Surya Dev Ki Aarti: छठ पूजा पर जरूर करें सूर्य देव की आरती, हर कामना होगी पूरी
Surya Dev Ki Aarti: छठ पूजा में मुख्य रूप से सूर्य देव की अराधना की जाती है। ऐसे में इस दिन सूर्य की पूजा के बाद उनकी आरती जरूर करनी चाहिए। यहां देखें भगवान सूर्य देव की आरती।

Surya Dev Ki Aarti
Surya Dev Ki Aarti Lyrics In Hindi (सूर्य भगवान की आरती): छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की अराधना का पर्व है। इस दिन महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं। यानी इस दौरान अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं करती हैं और दिन भर सूर्य देव के लिए प्रसाद तैयार करती हैं। फिर शाम में पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। साथ ही सूर्य देव की आरती की जाती है। यहां देखें सूर्य देव की आरती के लिरिक्स।
Surya Dev Ki Aarti Lyrics In Hindi (सूर्य भगवान की आरती)
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
Surya Bhagwan Ki Aarti (सूर्य भगवान की आरती)
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।।
रजनीपति मदहारी, शतदल जीवनदाता।
षटपद मन मुदकारी, हे दिनमणि दाता।।
जग के हे रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।।
नभमंडल के वासी, ज्योति प्रकाशक देवा।
निज जन हित सुखरासी, तेरी हम सबें सेवा।।
करते हैं रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।।
कनक बदन मन मोहित, रुचिर प्रभा प्यारी।
निज मंडल से मंडित, अजर अमर छविधारी।।
हे सुरवर रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।।
Surya Aarti Benefits (सूर्य देव की आरती के लाभ)
सूर्य देव की आरती सिर्फ किसी विशेष दिन ही नहीं बल्कि रोजाना सुबह करनी चाहिए। सूर्य देव की आरती करने से अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होने के साथ-साथ जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है। सूर्य की आरती करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है जिससे समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।
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