Surya Grahan 2022: सूर्य के दौरान गर्भवती महिलाएं रहें सावधान, बिल्कुल भी न करें ये काम

Solar eclipse impact on pregnant ladies: साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को है। भारत के कई हिस्सों में ये सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से दिखाई देगा। ग्रहण का सबसे बुरा असर गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। जानिए सूर्य ग्रहण पर क्या करें गर्भवती महिलाएं।

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Surya Grahan 2022

मुख्य बातें
  • सूर्य ग्रहण इस साल दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर 2022 को है।
  • साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक तौर पर दिखेगा।
  • सूर्य ग्रहण पर गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
Surya Grahan 2022 Dos and Dont's for Pregnant Women: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण इस साल दिवाली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर मंगलवार को है। इस कारण गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर और भाई दूज का त्योहार 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा। भारत में ये सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से दिखेगा। ऐसे में सूतक काल मान्य रहेगा। सूर्य ग्रहण पर गर्भवती महिलाओं को कुछ विशेष सावधानियां बरतनी होती है। दरअसल इस ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव सबसे अधिक गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है।
साल 2022 के आखिरी सूर्य ग्रहण की शुरुआत (Surya Grahan Timings) 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 28 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति शाम 5 बजकर 30 मिनट पर है। सूतक काल (Surya Grahan Sutak Kaal) सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। ये सुबह तीन बजकर 17 मिनट पर शुरू हो जाएगा, जो शाम पांच बजकर 42 मिनट तक रहेगा। धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण को अशुभ माना गया है। इस दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें। इससे महिला और शिशु दोनों के स्वास्थय खासकर त्वचा पर बुरा असर पड़ता है। गर्भवती महिलाएं नंगी आंखों से सूर्यग्रहण को न देखें।
ग्रहण काल पर न करें भोजन (Solar eclipse impact on pregnant ladies)
सूर्य ग्रहण में गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वह भोजन न करें। इस दौरान वह केवल फलाहार ही करें। इसके अलावा किसी भी तरह की नुकीली वस्तुओं से दूर रहें। इससे होने वाले शिशु को नुकसान हो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात सूर्य ग्रहण के दौरान बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए। ग्रहण जब खत्म हो जाएं तो सबसे पहले गर्भवती महिला को स्नान करना चाहिए। ग्रहण के बाद गंगा स्नान करने का विधान है। लेकिन अगर यह संभव नहीं हो तो आप नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं सूर्य देव की पूजा कर सकती हैं इसके साथ उन्हें आदित्य ह्द्य स्त्रोत और सूर्या अष्टक स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। वहीं, ग्रहण के प्रकोप से खुद को और अपने गर्भस्थ शिशु को बचाने के लिए गर्भवती महिलाओं को मंत्रों का जाप करना चाहिए। मंत्रों का जाप करने से गर्भवती महिलाओं के ऊपर तरंगों का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)
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शिवम पांडे author

शिवम् पांडे सिनेमा के आलावा राजनीति, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय सम्बन्धों में खास रुचि है। पत्रकारिता में लगभग सात साल का अनुभव रखने वाले शिवम् पांडे बॉ...और देखें

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