Surya Grahan 2023 Story: जानिए क्यों लगता है सूर्य ग्रहण, क्या है राहु - केतु की कहानी
Surya Grahan 2023 Katha: सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व होता है। साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा। इस ग्रहण का प्रभाव भारत में देखने को नहीं मिलेगा। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण की कहानी। क्या है इसकी पौराणिक कथा।
Rahu- Ketu Story
Surya Grahan 2023 Story: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। वैदिक कैलेंडर के अनुसार हर साल सूर्य और चंद्र ग्रहण पड़ते हैं। जब सूर्य या चंद्र ग्रहण लगता है तो इसका असर हर किसी के जीवन पर पड़ता ही है। धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण को अच्छे शगुन के तौर पर नहीं देखा जाता है। साल 2023 में चार ग्रहण लगेंगे। सूर्य ग्रहण धार्मिक और वैज्ञानिक रूप से सभी के लिए बहुत महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के समय कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। इस समय भोजन करने मूर्ति पूजन करने की भी मनाही होती है। सूर्य ग्रहण के दिन मंदिर के भी पट बंद कर दिए जाते हैं। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण से राहु- केतु का क्या संबंध है। क्या है इसकी पौराणिक कथा।
सूर्य ग्रहण राहु- केतु कहानी (Surya Grahan 2023 Katha)
पुराणों में सूर्य ग्रहण के संबंध में समुद्र में मंथन की कथा का वर्णन मिलता है। जब समुद्र मंथन हुआ तो 14 रत्न प्रकट हुए जिनमें से एक अमृत कलश भी था। इसी अमृत कलश के कारण देवताओं और दानवों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया। इस समस्या को सुलझाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया और देवताओं और राक्षसों को एक-एक करके अमृत पीने के लिए कहा। जब देवताओं को अमृत वितरित किया गया, तो स्वर्भानु नाम का एक राक्षस अमृत पीने की इच्छा से अपना रूप बदल कर सूर्य देव और चंद्र देव के बीच बैठ गया, लेकिन दोनों देवताओं ने राक्षस को पहचान लिया। सूर्य और चंद्रमा देवताओं ने भगवान विष्णु को पूरी कहानी बताई। भगवान विष्णु ने क्रोधित होकर सुर्दशन चक्र से स्वर्भानु का सिर काट दिया, लेकिन स्वर्भानु के गले से अमृत की कुछ बूंदें पहले ही बह चुकी थीं। इससे उनका शरीर अमर होकर दो भागों में विभक्त हो गया। सिर वाले भाग को राहु और धड़ को केतु कहा गया। राहु-केतु सूर्य और चंद्रमा के बीच कलह के कारण उनके प्रति द्वेष रखते हैं और बदला लेने के लिए समय-समय पर चंद्रमा और सूर्य को ग्रसित करते रहते हैं, तभी सूर्य ग्रहण होता है।
राहु- केतु से बचने के उपाय
सूर्य ग्रहण पर राहु-केतु का बहुत अधिक प्रभाव होता है। इससे बना बनाया काम बिगड़ जाता है। इनके नकारात्मक प्रभाव को रोकने के लिए सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दिन गेहूं, चाय, तांबा, चना और तिल का दान करना चाहिए। यह उपचार दोनों अशुभ ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है। साथ ही सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान शिव और मां काली की पूजा करनी चाहिए जिससे सभी नकारात्मक शक्तियां और ग्रह बाधाएं दूर हो जाती हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें
21 January 2025 Panchang: पंचांग से जानिए माघ कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के शुभ-अशुभ मुहूर्त
February Festival List 2025: बसंत पंचमी से लेकर महाशिवरात्रि तक, जानिए फरवरी में आने वाले व्रत-त्योहारों की डेट्स
कल बदलेगी मंगल की चाल, इन 4 राशि वालों का हो सकता है बुरा हाल, रहें सतर्क
Mangal Gochar 2025: 21 जनवरी को मंगल देव करेंगे मिथुन राशि में प्रवेश, जानें मेष से मीन तक क्या होगा असर ?
Basant Panchami 2025 Maa Saraswati Mantra: संगीत और ज्ञान की देवी माता सरस्वती को प्रसन्न कर पाइए उनका आशीर्वाद, इस बसंत पंचमी पर करिए इन सिद्ध मंत्रो का जाप
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited