Surya Arghya Mantra: सूर्य को अर्घ्य देते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

Surya Arghya Mantra: सनातन धर्म में सूर्य को अर्घ्य देने यानी जल चढ़ाने का विशेष महत्व माना जाता है। जानिए सूर्य को अर्घ्य देते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए।

Surya Arghya Mantra

Surya Arghya Mantra: सूर्य देव को अर्घ्य देना बेहद शुभ माना जाता है। अगर रोज जल चढ़ाना संभव न हो तो रविवार के दिन तो जरूर ही सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। कहते हैं सूर्य को अर्घ्य देने से सकारात्मकता आती है। साथ ही कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत हो जाती है। सूर्य के मजबूत होने से व्यक्ति को तमाम सुखों की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति के दिन भी सूर्य उपासना का विशेष महत्व माना जाता है। जानिए सूर्य को अर्घ्य देते समय का मंत्र।

सूर्य को अर्घ्य देने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। ध्यान रहे कि जल देने से पहले अन्न का सेवन नहीं करना है। बता दें उगते सूर्य को अर्घ्य देना सबसे शुभ माना जाता है।

सूर्य अर्घ्य मंत्र (Surya Arghya Mantra)

  • ॐ खगय नम:
  • ॐ पुष्णे नम:
  • ॐ मारिचाये नम:
  • ॐ आदित्याय नम:
  • ॐ सावित्रे नम:
  • ॐ आर्काय नम:
  • ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
  • ॐ सूर्याय नम:
  • ॐ भास्कराय नम:
  • ॐ रवये नम:
  • ॐ मित्राय नम:
  • ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
सूर्य को अर्घ्य देने की विधि (Surya Arghya Vidhi)

शास्त्रों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव को जल खड़े होकर अर्पित करना चाहिए। दरअसल, खड़े होकर जल चढ़ाने से शरीर के सातों चक्र जागृत हो जाते हैं, जिससे व्यक्ति के अंदर तेज प्रवेश करता है।

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