Surya Grahan 2023 Mantra: सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव को काटते हैं ये प्रभावशाली मंत्र, एकांत में बैठकर करें जाप

Surya Grahan 2023 Ke Mantra, Solar Eclipse Mantra: आज यानी 20 अप्रैल को 2023, गुरुवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण है। योतिष में ग्रहण को अच्‍छा नहीं माना जाता है। ऐसे में इसके प्रभाव को काटने के ल‍िए लगातार मंत्र जाप करना चाह‍िए।

Surya Grahan 2023 ke Mantra (Istock)

Surya Grahan 2023 ke Mantra (Istock)

Surya Grahan 2023 Ke Mantra: आज यानी 20 अप्रैल को 2023, गुरुवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण है। ये हाइब्रिड यानी संकर सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) होगा जो पूरे 10 साल बाद लगा है। साल 2023 के इस पहले सूर्य ग्रहण की शुरुआत सुबह 7 बजकर 5 मिनट से हो चुकी है और समाप्ति करीब दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगी। ज्‍योतिष में ग्रहण को अच्‍छा नहीं माना जाता है। ऐसे में इसके प्रभाव को काटने के ल‍िए लगातार मंत्र जाप करना चाह‍िए।

सूर्य ग्रहण मंत्र (Surya Grahan Mantra)

माना जाता है क‍ि ग्रहण के खत्‍म होने के बाद भी कई द‍िनों तक इसका प्रभाव रहता है। ऐसे में इसके नकारात्‍मक प्रभाव को कम करने के ल‍िए ग्रहण के सूतक काल से ही मंत्रों का उच्‍चारण करना चाह‍िए। ऐसे में गायत्री मंत्र और महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप लाभप्रद बताया गया है। हालांक‍ि मंत्र भी राश‍िनुसार बताए जाते हैं लेकिन गायत्री मंत्र और महामृत्‍युंजय मंत्र सभी के ल‍िए बराबर फलदायी माने गए हैं।

Gayatri Mantra during Surya Grahan

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

अर्थात- उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपने अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करे।

Mahamrityunjay Mantra during Surya Grahan

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात्

अर्थात- इस पूरे संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले भगवान शिव की हम पूजा करते हैं। इस पूरे विश्‍व में सुरभि फैलाने वाले भगवान शंकर हमें मृत्‍यु के बंधनों से मुक्ति प्रदान करें, जिससे कि मोक्ष की प्राप्ति हो जाए।

सूर्य ग्रहण के दौरान करें इन आसान मंत्रों का जाप

  • विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
  • तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
  • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।

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कुलदीप राघव author

कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बुलंदशहर जिले के छोटे से कस्बे खुर्जा का रहने वाला ह...और देखें

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