Coronavirus जैसी महामारी से बचने के लिए सतर्कता के साथ करें श्री दुर्गा सप्तशती से जुड़ा बस ये महाउपाय

श्री दुर्गा सप्तशती में कुछ विशेष मंत्र विशेष समस्या के समाधान के लिए बताए गए हैं। इसी तरह के मंत्र और उपाय महामारी से बचाव के लिए है। प्रतिदिन मंत्र जाप और हवन से महामारी, रोग का नाश होता है। कम से कम 108 मंत्राें से दें हवन में आहुति।

दुर्गा सप्तशती में छुपे हैं चमत्कारी मंत्र

मुख्य बातें
  • श्रीदुर्गा सप्शती में दिए गए हैं बचाव के मंत्र
  • प्रतिदिन मंत्र जाप और हवन से बढ़ाएं इम्युनिटी
  • वैदिक रीति और सतर्कता से करें महामारी का नाश

Durga Sapshati Path: साल दर साल कोरोना वायरस के नये वैरिएंट का हमला, एक नहीं दुनिया के तमाम देशाें को एक वायरस अपनी चपेट ले लेता है लेकिन अजीब बात ये कि सारी दुनिया से इतर भारत में लोग इसकी चपेट में तो आते हैं लेकिन अपेक्षाकृत कम। हां सावधानी और सजगता तो इसके पीछे कारण है लेकिन एक अदृश्य शक्ति जो इसके पीछे है वो है भारत का आध्यात्म से नाता। माने या न माने लेकिन भारत का वैदिक शास्त्र हर तरह के वायरस से लड़ने की शक्ति स्वतः प्रदान करता है। यहां होने वाले हवन में जो सामग्री आहुत की जाती है वाे वातावरण को शुद्ध करती है। वहीं मंत्रों की आवृत्ति से पर्यावरण के साथ आंतरिक शुद्धिकरण होता है। हर तरह के वायरस कमजोर होते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। मंत्रों की रहस्यमयी शक्ति का महाग्रंथ है श्रीदुर्गासप्तशती। आइये इस पवित्र पुस्तक में वर्णित विशेष महामारी मंत्र के बारे में जानते हैं।

ओमीक्रॉन के बीएफ.7 से लड़ने को मजबूती देगा ये मंत्र

यूं तो श्री दुर्गा शप्तसती अपने आप में एक उर्जा का संग्रह है। देवी के चरित्रों का बखान करती इस पुस्तक में देवी शक्ति, भक्ति के बारें विस्तार से बताया गया है। प्रतिदिन यदि इस पुस्तक का पाठ किया जाए तो व्यक्तित्व में चमत्कारी बदलाव आता है। लेकिन यदि पूरी श्री दुर्गासप्तशती का पाठ न कर सकें तो महामारी से बचाव के लिए इसमें वर्णित विशेष मंत्र का उच्चारण करते हुए हवन में 108 बार प्रतिदिन आहुत जरूर डालें।

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