Geeta Jayanti 2022: गीता के ये उपदेश बचपन से ही बच्चों को पढ़ाएं, सफल हो जाएगा जीवन

Geeta jayanti 2022: श्रीमद्भागवत गीता के उपदेश को बड़े से लेकर बच्‍चों तक के लिए लाभकारी माना जाता है। इसके प्रेरणादायी उपदेश बच्‍चों का सही तरीके से मार्गदर्शन करते हैं। अगर कम उम्र में छोटे बच्चे को इन उपदेशों को पढ़ाया और सुनाया जाए तो उनके भविष्य की नींव और मजबूत हो सकती है। वे खुद को बेहतर बना सफलता हासिल कर सकेंगे।

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गीता के ये उपदेश बच्चों को जरूर पढ़ाएं, होगा सही मार्गदर्शन

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • श्रीमद्भागवत गीता के उपदेश बच्‍चों के लिए प्ररेणादायक
  • श्रीमद्भागवत गीता करता है बच्‍चों का सही मार्गदर्शन
  • छोटे बच्‍चों को पढ़ाएं व सुनाए श्रीमद्भागवत गीता के उपदेश

Geeta Jayanti 2022: छोटे बच्चे का दिमाग बहुत तेज होता है। बच्‍चे बचपन में जो कुछ भी सीखते हैं उसे वह पूरे जीवन याद रखते हैं। बचपन में ही भविष्य की मजबूत नींव पड़ जाती है। इसलिए बच्‍चों पर विशेष ध्‍यान देने की जरूरत पड़ती है। माता-पिता अगर बच्चों को कम उम्र में अच्छी बातें सीखाते हैं तो इससे उनकी जिदंगी बेहतर बन सकती है। अगर आप भी अपने बच्चे को ज्ञान देना चाहते हैं तो उन्‍हें श्रीमद्भागवत गीता के उपदेश जरूर सुनाए और पढ़ाएं। भागवत गीता के ये उपदेश न केवल बड़े लोगों को आगे बढने की प्रेरणा देते हैं, बल्कि बच्चों का भी सही मार्गदर्शन करते हैं। यहां हम आपको भगवत गीता के उन उपदेश के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके बच्‍चों को सही तरीके से आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं।

कर्म करते रहो

फल की इच्छा किए बिना इंसान को अपना कर्म करते रहना चाहिए। कई बार किसी काम को करने से पहले लोग फल की इच्‍छा करने लगते हैं, उदाहरण के लिए जैसे बच्चे अक्सर सोचते हैं कि वो परीक्षा मुश्‍किल है, वे नहीं कर सकते हैं। ऐसे में अपने बच्‍चों को समझाएं कि वह केवल अपना कर्म करें फल की न सोचें। इसलिए उन्‍हें एग्‍जाम में अच्‍छे से मेहनत करनी चाहिए।

आलस त्‍यागना

बच्चे अगर किसी भी काम को करने के लिए आलस करते हैं तो उनकी इस आदत को सुधारना बेहद जरूरी है। क्योंकि जीवन में सफलता हासिल करने के लिए आलस को त्‍यागना आवश्‍यक है। कुछ बच्चे अपने आलस की वजह से स्कूल होमवर्क भी नहीं करते हैं। अगर आपके बच्चे भी यही गलती करते हैं, तो उन्हें बताएं कि जीवन में सफलता पाने के लिए आलस त्‍यागना जरूरी है।

कर्तव्‍यों का पालन

अक्सर बच्चे पढ़ने या फिर किसी भी काम करने के लिए झट से मना कर देते हैं। ऐसे में उन्‍हें भागवत गीता के ये वचन बच्‍चों को जरूर बताएं कि जीवन में बिना मेहनत कुछ हासिल नहीं होता है। इसलिए जीवन में कभी भी मेहनत करने से नहीं भागना चाहिए।

लालच छोड़े

बच्चों को जरूर बताना चाहिए, लालच करना गलत बात है। गीता में भी लालच और गुस्सा को नरक का द्वार बताया गया है। जीवन में सुखी रहने के लिए लालच और गुस्से को छोड़ना आवश्‍यक है। बच्चों को बताएं कि किसी भी चीज को लेकर लालच करना गलत बात है।

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मन पर नियंत्रण रखें

बच्चों को अपने मन पर नियंत्रण रखना सिखाएं। जब तक इंसान का मन नियंत्रण नहीं रहेगा, तब तक जीवन में सुख भी नहीं मिलेगा। आगे चलकर सफलता पाने में भी काफी दिक्कत होगी। इसलिए बच्चों को मन पर नियंत्रण करना जरूर सिखाएं। बचपन में जो भी सीखा जाता है, उसे जीवनभर किया जा सकता है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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