत्सल
सदैव भक्तों के, काम साधे ॥
सदैव भक्तों के, काम साधे ॥
वही गए वही, गए वही गए
जहाँ गए पुकारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
पितु मात स्वामी सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
गीता में उपदेश सुनाया
धर्म युद्ध को धर्म बताया
कर्म तू कर मत रख फल की इच्छा
यह सन्देश तुम्ही से पाया
अमर है गीता के बोल सारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
पितु मात स्वामी सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधू सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देवा
॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी...॥
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥
हरी बोल, हरी बोल,
हरी बोल, हरी बोल ॥
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥
Krishna Janmashtami Mantra: कृष्ण जन्माष्टमी मंत्र
-ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय नमः-ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे,
सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधिराम
-हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
-कृं कृष्णाय नमः
-ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
-ओम क्लीम कृष्णाय नमः
-गोकुल नाथाय नमः
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला (Bhaye Pragat Kripala Deendayala Lyrics)
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,कौशल्या हितकारी |
हर्षित महतारी, मुनिमन हारी
अद्भुत रूप विचारी |
लोचन अभिरामा तनु घनश्यामा ,
निज आयुध भुजचारी |
भूषन बन माला नयन विशाला,
सोभासिंधु खरारी|
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी,
केहि विधि करूं अनंता |
माया गुण ग्याना तीत अमाना,
वेद पुराण भनंता |
करुना सुख सागर सब गुण आगर,
जेहिं गावहिं श्रुति संता|
सो मम हित लागी जन अनुरागी,
भयऊ प्रगट श्रीकंता |
व्रम्हांड निकाया निर्मित माया,
रोम रोम प्रति वेद कहै|
मम उर सो बासी यह उपहासी,
सुनत धीर मति थिर न रहै |
उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना,
चरित बहुत विधि कीन्ह चहै |
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई,
जेहि प्रकार सूत प्रेम लहै |
माता पुनि बोली सो मति डोली,
तजहु तात यह रूपा |
कीजै शिशुलीला अति प्रियशीला,
यह सुख परम अनूपा |
सुनी बचन सुजाना रोदन ठाना,
होइ बालक सुरभूपा |
यह चरित जे गावहिं हरिपद पावहिं,
ते न परहिं भवकूपा |
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौशल्या हितकारी |
हर्षित महतारी मुनिमन हारी,
अद्भुत रूप विचारी|
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौशल्या हितकारी |
हर्षित महतारी, मुनिमन हारी
अद्भुत रूप विचारी |
जन्माष्टमी व्रत कितने बजे खोलें (Janmashtami Vrat Kitne Baje Khole)
जन्माष्टमी व्रत अधिकतर लोग रात 12 बजे कृष्ण जी की पूजा करने के बाद खोल लेते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि पारण के समय सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।जन्माष्टमी पर चांद कितने बजे निकलेगा 2024
जन्माष्टमी पर चांद 11 बजकर 30 मिनट तक निकलगा। वहीं कृष्ण जी की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12 बजे से शुरू होगा।Janmashtami Par Chand Nikalne Ka Time 2024 (कृष्ण जन्माष्टमी के दिन चांद कितने बजे निकलेगा 2024)
- मथुरा जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:21 PM
- वृंदावन जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:21 PM
- नई दिल्ली जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:20 PM
- नोएडा जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:19 PM
- लखनऊ जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:10 PM
- गुरुग्राम जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:22 PM
- चण्डीगढ़ जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:16 PM
- मुम्बई जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202412:02 AM, 27 अगस्त
- चेन्नई जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:45 PM
- जयपुर जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:31 PM
- हैदराबाद जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:43 PM
- पटना जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202410:56 PM
- रायपुर (राजस्थान) जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:40 PM
- रांची जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:50 PM
- भोपाल जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:34 PM
- कानपुर जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:13 PM
- बेंगलुरु जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:56 PM
- अहमदाबाद जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202411:54 PM
- कोलकाता जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 202410:50 PM
- पुणे जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 2024
- 12:00 AM, 27 अगस्त
Janmashtami Vrat Parana Vidhi: जन्माष्टमी व्रत पारण विधि
जन्माष्टमी व्रत पारण करने से पहले विधि विधान कृष्ण भगवान की पूजा करें। उन्हें भोग अर्पित करें। फिर भोग में चढ़ाई गई चीजों को खाकर व्रत खोल लें।Banke Bihari Ki Aarti (बांके बिहारी की आरती)
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं ।
आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं,
श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं ।
॥ श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥
मोर मुकुट प्यारे शीश पे सोहे,
प्यारी बंसी मेरो मन मोहे ।
देख छवि बलिहारी मैं जाऊं ।
॥ श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥
चरणों से निकली गंगा प्यारी,
जिसने सारी दुनिया तारी ।
मैं उन चरणों के दर्शन पाऊं ।
॥ श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥
दास अनाथ के नाथ आप हो,
दुःख सुख जीवन प्यारे साथ आप हो ।
हरी चरणों में शीश झुकाऊं ।
॥ श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥
श्री हरीदास के प्यारे तुम हो ।
मेरे मोहन जीवन धन हो।
देख युगल छवि बलि बलि जाऊं ।
॥ श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,
हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं ।
आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं,
श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं ।
Laddu Gopal Puja Shubh Muhurat 2024 (लड्डू गोपाल की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 2024)
2024 में जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त 2024 को यानि आज मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी के दिन मध्या रात्रि में कान्हा का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन मध्यरात्रि में ही कान्हा की पूजा की जाती है। आज के लड्डू गोपाल की पूजा समय मध्या रात्रि के 12 बजकर 1 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक का समय शुभ रहने वाला है। आज बाल गोपाल की पूजा के लिए पूरे 45 मिनट का समय मिलेगा। इस समय में आप बाल गोपाल की पूजा कर सकते हैं।Krishna Bhagwan Ki Aarti
जन्माष्टमी व्रत विधि
जन्माष्टमी व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।फिर बाल गोपाल का श्रृंगार कर उनकी विधि विधान पूजा करें।
इस दिन अपने घर के मंदिर को अच्छे से सजाएं।
मंदिर के पास और घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं।
बाल गोपाल का पालना सजाएं।
इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। हालांकि फलाहारी भोजन ले सकते हैं।
दूध और दही का सेवन भी कर सकते हैं।
इस व्रत वाले दिन रात 12 बजे कृष्ण जी की पूजा होती है।
इसलिए रात की पूजा से पहले दोबारा से स्नान कर लें।
फिर लड्डू गोपाल का दूध और गंगाजल से अभिषेक करें।
उन्हें नए वस्त्र पहनाएं और फूलों से उनका श्रृंगार करें।
उन्हें मुकुट लगाएँ और बांसुरी दें। साथ ही मोरपंख भी लगाएं।
चंदन और वैजयंती माला से लड्डू गोपाल का सुदंर श्रृंगार करें।
जन्माष्टमी भोग में तुलसीदल, फल, मक्खन, मिश्री, मखाने, मिठाई, मेवे और धनिये की पंजीरी को जरूर शामिल करें।
कृष्ण जी की आरती के बाद प्रसाद सभी में बांट दें।
इसके बाद अपने व्रत का पारण कर लें।
janmasthami pooja timing 2024
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 25 अगस्त, 2024 दिन रविवार को रात 3 बजकर 39 मिनट पर हो गई है। वहीं, इसका समापन 26 अगस्त, 2024 दिन सोमवार को रात 02 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में जन्माष्टमी आज यानी 26 अगस्त को मनाई जा रही है। लड्डू गोपाल की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 27 अगस्त की रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक है।Krishna Janmasthami Puja Muhurat 2024
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 25 अगस्त, 2024 दिन रविवार को रात 3 बजकर 39 मिनट पर हो गई है। वहीं, इसका समापन 26 अगस्त, 2024 दिन सोमवार को रात 02 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में जन्माष्टमी आज यानी 26 अगस्त को मनाई जा रही है। लड्डू गोपाल की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 27 अगस्त की रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक है।पूजा विधि (Janmashtami 2024 Puja Vidhi)
ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और भक्तिपूर्वक कठोर व्रत रखने का संकल्प लें। पूजा की शुरुआत से पहले घर और मंदिर को साफ करें। लड्डू गोपाल जी का पंचामृत व गंगाजल से अभिषेक करें। फिर उन्हें नए सुंदर वस्त्र, मुकुट, मोर पंख और बांसुरी आदि से सजाएं। पीले चंदन का तिलक लगाएं। माखम-मिश्री, पंजीरी, पंचामृत, ऋतु फल और मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएंकान्हा के वैदिक मंत्रों का जाप पूरे दिन मन ही मन करें। आरती से पूजा का समापन करें। अंत में शंखनाद करें। इसके बाद प्रसाद का वितरण करें। अगले दिन प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
भोग मंत्र (Bhog Mantra)
जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को भोग अर्पित करते समय निम्न मंत्र का जप करना चाहिए।त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
Janmashtami Bhog List 2024
मिश्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान बाल गोपाल को माखन के साथ मिश्री का भी भोग अवश्य ही लगाएं। मिश्री भगवान कृष्ण को अतिप्रिय है। माखन और मिश्री दोनों का साथ भोग लगाने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त की सारी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं।
पंजीरी
भगवान श्री कृष्ण को पंजीरी का भोग भी जन्माष्टमी के दिन लगाएं। पंजीरी को सिंघाड़े के आटे और धनिया के साथ तैयार किया जाता है। पंजीरी भोग के बिना भगवान कृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है। इस भोग लगाने से कृष्ण की कृपा बनी रहती है।
श्रीखंड
भगवान कृष्ण को जन्माष्टमी के दिन श्रीखंड का भोग लगाना चाहिए। श्रीखंड का भोग लगाना चाहिए शुभ होता है। गुजरात में द्वारकाधीश को इस चीज का भोग खासतौर पर लगाया जाता है। श्रीखंड का भोग लगाने से साधक की सारी मनोकामना पूरी होती है।
मालपुए का भोग
जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को मालपुए का भोग लगाना बहुत शुभ होता है। मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को मालपुए का भोग लगाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस भोग से कृष्ण प्रसन्न होते हैं।
वृंदावन में जन्माष्टमी कब है 2024 (Janmashatmi 2024 In Vrindavan)
वृंदावन में जन्माष्टमी 27 अगस्त को मनाई जाएगी। यहां के बांके बिहारी मंदिर में 27 अगस्त की रात 12 बजे भगवान कृष्ण का अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद मंगला आरती होगी और भगवान को भोग लगाया जाएगा।जन्माष्टमी का इतिहास (janmashtami History)
जन्माष्टमी का त्योहार सदियों से मनाया जा रहा है। ये पर्व हर साल बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। कंस के अत्याचारों से धरती को मुक्त कराने के लिए भगवान विष्णु ने द्वापर युग में भाद्रपद महीने की अष्टमी तिथि पर कृष्ण के रूप में देवकी के गर्भ से जन्म लिया। कृष्ण के जन्म से लोक परलोक दोनों ही प्रसन्न हो गए थे। इस कारण कृष्म के जन्म के रूप में जन्माष्टमी का प्रव भादव महीने की अष्टमी तिथि को मनाया जानें लगा।कृष्ण जन्माष्टमी पूजा मंत्र (Krishna Janmashtami Puja Mantra)
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा
श्री कृं कृष्ण आकृष्णाय नमः
ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
गोकुल नाथाय नमः
क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः
Iskcon Sri Krishna Janmashtami 2024 Live
मथुरा में जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। सबसे पहले कृष्ण जी का अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद भोग लगाया जाएगा। फिर आरती की जाएगी। बता दें बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा।जन्माष्टमी व्रत पारण कब है 2024 (Janmashtami Vrat Ka Parana Kab Hai 2024)
जन्माष्टमी व्रत का पारण रात 12 बजे के बाद और अगले दिन भी किया जाता है। आप अपनी सुविधानुसार किसी भी समय जन्माष्टमी व्रत खोल सकते हैं। नीचे हम आपको जन्माष्टमी व्रत खोलने के तीन मुहूर्तों के बारे में बताने जा रहे हैं।कृष्ण जन्माष्टमी व्रत विधि (Krishna Janmashtami Vrat Vidhi In Hindi)
कृष्ण जन्माष्टमी व्रत सूर्योदय से शुरू होकर अगले दिन सूर्योदय तक रखा जाता है। जो कोई भी इस व्रत को करता है उसे व्रत से एक दिन पहले यानि की सप्तमी तिथि को हल्का और सात्विक भोजन ही करना चाहिए। इसके बाद जन्माष्टमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता। लेकिन फलाहार ले सकते हैं। पूरे दिन व्रती व्रत रहने के बाद रात में 12 बजे विधि विधान भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। इसके बाद व्रत का पारण करते हैं। वहीं कई लोग जन्माष्टमी व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करते हैं।कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है (Krishna Janmashtami Kyu Manaya Jata Hai)
कृष्ण जन्माष्टमी पर्व भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आधी रात में भगवान विष्णु के 8वें अवतार श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान कृष्ण ने धरती को कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया था। यही वजह है कि हर साल कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।बांके बिहारी मंदिर जन्माष्टमी 2024 (Banke Bihari Mandir Janmashtami Date And Schedule 2024)
बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा। रात 12 बजे कृष्ण जी का अभिषेक किया जाएगा। ये महाभिषेक करीब 2 घंटे तक चलता है। इसके बाद ठाकुर जी का श्रृंगार किया जाएगा। फिर पंजीरी का भोग लगाया जाएगा। फिर रात करीब 2 बजे मंगला आरती होगी। जो साल में दो ही बार होती है।जन्माष्टमी व्रत में क्या खाना चाहिए (Janmashtmi Vrat Me Kya Kya Kha Sakte Hai)
दहीदूध
पनीर
खीरा
फल
ड्राई फ्रूट्स
आलू
साबूदाने से बनी चीजें
सेंधा नमक
सिंघाड़े और कुट्टू का आटा
लौकी की सब्जी
काली मिर्च
टमाटर और हरि मिर्च
जीरा
चाय
कॉफी
चीनी
जन्माष्टमी व्रत में बाल धो सकते हैं (Can We Wash Hair On Janmashtami Vrat)
जन्माष्टमी व्रत में आप बाल धो सकत हैं। इसकी कोई मनाही नहीं है। लकिन कई लोग किसी भी तरह के व्रत में बाल नहीं धोते हैं तो बेहतर होगा कि आप व्रत से एक दिन पहले बाल धो लें।कृष्ण जन्माष्टमी व्रत में क्या खाना चाहिए (Krishna Janmashtami Vrat Me Kya Khana Chahiye)
जन्माष्टमी के व्रत में आप फलाहार ले सकते हैं। आप फलों, दूध, दही, कूट्टू और सिंघाड़े के आटे, आलू, साबूदाना आदि चीजों का सेवन कर सकते हैं। रात में जन्माष्टमी की पूजा के बाद आप अन्न भी खा सकते हैं।श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व (Krishna Janmashtami Ka Mahatva)
कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा के समय खीरा काटा जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि जन्माष्टमी पर खीरे के तने को बच्चे की नाल समझकर श्री कृष्ण जी जन्म के वक्त काटा जाता है। दरअसल इस दिन खीरे को भगवान कृष्ण के माता देवकी से अलग होने के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। कई जगह इस दिन खीरा काटने की प्रक्रिया को नल छेदन भी कहा जाता है।जन्माष्टमी व्रत विधि
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और इसके बाद भगवान कृष्ण के मंदिर में जायें और वहां मोर-पंख अवश्य चढ़ाएं।मंदिर नहीं जा सकते तो घर के मन्दिर में ही भगवान कृष्ण को मोर पंख चढ़ाएं।
इस दिन भगवान कृष्ण की प्रतिमा को अच्छे से सजाएं।
उनके लिए झूला तैयार करें।
पूजा के समय भगवान कृष्ण के मन्त्र का 108 बार जप करें।
रात 12 बजे की पूजा से पहले फिर से स्नान कर लें।
फिर साफ वस्त्र पहनकर पूजा की तैयारी करें।
फिर कृष्ण जी की प्रतिमा को दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक कराएं।
उन्हें फूल और फल चढ़ाएं।
तरह-तरह के पकवान का भोग लगाएं।
जन्माष्टमी की कथा सुनें और अंत में भगवान कृष्ण की आरती करें।
Krishna Janmashtami Prasad Items List In Hindi (कृष्ण जन्माष्टमी प्रसाद लिस्ट)
माखन मिश्रीपंचामृत
धनिए की पंजीरी
खीरा
मखाने की खीर
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा सामग्री (Krishna Janmashtami Puja Samagri)
धूप बत्ती और अगरबत्ती, यज्ञोपवीत 5, अक्षत, पान के पत्ते, सुपारी, पुष्पमाला, केसर, कपूर, आभूषण, रुई, तुलसीमाला, कमलगट्टा, सप्तधान, गंगाजल, शहद, अबीर, गुलाल, पंच मेवा, शक्कर, गाय का घी, गाय का दही, गाय का दूध, ऋतुफल, छोटी इलायची, सिंहासन, झूला, तुलसी दल, कुश व दूर्वा, हल्दी, कुमकुम, आसन, मिष्ठान्न, बाल स्वरूप कृष्ण की प्रतिमा, रोली, सिंदूर, चंदन, भगवान के वस्त्र, नारियल, फूल, फल, मोर पंख, गाय बछड़े सहित, केले के पत्ते, औषधि, पंचामृत, दीपक, मुरली, माखन, खीरा।जन्माष्टमी व्रत नियम- क्या करें और क्या ना करें (Janmashtami Vrat Niyam- Kya Kare Kya Na Kare)
जन्माष्टमी व्रत में अन्न और वस्त्र का दान करें।व्रत के पारण के बाद सात्विक भोजन का सेवन करें।
इस दिन अनजाने में भी जानवर या बेजुबान को नुकसान ना पहुंचाएं।
मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन ना करें।
आप व्रत में फलाहार ले सकते हैं।
Janmashtami Puja Muhurat 2024 (कृष्ण जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त 2024)
श्री कृष्ण जन्माष्टमी 202426 अगस्त 2024 को भगवान कृष्ण का 5251वां जन्मोत्सवश्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त 202412:01 AM से 12:45 AM, अगस्त 27
चन्द्रोदय समय11:20 PM
अष्टमी तिथि प्रारम्भअगस्त 26, 2024 को 03:39 AM बजे
अष्टमी तिथि समाप्तअगस्त 27, 2024 को 02:19 AM बजे
रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भअगस्त 26, 2024 को 03:55 PM बजे
रोहिणी नक्षत्र समाप्तअगस्त 27, 2024 को 03:38 PM बजे
Krishna Janmashtami Prasa Items List In Hindi (कृष्ण जन्माष्टमी भोग लिस्ट)
माखन मिश्रीपंचामृत
धनिए की पंजीरी
खीरा
मखाने की खीर
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त 2024 (Krishna Janmashtami 2024 Shubh Muhurat)
कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त की रात 12 बजकर 1 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। कृष्ण जी की पूजा के लिए निशिता पूजा समय सबसे शुभ माना जाता है।जन्माष्टमी व्रत के नियम (Janmashtami Fast Rules In Hindi)
इस दिन सात्विन भोजन करना चाहिए।व्रत रखने वाले लोग इस दिन अन्न और वस्त्र का दान जरूर करें।
इस दिन जानवरों को भूल से भी न सताएं।
इस दिन गायों की सेवा करना बेहद शुभ होता है।
व्रत में दूध, दही, फल आदि चीजें खा सकते हैं।
आलू, टमाटर, खीरा और साबूदाना भी ले सकते हैं।
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