Tips for Gemstone: नवरत्न करते हैं ग्रहों का प्रतिनिधित्व, यहां पढ़ें नौ रत्नों की क्या है खासियत, उत्पत्ति की कथा

Tips for Gemstone: कुल 84 होते हैं रत्न। इनमें से नौ रत्नों को माना गया है नवरत्न। महंगे होने के साथ ही इनकी होती है अपनी विशेषता। ग्रह बाधा दोष दूर करने के साथ आयुर्वेद में होता है रत्नों का प्रयोग दवा बनाने के लिए भी। विभन्न प्रकार की भस्मों से होता है असाध्य रोगों का इलाज।

84 में से कुल नौ होते हैं नवरत्न।

मुख्य बातें
  • 84 रत्नों में से कुल 9 रत्नों को कहा जाता है नवरात्न
  • हर रत्न करता है किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व
  • ग्रह बाधा दूर करने के साथ होता है रत्नों का प्रयोग दवा में

Tips for Gemstone: आज के तेज युग में प्रत्येक मनुष्य किसी न किसी कारण से दुखी है, कई निर्धनता से दुखी है, कोई शारीरिक रोगों रोगों से पीड़ित है, किसी को मानसिक परेशानी है तो कोई मेहनत का फल नहीं मिलने से दुखी है। हर व्यक्ति तेजी से बढ़ते हुए उन्नति के शिखर पर पहुंच जाना चाहता है। इसके लिए जरूरी है कि परिश्रम के साथ मंत्र− तंत्र, जप−यज्ञ के साथ रत्नों का प्रयोग नियम से किया जाए। रत्न विशेषज्ञ प्रमोद कुमार के अनुसार ग्रह बाधाओं को दूर करने और अपना उन्नति का शिखर पाने के लिए मनुष्य रत्नों और अष्ट धातुओं का प्रयोग प्राचीन काल से करता आारहा है। रत्न और उपरत्न ग्रह बाधाओं को दूर करने में समर्थ होते हैं। आयुर्वेद शास्त्र भी इस बात से सहमति प्रकट करता है कि रत्न, रुद्राक्ष आदि का प्रयोग जीवन के कष्टों को दूर करने केलिए किया जाता है।

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दवा के लिए होता है रत्नों का प्रयोग

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आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार विभिन्न रत्नों की भस्म व पिष्टी का उपयोग विभिन्न बीमारियों में किया जता है। रत्नों की भस्म के प्रयोग से बहुत सी असाध्य बीमारियों की दवा बनती है।

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