Totka for Yatra: सफर पर जाते वक्त अगर हो जाएं इनके दर्शन तो समझाे सब होगा शुभ ही शुभ

Totka for Yatra: धार्मिक हो या व्यावसायिक यात्रा, उसका सफल होना होता है जरूरी। घर से बाहर निकलते ही बछड़े को दूध पिलाती गाय दिखना होता है बेहद शुभ। यात्रा सकुशल हो इसके लिए सूटकेस में रखा जाता है पिरामिड। चाहते हैं विदेश यात्रा शीघ्र और सफल हो तो ये उपाय करेंगे अचूक काम।

Totka for Yatra

पहचानें इन शुभ संकेतों को, होगा सब शुभ।

तस्वीर साभार : Times Now Digital
Totka for Yatra: घर से बाहर निकलना वाे भी यात्रा के लिए, इसको लेकर बहुत से लोगों के मन में तमाम संशय रहते हैं। धार्मिक यात्रा हो तो भगवान के दर्शन होंगे या नहीं। व्यावसायिक यात्रा हो तो काम बनेगा या नहीं। किसी शादी संबंध से संबंधित यात्रा हो तो पता नहीं बात बनेगी या नहीं। एक यात्रा को लेकर लाेगों के मन में दर्जनों संशय रहते हैं। यात्रा पर जाते वक्त घर से निकलते ही कुछ विशेष चीजें आप देख लें तो हर तरह के संशय को मन से हटा दें।
गाय बछड़े के दर्शन हैं शुभ
यदि कहीं जाते समय आपको गाय मिले जो बछड़े को दूध पिला रही हो तो आप उसे फल आदि अवश्य खिलाएं। यह बहुत शुभ संकेत है। शीघ्र उसका प्रमाण मिलेगा। गाय माता के अपने शिशु के साथ के दर्शन सर्वाधिक शुभ फल देते हैं।
काम में मिलेगी सफलता इस मंत्र से
कभी किसी काम के लिए या व्यावसायिक यात्रा पर जाते समय एक नारियल लें। उसे हाथ में लेकर 11 बार “श्री हनुमंते नमः” कहकर धरती पर मारकर तोड़ दें। उसके जल को अपने ऊपर छिड़क लें, नारियल की गिरी को निकाल कर सभी को वितरित करते हुए स्वयं भी खांए। ये छोटा सा उपाय आपको शुभ फल देगा।
यात्रा को सकुशल बनाएं
प्रायः यात्रा पर जाने से पूर्व हर किसी के मन में अनेक दुविधाएं होती हैं। इस स्थिति में शंका दूर करने हेतु और अपनी यात्रा कुशल बनाने के लिए यात्रा बैग और सूटकेस में सामान रखने से पूर्व स्फटिक का पिरामिड रखें। जिस बैग में यह पिरामिड रखें वह बैग यात्रा के दौरान अपने पास ही रखें। इससे यात्रा मंगलदायक होने के साथ ही सफल भी होगी।
विदेश जाना चाहते हैं तो ये अचूक उपाय
लोहा-तांबा मिश्रित धातु की अंगूठी शनिवार के दिन बनवाकर उसी दिन दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में पहनें। अंगूठी जोड़ पर खुली अवश्य ही रखनी चाहिए। विदेश जाने की इच्छा पूरी करने वाला व्यक्ति सोमवार का व्रत अवश्य करे। यदि कार्य में शीघ्रता हो तो एक किलो शुद्ध कच्चा दूध रात्रि को बहते जल में बहाना चाहिए। श्वेतार्क के फूल, जड़, काले धतूरे का फूल रवि पुष्य रोग में लाकर इन्हें गौरोचन, मोरपंख का चांद, गाय के घी में पीसकर लेप तैयार कर लें। इस लेप का विदेश में कार्य पाने का इच्छुक व्यक्ति नित्य तिलक लगाया करे।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)
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