Swami Vivekanand Quotes: आत्मानं सततं रक्षेत्- प्रत्येक परिस्थिति में स्वयं की रक्षा करो, स्वामी विवेकानंद के अध्यात्मिक विचार

Swami Vivekanand Jayanti 2024 Quotes (स्वामी विवेकानंद कोट्स): स्वामी विवेकानंद द्वारा कही गई बातें व्यक्ति को कभी न हार मानने और जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहने की सीख देती हैं। स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के शुभ अवसर पर जानें उनके प्रसिद्ध कोट्स संस्कृत और हिंदी में।

Swami Vivekanand Sanskrit Quotes

Swami Vivekanand Sanskrit Quotes

Swami Vivekanand Jayanti 2024 Sanskrit Quotes (स्वामी विवेकानंद जयंती 2024 कोट्स): स्वामी विवेकानंद जी का एक कथन है- 'उतिष्ठत। जाग्रत। प्राप्य वरान्निबोधत। उठो। जागो।' इसका मतलब है कि उठो, जागो और आगे बढ़ो, और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाये। यही नहीं स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन काल में कई ऐसी प्रेरणादायक सीख दी हैं जिनसें हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उनके द्वारा दी गई सीखें एक निराश और हताश व्यक्ति में भी नई उमंग और ऊर्जा भर देती है। स्वामी विवेकानंद जयंती पर जानिए स्वामी जी के अनमोल विचार।

Swami Vivekanand Jayanti Sanskrit Quotes

-उतिष्ठत। जाग्रत। प्राप्य वरान्निबोधत।

उठो, जागो और आगे बढ़ो, और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाये।

-उध्दरेदात्मनात्मानम्।

स्वयं की स्वयं रक्षा करो।

-आत्मानं सततं रक्षेत्।

प्रत्येक परिस्थिति में स्वयं की रक्षा करो।

-सन्निमित्ते वरं त्यागो विनाशे नियते सति।

जब मृत्यु निश्चित हो, स्वयं को अच्छे कारण के लिए समर्पित करना सर्वोत्तम है।

-सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः

अंत में जाकर सत्य की ही जीत होती है, झूठ की नहीं और सत्य में ही भगवान का वास होता है व सत्य का मार्ग ही परमात्मा से मेल करवाता है।

-क्वाम्बा सर्वा क्व गणनं मम हीनबुद्धेः धत्तुं दोर्भ्यामिव मतिर्जगदेकधात्रीम् ।

श्रीसञ्चिन्त्यं सुचरणमभयपतिष्ठम् सेवासारैरभिनुतं शरणं प्रपद्ये

अर्थ : वह प्रत्यक्ष माँ अंबा और उनका यह मूर्त स्वरुप, जिसके लिए मेरी छोटी बुद्धि से मैं प्रार्थना कर रहा हूँ, इन दोनों के बीच बहुत बड़ा अंतर है। जैसे की बच्चों जैसे मेरे छोटे हाथों से मैं सारे ब्रह्माण्ड के रचयिता को गले लगा रहा हूँ। उस शाश्वत माता का मैं आश्रय चाहता हूँ, जिनके चरण कमल का ध्यान माँ लक्ष्मी करती है, और जहाँ हमें सच्ची मुक्ति मिलती है।

-या मामा जन्म विनयत्यतिदुःखमार्गैः आसंसिद्धेः स्वकलितैर्ल्ललितैर्विलासैः ।

या मे बुद्धिं सुविदधे सततं धरण्यम् साम्बा सर्वा मम गतिः सफले फले वा

अर्थ : अनंत दुःख एवं उनकी लीलाओं से भरे इस सुंदर रास्ते पर जो मुझे ले जा रही है, जिनकी दिव्य बुद्धि का प्रभाव विश्व में दिखाई दे रहा है, वह प्रेममयी माँ अंबा ही मेरा एक मात्र आश्रय हो, चाहे इस मार्ग में मुझे साफल्य मिले, या मेरे संघर्षों में वैफल्य।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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