Shiva Temples: भगवान भोलेनाथ की इन मंदिरों की महिमा है अपरंपार
Shiva Temples: भोले बाबा भक्तों के सबसे प्रिय देव हैं। महाशिवरात्रि के मौके पर बाबा के हर मंदिर का नजारा भव्य होता है और देश के हर शहर और गांव में अनगिनत शिव मंदिर हैं। भगवान भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है। तो चलिए आज देवाधिदेव महादेव के तीन मंदिरों की चर्चा आपके साथ करेंगे।
- केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंग में एक है।
- सोमनाथ मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व दोनों है।
- बैद्यनाथ धाम एकमात्र शिवमंदिर है जहां शिव और शक्ति एक साथ विराजमान हैं।
Shiva Temples: हिंदू धर्म में ईश्वर अराधना का बहुत महत्व है औरकरोड़ों देवी देवदाताओं की पूजा की जाती है। ईश्वर के तीन रूप ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानी शिव सबसे अहम हैं। भोले बाबा भक्तों सबसे प्रिय देव हैं और देश के हर शहर और गांव में अनगिनत शिव मंदिर हैं। भगवान भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है। 18 फरवरी को महाशिवरात्रि है तो आइए जानते हैं ऐसे तीन शिव मंदिरों के बारे में जो न सिर्फ विश्व विख्यात हैं बल्कि जिनकी महिमा भी अपरंपार है।
केदारनाथ मंदिर
उत्तराखंड के गढ़वाल में हिमालय पर मंदाकिनी नदी के पास स्थित केदारनाथ मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है।3562 मीटर की ऊंचाई पर बसा बाबा का यह धाम 12 ज्योतिर्लिंग में एक है। चार धाम की यात्रा में केदारनाथ की यात्रा शामिल होती है। शिवपुराण के अनुसार केदारनाथ की पुण्य भूमि पर मृत्यु प्राप्त होने से मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। द्वापर युग में पांडव पापों से मुक्ति के लिए शिव की खोज में केदारनाथ के इस मंदिर की खोज की थी।
सोमनाथ मंदिर
गुजरात के वेरावल के प्रभास क्षेत्र में स्थित सोमनाथ मंदिर धार्मिक के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व भी रखता है। यह मंदिर शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण स्दयं चंद्रदेव ने करवाया था। राजा दक्ष के श्राप से मुक्ति के लिए चंद्रदेव ने यहां शिव की अराधना की थी। कई पुराणों में इस मंदिर की महिमा का वर्णन मिलता है। मान्यता है कि सोमनाथ मंदिर में भोलेनाथ के दर्शन से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर
झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ ऐसा एकमात्र शिव मंदिर है जहां शिव और शक्ति एक साथ विराजमान हैं। यह मंदिर शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल है। शास्त्रों में बाबा बैद्यनाथ धाम की महिमा का वर्णन किया गया है। मंदिर स्थित ज्योतिर्लिंग को कामना लिंग के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि यहां सच्ची श्रद्धा और समर्पण से मांगी मनोकामना जरूर पूरी होती है। श्रावण मास में यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु 105 किमी पदयात्रा कर भोलेनाथ का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited