Chanakya Niti: चाणक्य के ये चार मंत्र हैं बेहद खास, जीवन में अपना लिया तो सफलता आपके कदम चूमेगी
Chanakya Neeti In Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में सफलता प्राप्त करने के कई उपाय बताएं हैं। इन उपायों को अपनाकर कोई भी व्यक्ति सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, सफलता उन्हीं लोगों को मिलती है जो मेहनत करने के साथ मिलने वाले अवसर का फायदा उठाते हैं।
करियर में सफलता के लिए चाणक्य नीति
- अवसर मिलने पर करें फायदा उठाने की कोशिश
- सवला पूछने में कभी भी न करें संकोच, नहीं तो बने रहेंगे अज्ञानी
- क्रोध से हमेशा बनाए रखें दूरी, तभी मिलेगी जीवन में सफलता
Chanakya Neeti In Hindi: आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र को सफलता नीति कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगा। इसमें मानव जीवन को सफल बनाने के लिए कई ऐसे उपाय बताए गए हैं जो किसी भी व्यक्ति को सफलता के शिखर पर पहुंचा सकते हैं। यही कारण है कि सदियों बाद आज भी लोग चाणक्य नीति का अध्ययन कर इसमें बताए गए सुझाव और उपाय को अपने जीवन में अपनाते हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, सफलता उन्हीं लोगों को मिलती है जो मेहनत करने के साथ मिलने वाले अवसर का फायदा उठाते हैं। आचार्य ने सफलता प्राप्त करने के चार ऐसे मूलमंत्र बतायें हैं, जिनकी मदद से कोई भी व्यक्ति किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त कर सकता है।
असफलता से कभी न घबराएं
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सफलता प्राप्त करने का सबसे बड़ा मूलमंत्र यह है कि असफलता से कभी भी घबराना नहीं चाहिए। जब भी कोई कार्य शुरू करें तो समझ लें कि उसमें परेशानियों तो आएंगी ही, लेकिन इस परेशानी और असफलता से घबराकर घबराकर उसे कभी बीच में न छोड़े। असफलता और सफलता जीवन का चक्र हैं। अगर मेहनत और ईमानदारी से अपना कार्य करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।
अवसर का फायदा उठाएं
चाणक्य कहते हैं कि, हर व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने का अवसर जरूर मिलता है। इसलिए अवसर मिलने पर कभी चूकना नहीं चाहिए। जब भी ऐसा मौका आये तो अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर उस मौके का फायदा उठाएं। अगर आलस्य या झिझक के कारण मौके का फायदा न उठाया तो बाद में हाथ मलते रह जाएंगे।
सवाल करने से कभी संकोच न करें
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि नौकरी हो या कारोबार, कई बार लोग अपने मन में उठते सवालों को पूछने में संकोच करते हैं। यह एक ऐसी गलती है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती है। व्यक्ति को कभी भी सवाल का जवाब जानने में संकोच नहीं करना चाहिए। जो लोग संकोची होते हैं, वे अपने इस आदत की वजह से ही आगे नहीं बढ़ पाते हैं।
क्रोध से बनाए रखें दूरी
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन उसका क्रोध होता है। जब किसी व्यक्ति को क्रोध आता है तो उसके सोचने-समझने की शक्ति खत्महो जाती है। ऐसे लोग अपना बना हुआ काम भी क्रोध में आकर खराब कर लेते हैं। ऐसे लोग न तो नौकरी में सफल हो पाते हैं और न ही कारोबार में सफलता मिलती है। इसलिए व्यक्ति को हमेशा क्रोध से दूरी बनाए रखना चाहिए।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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