Shri Ram Family Tree: यहां देखें भगवान राम की वंशावली
Shri Ram Family Tree: भगवान राम का नाम सनातन धर्म के प्रमुख देवताओं में आता है। इन्हें श्री हरि विष्णु का 7वां अवतार माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था। यहां आप जानेंगे भगवान श्रीराम की वंश परंपरा, ब्रह्रााजी से लेकर भगवान राम तक।
Sri Ram Family Tree
Shri Ram Family Tree (श्री राम वंशावली): राजा दशरथ की तीन रानियां थीं कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी। भगवान राम राजा दशरथ और रानी कौशल्या की बड़ी संतान थे। इनके तीन भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे। लक्ष्मण और शत्रुघ्न रानी सुमित्रा के पुत्र थे तो वहीं भरत कैकेयी के पुत्र थे। श्री राम का विवाह सीता जी से हुआ था। उनके दो पुत्र थे लव और कुश। लक्ष्मण जी की पत्नी का नाम उर्मिला था तो वहीं भरत जी की पत्नी का नाम माण्डवी था और शत्रुघ्न की पत्नी का नाम श्रुतकीर्ति था। अब जानिए भगवान श्रीराम की वंश परंपरा के बारे में विस्तार से यहां।
भगवान राम की वंशावली (Ram Ji Vanshavali In Hindi)
- ब्रह्माजी से मरीचि हुए
- मरीचि के पुत्र कश्यप हुए
- कश्यप के पुत्र विवस्वान हुए
- विवस्वान से सूर्यवंश का आरंभ हुआ
- विवस्वान से पुत्र वैवस्वत मनु हुए
- फिर वैवस्वत मनु के दस पुत्र हुए जिनके नाम थे- इल, इक्ष्वाकु,कुशनाम (नाभाग),अरिष्ट, धृष्ट, नरिष्यन्त, करुष, महाबली, शर्याति, पृषध
- भगवान राम का जन्म वैवस्वत मनु के दूसरे पुत्र इक्ष्वाकु के कुल में हुआ और इक्ष्वाकु से ही सूर्यवंश बढ़ता चला गया।
- इक्ष्वाकु वंश में विकुक्षि, निमि और दण्डक पुत्रों का जन्म हुआ।
- धीरे-धीरे यह वंश परंपरा आगे बढ़ती गई।
- जिसमें फिर हरिश्चन्द्र रोहित, वृष, बाहु और सगर भी पैदा हुए।
- अयोध्या की स्थापना इक्ष्वाकु के समय में ही हुई थी। इक्ष्वाकु कौशल देश के राजा थे और इस देश की राजधानी साकेत थी, जिसे अयोध्या कहा जाता है। इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि थे और कुक्षि के पुत्र विकुक्षि
- फिर विकुक्षि की संतान बाण हुई और बाण के पुत्र अनरण्य
- इसके बाद अनरण्य से पृथु और पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ
- फिर त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार पैदा हुए और फिर इनके पुत्र युवनाश्व हुए
- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए और मान्धाता से सुसन्धि हुए
- फिर सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित
- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए और फिर इनके पुत्र असित हुए
- फिर असित के पुत्र सगर का जन्म हुआ
- सगर अयोध्या के बहुत ही पराक्रमी राजा थे
- राजा सगर के पुत्र असमंज हुए
- फिर असमंज के पुत्र अंशुमान हुए और अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए
- दिलीप से ही भगीरथ पुत्र हुए
- ये वही भगीरथ हैं जो मां गंगा को कठोर तप के बल पर पृथ्वी पर ले आए थे।
- फिर भगीरथ के पुत्र ककुत्स्थ हुए और ककुत्स्थ से रघु का जन्म हुआ।
- रघु के जन्म होने पर ही सूर्य वंश का नाम रघुवंश पड़ गया
- रघु से उनके पुत्र प्रवृद्ध हुए। फिर प्रवृद्ध से होते होते कई वंश चलते गए
- जिसमें नाभाग हुए और फिर नाभाग के पुत्र अज हुए।
- अज से पुत्र दशरथ हुए और फिर दशरथ अयोध्या के राजा बने।
- दशरथ के चार पुत्र हुए भगवान राम, भरत, लक्ष्मण और शुत्रुघ्न
- इस तरह भगवान राम का जन्म ब्रह्राजी की ही 67 पीढ़ियां में हुआ।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आ...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited