Surya Dev Ki Aarti: सूर्य देव की आरती, ओम जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान

Surya Dev Aarti: मकर संक्रांति का पर्व सूर्य देव की उपासना का पर्व माना जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा के समय उनकी इस आरती को जरूर करें।

सूर्य भगवान की आरती

Surya Narayan Aarti: मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पावन पर्व साल 2023 में 15 जनवरी को यानी आज मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर सूर्य की उपासना की जाती है। कहते हैं जिनकी कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में होते हैं उन्हें करियर में खूब सफलता प्राप्त होती है। ऐसे में मकर संक्रांति का दिन सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए खास माना जाता है। इस दिन नदी स्नान कर या घर पर ही स्वच्छ पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान जरूर करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें और उनकी इस आरती को करना बिल्कुल भी न भूलें।

संबंधित खबरें

Surya Dev Ki Aarti Lyrics In Hindi

संबंधित खबरें

ऊँ जय सूर्य भगवान,

जय हो दिनकर भगवान ।

जगत् के नेत्र स्वरूपा,

तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ।

धरत सब ही तव ध्यान,

ऊँ जय सूर्य भगवान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

सारथी अरूण हैं प्रभु तुम,

श्वेत कमलधारी ।

तुम चार भुजाधारी ॥

अश्व हैं सात तुम्हारे,

कोटी किरण पसारे ।

तुम हो देव महान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

ऊषाकाल में जब तुम,

उदयाचल आते ।

सब तब दर्शन पाते ॥

फैलाते उजियारा,

जागता तब जग सारा ।

करे सब तब गुणगान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

संध्या में भुवनेश्वर,

अस्ताचल जाते ।

गोधन तब घर आते॥

गोधुली बेला में,

हर घर हर आंगन में ।

हो तव महिमा गान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

देव दनुज नर नारी,

ऋषि मुनिवर भजते ।

आदित्य हृदय जपते ॥

स्त्रोत ये मंगलकारी,

इसकी है रचना न्यारी ।

दे नव जीवनदान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

तुम हो त्रिकाल रचियता,

तुम जग के आधार ।

महिमा तब अपरम्पार ॥

प्राणों का सिंचन करके,

भक्तों को अपने देते ।

बल बृद्धि और ज्ञान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

भूचर जल चर खेचर,

सब के हो प्राण तुम्हीं ।

सब जीवों के प्राण तुम्हीं ॥

वेद पुराण बखाने,

धर्म सभी तुम्हें माने ।

तुम ही सर्व शक्तिमान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

पूजन करती दिशाएं,

पूजे दश दिक्पाल ।

तुम भुवनों के प्रतिपाल ॥

ऋतुएं तुम्हारी दासी,

तुम शाश्वत अविनाशी ।

शुभकारी अंशुमान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

ऊँ जय सूर्य भगवान,

जय हो दिनकर भगवान ।

जगत के नेत्र रूवरूपा,

तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ॥

धरत सब ही तव ध्यान,

ऊँ जय सूर्य भगवान ॥

End Of Feed