ये चार उपाय करेंगे ग्रह दोष से होने वाले रोगों का काम तमाम, पढ़ें क्या है ग्रह और रोगों का आपसी तालमेल

जन्मकुंडली में ग्रह दोष होने के कारण जातक को घेर लेते हैं रोग। ग्रह की स्थिति बनती है बीमारियों के होने का कारण। बृहस्पति, सूर्य, चंद्र, शुक्र आदि ग्रहों के दोष किये जा सकते हैं छोटे−छोटे उपायों से दूर। आइये आपको बताते हैं ग्रहदोष से होने वाले रोग और उनको दूर करने के विशेष उपाय।

ग्रह और रोग

मुख्य बातें
  • हृदय रोग होने का कारण बनता है कुंडली में सूर्य निर्बल
  • बृहस्पति ग्रह के कारण होते हैं सांस और फेफड़ों के रोग
  • राहु− केतु का दुष्प्रभाव दूर करता है चंद्रमा का उपाय

जिस तरह राशियों का संबंध शरीर के विभिन्न अंगों से होता है, ठीक उसी तरह राशियों के स्वामी ग्रहों का भी इन अंगों में उत्पन्न होने वाले रोगों से संबंध होता है। आज हम यहां आपके साथ ग्रहदोष के कारण कौन कौन से बीमारी व्यक्ति को अपना शिकार बनाती हैं और कैसे इन ग्रहदोषों को शांत कर सुखमय जीवन का लाभ लिया जा सकता है।

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ग्रह एवं रोग

सूर्य- यदि जन्मकुंडली में जातक का सूर्य निर्बल हो तो वह दिल कमजोर होना या दिल से जुड़ी परेशानियों की संभावना बनी रहती है। अगर उसे सूर्य चंद्र की सहायता न प्राप्त हो तो पागलपन या लकवा जैसी गंभीर बीमारियां भी शरीर में अपना ठिकाना तलाश लेती हैं।

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