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Tulsi Pujan Diwas 2024 Time, Puja vidhi LIVE: 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस क्यों और कैसे मनाते हैं, जानिए इसकी पूजा विधि समेत सारी जानकारी

Tulsi Pujan Diwas 2024 Date, Tulsi Pujan Diwas Kab Hai (तुलसी पूजन दिवस 2024) Puja Vidhi, Samagri, Tulsi Mata Ki Aarti Live Updates: हर साल क्रिसमस डे के दिन हिंदू धर्म के लोग तुलसी पूजन दिवस मनाते हैं। इस दिन तुलसी माता की विधि विधान पूजा की जाती है। कहते हैं तुलसी पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

Tulsi Pujan Diwas 2024 Time, Puja vidhi LIVE: 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस क्यों और कैसे मनाते हैं, जानिए इसकी पूजा विधि समेत सारी जानकारी

Tulsi Pujan Diwas 2024 Time, Puja vidhi LIVE: 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस क्यों और कैसे मनाते हैं, जानिए इसकी पूजा विधि समेत सारी जानकारी

Tulsi Pujan Diwas 2024 Date, Tulsi Pujan Diwas Kab Hai, Puja Vidhi, Samagri, Tulsi Mata Ki Aarti Live Updates: तुलसी पूजन दिवस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। तुलसी के पौधे के धार्मिक और औषधीय महत्व को समझते हुए ही साधु-संतों और आम लोगों ने इस दिन तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू कर दिया। इस पर्व को मनाने की शुरुआत 2014 से हुई और तब से लेकर आज तक क्रिसमस पर्व के दिन सनातन धर्म के लोग पूरी श्रद्धा से तुलसी पूजन दिवस मना रहे हैं। चलिए जानते हैं तुलसी पूजन दिवस कैसे मनाया जाता है और इस दिन क्या करते हैं।

तुलसी पूजा विधि (Tulsi Puja Vidhi)

  • संभव हो तो तुलसी माता की पूजा परिवार सहित करें।
  • तुलसी पूजन दिवस के दिन सुबह स्नान कर तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें।
  • इसके बाद मां तुलसी को अक्षत, चंदन, रोली चढ़ाएं।
  • इसके बाद श्रद्धानुसार 7, 11, 21 या 111 परिक्रमा करें।
  • फिर मां तुलसी का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
  • इसके बाद परिवार समेत तुलसी माता की आरती करें।
  • तुलसी पूजन के दिन तुलसी के पौधे के समक्ष घी का दीपक जरूर जलाएं।

तुलसी जी के मंत्र (Tulsi Mantra)
  1. महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
  2. ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।

तुलसी स्तुति मंत्र (Tulsi Stuti Mantra)
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी माता की आरती (Tulsi Mata Ki Aarti)
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
धन तुलसी पूरण तप कीनो,
शालिग्राम बनी पटरानी ।
जाके पत्र मंजरी कोमल,
श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
सभी सखी मैया तेरो यश गावें,
भक्तिदान दीजै महारानी ।
नमो-नमो तुलसी महारानी,
तुलसी महारानी नमो-नमो ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

Dec 24, 2024 | 11:59 PM IST

Tulsi Diwas Wishes In Hindi

Tulsi Diwas Wishes In Hindi
Dec 24, 2024 | 09:42 PM IST

जय तुलसी माता Jai Tulsi Mata Aarti

Dec 24, 2024 | 09:04 PM IST

तुलसी पूजन दिवस की तारीख और शुभ मुहूर्त 2024 (Tulsi Pujan Diwas 2024 Date And Time)

हिंदू पंचांग के अनुसार तुलसी पूजन दिवस हर साल 25 दिसबंर को मनाया जाता है। इस दिन कई लोग व्रत रखते हैं और शाम में विधि विधान तुलसी माता की पूजा करते हैं। तुलसी पूजन के लिए प्रदोष काल का समय शुभ माना जाता है।
Dec 24, 2024 | 08:29 PM IST

तुलसी पूजन दिवस के दिन क्या करते हैं

तुलसी पूजन दिवस के दिन लोग तुलसी की पूजा करते हैं। साथ ही इस पौधे की परिक्रमा लगाते हैं। इस दिन तुलसी का पौधा लगाना भी शुभ माना जाता है।
Dec 24, 2024 | 08:08 PM IST

तुलसी पूजन दिवस रंगोली

तुलसी पूजन दिवस रंगोली
Dec 24, 2024 | 07:46 PM IST

Tulsi Pujan Diwas 2024, Wishes Quotes in Sanskrit: तुलसी पूजन दिवस की शुभकामनाएं

वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
तुलसी पूजन दिवस की शुभकामनाएं
Dec 24, 2024 | 07:10 PM IST

तुलसी पूजन दिवस की शुभकामनाएं

महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी । आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते ।
तुलसी पूजन दिवस की शुभकामनाएं
Dec 24, 2024 | 06:54 PM IST

तुलसी माता आरती: Tulsi Mata Aarti

जय जय तुलसी माता,
मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता,
सबकी वर माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥

सब योगों से ऊपर,
सब रोगों से ऊपर ।
रज से रक्ष करके,
सबकी भव त्राता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥

बटु पुत्री है श्यामा,
सूर बल्ली है ग्राम्या ।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे,
सो नर तर जाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥

हरि के शीश विराजत,
त्रिभुवन से हो वंदित ।
पतित जनों की तारिणी,
तुम हो विख्याता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥

लेकर जन्म विजन में,
आई दिव्य भवन में ।
मानव लोक तुम्हीं से,
सुख-संपति पाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥

हरि को तुम अति प्यारी,
श्याम वर्ण सुकुमारी ।
प्रेम अजब है उनका,
तुमसे कैसा नाता ॥
हमारी विपद हरो तुम,
कृपा करो माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥

जय जय तुलसी माता,
मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता,
सबकी वर माता ॥
Dec 24, 2024 | 06:40 PM IST

tulsi ji ke kitne parikrama karni chahie: तुलसी जी की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए

हिंदू धर्म में, तुलसी के पौधे की कम से कम तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए. परिक्रमा करते समय, जल अर्पित किया जा सकता है. तुलसी की परिक्रमा करते समय, इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Dec 24, 2024 | 06:22 PM IST

तुलसी पूजा किस विधि से करनी चाहिए?

तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। इसे माता लक्ष्मी का अवतार भी कहा जाता है। तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
सुबह उठकर स्नान करने के बाद तुलसी की पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है।
शाम को दीपक जलाकर तुलसी की पूजा करना भी शुभ होता है।
तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें।
तुलसी के पौधे पर रोली या कुमकुम लगाएं।
तुलसी के मंत्रों का जाप करें। आप तुलसी स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं।
तुलसी की आरती करें।
आखिर में तुलसी की परिक्रमा जरूर लगाएं। इससे व्यक्ति के जीवन में शुभता और सकारात्मकता का संचार होगा।
Dec 24, 2024 | 05:55 PM IST

Tulsi Pujan Diwas 2024 Date: तुलसी पूजन दिवस 2024

तुलसी पूजन दिवस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। तुलसी के पौधे के धार्मिक और औषधीय महत्व को समझते हुए ही साधु-संतों और आम लोगों ने इस दिन तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू कर दिया।
Dec 24, 2024 | 05:24 PM IST

तुलसी पूजन दिवस व्रत कथा: Tulsi Pujan Diwas Katha

प्राचीन काल में एक ब्राह्मण था, जो बहुत ही ईमानदार और सत्यवादी था। वह भगवान विष्णु के भक्त था और हमेशा उनकी पूजा करता था। लेकिन उसके घर में दरिद्रता और परेशानी थी और उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्यों उसकी पूजा-अर्चना के बावजूद उसके जीवन में खुशहाली नहीं आ रही थी। एक बार ब्राह्मण जंगल से अपने घर की ओर जा रहा था कि तभी उसे एक ऋषि के दर्शन हुए। ऋषि ने ब्राह्मण को कहा कि उसने भगवान विष्णु की बहुत पूजा की लेकिन इसके बाद भी उसे कोई फल नहीं मिला क्योंकि उस ब्राह्मण ने अपने घर में उन्हें स्थान नहीं दिया जो श्री हरि विष्णु प्रिया मानी जाती हैं।ऋषि ने ब्राह्मण को कहा कि वह अपने घर में तुलसी के पौधे की स्थापना करें और फिर रोजाना भगवान विष्णु के साथ ही तुलसी माता की पूजा भी करे। ब्राह्मण ने जब ऋषि से तुलसी के पौधे की स्थापना के लिए शुभ दिवस पूछा तो उन्होंने पौष माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को शुभ और मंगलकारी बताया। इसके बाद ब्राह्मण ने ऋषि द्वारा बताई गई तिथि पर तुलसी के पौधे को घर में स्थापित किया और पूरी श्रद्धा से तुलसी माता की पूजा की जिससे भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर ब्राह्मण को दर्शन दिए और उसके सभी कष्ट हर लिए। तभी से पौष कृष्ण पक्ष दशमी के दिन तुलसी पूजन दिवस मनाया जाने लगा।
Dec 24, 2024 | 05:05 PM IST

श्री तुलसी स्तुति (Shri Tulsi Stuti)

तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे ।
नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥ १॥
मनः प्रसादजननि सुखसौभाग्यदायिनि ।
आधिव्याधिहरे देवि तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ २॥

यन्मूले सर्वतीर्थानि यन्मध्ये सर्वदेवताः ।
यदग्रे सर्व वेदाश्च तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ ३॥

अमृतां सर्वकल्याणीं शोकसन्तापनाशिनीम् ।
आधिव्याधिहरीं नॄणां तुलसि त्वां नम्राम्यहम् ॥ ४॥

देवैस्त्चं निर्मिता पूर्वं अर्चितासि मुनीश्वरैः ।
नमो नमस्ते तुलसि पापं हर हरिप्रिये ॥ ५॥

सौभाग्यं सन्ततिं देवि धनं धान्यं च सर्वदा ।
आरोग्यं शोकशमनं कुरु मे माधवप्रिये ॥ ६॥

तुलसी पातु मां नित्यं सर्वापद्भयोऽपि सर्वदा ।
कीर्तिताऽपि स्मृता वाऽपि पवित्रयति मानवम् ॥ ७॥

या दृष्टा निखिलाघसङ्घशमनी स्पृष्टा वपुःपावनी
रोगाणामभिवन्दिता निरसनी सिक्ताऽन्तकत्रासिनी ।
प्रत्यासत्तिविधायिनी भगवतः कृष्णस्य संरोपिता
न्यस्ता तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यै नमः ॥ ८॥
Dec 24, 2024 | 04:10 PM IST

तुलसी जी 108 नाम : Tulsi 108 Naam

1.ॐ श्री तुलस्यै नमः।
2.ॐ नन्दिन्यै नमः।
3.ॐ देव्यै नमः।
4.ॐ शिखिन्यै नमः।
5.ॐ धारिण्यै नमः।
6.ॐ धात्र्यै नमः।
7.ॐ सावित्र्यै नमः।
8.ॐ सत्यसन्धायै नमः।
9.ॐ कालहारिण्यै नमः।
10.ॐ गौर्यै नमः।
11.ॐ देवगीतायै नमः।
12.ॐ द्रवीयस्यै नमः।
13.ॐ पद्मिन्यै नमः।
14.ॐ सीतायै नमः।
15.ॐ रुक्मिण्यै नमः।
16.ॐ प्रियभूषणायै नमः।
17.ॐ श्रेयस्यै नमः।
18.ॐ श्रीमत्यै
19.ॐ मान्यायै नमः।
20.ॐ गौर्यै नमः।
21.ॐ गौतमार्चितायै नमः।
22.ॐ त्रेतायै नमः।
23.ॐ त्रिपथगायै नमः।
24.ॐ त्रिपादायै नमः।
25.ॐ त्रैमूर्त्यै नमः।
26.ॐ जगत्रयायै नमः।
27.ॐ त्रासिन्यै नमः।
28.ॐ गात्रायै नमः।
29.ॐ गात्रियायै नमः।
30.ॐ गर्भवारिण्यै नमः।
31.ॐ शोभनायै नमः।
32.ॐ समायै नमः।
33.ॐ द्विरदायै नमः।
34.ॐ आराद्यै नमः।
35.ॐ यज्ञविद्यायै नमः।
36.ॐ महाविद्यायै नमः।
37.ॐ गुह्यविद्यायै नमः।
38.ॐ कामाक्ष्यै नमः।
39.ॐ कुलायै नमः।
40.ॐ श्रीयै नमः।
41.ॐ भूम्यै नमः।
42.ॐ भवित्र्यै नमः।
43.ॐ सावित्र्यै नमः।
44.ॐ सरवेदविदाम्वरायै नमः।
45.ॐ शंखिन्यै नमः।
46.ॐ चक्रिण्यै नमः।
47.ॐ चारिण्यै नमः।
48.ॐ चपलेक्षणायै नमः।
49.ॐ पीताम्बरायै नमः।
50.ॐ प्रोत सोमायै नमः।
51.ॐ सौरसायै नमः।
52.ॐ अक्षिण्यै नमः।
53.ॐ अम्बायै नमः।
54.ॐ सरस्वत्यै नमः।
55.ॐ सम्श्रयायै नमः।
56.ॐ सर्व देवत्यै नमः।
57.ॐ विश्वाश्रयायै नमः।
58.ॐ सुगन्धिन्यै नमः।
59.ॐ सुवासनायै नमः।
60.ॐ वरदायै नमः।
61.ॐ सुश्रोण्यै नमः।
62.ॐ चन्द्रभागायै नमः।
63.ॐ यमुनाप्रियायै नमः।
64.ॐ कावेर्यै नमः।
65.ॐ मणिकर्णिकायै नमः।
66.ॐ अर्चिन्यै नमः।
67.ॐ स्थायिन्यै नमः।
68.ॐ दानप्रदायै नमः।
69.ॐ धनवत्यै नमः।
70.ॐ सोच्यमानसायै नमः।
71.ॐ शुचिन्यै नमः।
72.ॐ श्रेयस्यै नमः।
73.ॐ प्रीतिचिन्तेक्षण्यै नमः।
74.ॐ विभूत्यै नमः।
75.ॐ आकृत्यै नमः।
76.ॐ आविर्भूत्यै नमः।
77.ॐ प्रभाविन्यै नमः।
78.ॐ गन्धिन्यै नमः।
79.ॐ स्वर्गिन्यै नमः।
80.ॐ गदायै नमः।
81.ॐ वेद्यायै नमः।
82.ॐ प्रभायै नमः।
83.ॐ सारस्यै नमः।
84.ॐ सरसिवासायै नमः।
85.ॐ सरस्वत्यै नमः।
86.ॐ शरावत्यै नमः।
87.ॐ रसिन्यै नमः।
88.ॐ काळिन्यै नमः।
89.ॐ श्रेयोवत्यै नमः।
90.ॐ यामायै नमः।
91.ॐ ब्रह्मप्रियायै नमः।
92.ॐ श्यामसुन्दरायै नमः।
93.ॐ रत्नरूपिण्यै नमः।
94.ॐ शमनिधिन्यै नमः।
95.ॐ शतानन्दायै नमः।
96.ॐ शतद्युतये नमः।
97.ॐ शितिकण्ठायै नमः।
98.ॐ प्रयायै नमः।
99.ॐ धात्र्यै नमः।
100.ॐ श्री वृन्दावन्यै नमः।
101.ॐ कृष्णायै नमः।
102.ॐ भक्तवत्सलायै नमः।
103.ॐ गोपिकाक्रीडायै नमः।
104.ॐ हरायै नमः।
105.ॐ अमृतरूपिण्यै नमः।
106.ॐ भूम्यै नमः।
107.ॐ श्री कृष्णकान्तायै नमः।
108.ॐ श्री तुलस्यै नमः।
Dec 24, 2024 | 03:28 PM IST

Tulsi Pujan ke din kya karen (तुलसी पूजन के दिन क्या करें)

पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के दिन तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है। हर साल यह पर्व 25 दिसंबर को पड़ता है। ऐसे में सुबह उठकर पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। फिर मां तुलसी के सामने घी दीपक जलाएं। उन्हें आटे के हलवे का भोग लगाएं। फिर देवी के 108 नामों का जाप करें।
Dec 24, 2024 | 03:04 PM IST

तुलसी पूजन क्यों मनाया जाता है (Tulsi Pujan kyun manaya jata hai)

इसी को देखते हुए 25 दिसंबर को तुसली पूजन दिवस की शुरुआत की ताकि लोग हिंदू धर्म को ना भूलें और इस तरह के कृत्य ना करें
Dec 24, 2024 | 02:35 PM IST

तुलसी पूजन का महत्व (Tulsi Pujan Ka Mahatva)

आजकल ज्यादातर हिंदू लोग 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाने लगे हैं। कहते हैं तुलसी पूजन करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही जीवन में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है। इतना ही नहीं जिस घर में ये पौधा होता है वहां नकारात्मक ऊर्जा नहीं ठहरती।
Dec 24, 2024 | 01:54 PM IST

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa)

॥ दोहा ॥
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी ।
नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी ॥

श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब ।
जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब ॥

॥ चौपाई ॥
धन्य धन्य श्री तलसी माता ।
महिमा अगम सदा श्रुति गाता ॥

हरि के प्राणहु से तुम प्यारी ।
हरीहीँ हेतु कीन्हो तप भारी ॥

जब प्रसन्न है दर्शन दीन्ह्यो ।
तब कर जोरी विनय उस कीन्ह्यो ॥

हे भगवन्त कन्त मम होहू ।
दीन जानी जनि छाडाहू छोहु ॥ ४ ॥

सुनी लक्ष्मी तुलसी की बानी ।
दीन्हो श्राप कध पर आनी ॥

उस अयोग्य वर मांगन हारी ।
होहू विटप तुम जड़ तनु धारी ॥

सुनी तुलसी हीँ श्रप्यो तेहिं ठामा ।
करहु वास तुहू नीचन धामा ॥

दियो वचन हरि तब तत्काला ।
सुनहु सुमुखी जनि होहू बिहाला ॥ ८ ॥

समय पाई व्हौ रौ पाती तोरा ।
पुजिहौ आस वचन सत मोरा ॥

तब गोकुल मह गोप सुदामा ।
तासु भई तुलसी तू बामा ॥

कृष्ण रास लीला के माही ।
राधे शक्यो प्रेम लखी नाही ॥

दियो श्राप तुलसिह तत्काला ।
नर लोकही तुम जन्महु बाला ॥ १२ ॥

यो गोप वह दानव राजा ।
शङ्ख चुड नामक शिर ताजा ॥

तुलसी भई तासु की नारी ।
परम सती गुण रूप अगारी ॥

अस द्वै कल्प बीत जब गयऊ ।
कल्प तृतीय जन्म तब भयऊ ॥

वृन्दा नाम भयो तुलसी को ।
असुर जलन्धर नाम पति को ॥ १६ ॥

करि अति द्वन्द अतुल बलधामा ।
लीन्हा शंकर से संग्राम ॥

जब निज सैन्य सहित शिव हारे ।
मरही न तब हर हरिही पुकारे ॥

पतिव्रता वृन्दा थी नारी ।
कोऊ न सके पतिहि संहारी ॥

तब जलन्धर ही भेष बनाई ।
वृन्दा ढिग हरि पहुच्यो जाई ॥ २० ॥

शिव हित लही करि कपट प्रसंगा ।
कियो सतीत्व धर्म तोही भंगा ॥

भयो जलन्धर कर संहारा ।
सुनी उर शोक उपारा ॥

तिही क्षण दियो कपट हरि टारी ।
लखी वृन्दा दुःख गिरा उचारी ॥

जलन्धर जस हत्यो अभीता ।
सोई रावन तस हरिही सीता ॥ २४ ॥

अस प्रस्तर सम ह्रदय तुम्हारा ।
धर्म खण्डी मम पतिहि संहारा ॥

यही कारण लही श्राप हमारा ।
होवे तनु पाषाण तुम्हारा ॥

सुनी हरि तुरतहि वचन उचारे ।
दियो श्राप बिना विचारे ॥

लख्यो न निज करतूती पति को ।
छलन चह्यो जब पारवती को ॥ २८ ॥

जड़मति तुहु अस हो जड़रूपा ।
जग मह तुलसी विटप अनूपा ॥

धग्व रूप हम शालिग्रामा ।
नदी गण्डकी बीच ललामा ॥

जो तुलसी दल हमही चढ़ इहैं ।
सब सुख भोगी परम पद पईहै ॥

बिनु तुलसी हरि जलत शरीरा ।
अतिशय उठत शीश उर पीरा ॥ ३२ ॥

जो तुलसी दल हरि शिर धारत ।
सो सहस्त्र घट अमृत डारत ॥

तुलसी हरि मन रञ्जनी हारी ।
रोग दोष दुःख भंजनी हारी ॥

प्रेम सहित हरि भजन निरन्तर ।
तुलसी राधा में नाही अन्तर ॥

व्यन्जन हो छप्पनहु प्रकारा ।
बिनु तुलसी दल न हरीहि प्यारा ॥ ३६ ॥

सकल तीर्थ तुलसी तरु छाही ।
लहत मुक्ति जन संशय नाही ॥

कवि सुन्दर इक हरि गुण गावत ।
तुलसिहि निकट सहसगुण पावत ॥

बसत निकट दुर्बासा धामा ।
जो प्रयास ते पूर्व ललामा ॥

पाठ करहि जो नित नर नारी ।
होही सुख भाषहि त्रिपुरारी ॥ ४० ॥

॥ दोहा ॥
तुलसी चालीसा पढ़ही तुलसी तरु ग्रह धारी ।
दीपदान करि पुत्र फल पावही बन्ध्यहु नारी ॥

सकल दुःख दरिद्र हरि हार ह्वै परम प्रसन्न ।
आशिय धन जन लड़हि ग्रह बसही पूर्णा अत्र ॥

लाही अभिमत फल जगत मह लाही पूर्ण सब काम ।
जेई दल अर्पही तुलसी तंह सहस बसही हरीराम ॥

तुलसी महिमा नाम लख तुलसी सूत सुखराम ।
मानस चालीस रच्यो जग महं तुलसीदास ॥
Dec 24, 2024 | 01:31 PM IST

तुलसी पूजा के शुभ मुहूर्त (Tulsi Pujan Diwas 2024 Shubh Muhurat 2024)

सुबह 08:29 से 09:48 तक
सुबह 11:07 से दोपहर 12:27 तक
दोपहर 03:05 से शाम 04:24 तक
शाम 04:24 से 05:44 तक
Dec 24, 2024 | 01:07 PM IST

25 December Ko Kya Hai (25 दिसंबर 2024 को क्या है)

25 दिसंबर को हिंदू धर्म के कई लोग तुलसी पूजन दिवस मनाते हैं। इस दिन तुलसी माता की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है।
Dec 24, 2024 | 12:29 PM IST

तुलसी स्तुति मंत्र: Tulsi Stuti Mantra

नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।। तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।। लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
Dec 24, 2024 | 11:57 AM IST

Tulsi Pujan Diwas Upay: तुलसी पूजन दिवस उपाय

तुलसी पूजन के दिन धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इसकी मंजरियों को पीले कपड़े में बांधकर तिजोरी पर रख दें। इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
आप तुलसी की मंजरी को घर के बालकनी की उत्तर या पूर्व दिशा में रख सकते हैं। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर होगी।
यदि विवाह में देरी हो रही है, तो तुलसी के पौधे की साथ 111 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से मांगलिक कार्यक्रमों में आ रही अड़चने दूर हो जाएंगी।
Dec 24, 2024 | 11:33 AM IST

Tulsi Mata Aarti: तुलसी माता आरती

जय जय तुलसी माता,
मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता,
सबकी वर माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥

सब योगों से ऊपर,
सब रोगों से ऊपर ।
रज से रक्ष करके,
सबकी भव त्राता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥

बटु पुत्री है श्यामा,
सूर बल्ली है ग्राम्या ।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे,
सो नर तर जाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥

हरि के शीश विराजत,
त्रिभुवन से हो वंदित ।
पतित जनों की तारिणी,
तुम हो विख्याता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥

लेकर जन्म विजन में,
आई दिव्य भवन में ।
मानव लोक तुम्हीं से,
सुख-संपति पाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥

हरि को तुम अति प्यारी,
श्याम वर्ण सुकुमारी ।
प्रेम अजब है उनका,
तुमसे कैसा नाता ॥
हमारी विपद हरो तुम,
कृपा करो माता ॥ [Extra]
॥ जय तुलसी माता...॥

जय जय तुलसी माता,
मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता,
सबकी वर माता ॥
Dec 24, 2024 | 10:59 AM IST

तुलसी पूजन दिवस की विधि (Tulsi Pujan Diwas Puja Vidhi)

इस दिन सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके लाल रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
फिर सफाई करके मंदिर को रंगोली और फूलों से सजाना चाहिए।
इसके बाद तुसली माता को जल चढ़ाना, कुमकुम लगाना और उनका श्रंगार करना चाहिए।
माता को लाल चुनरी, शृंगार का सामान, माला, पंचामृत, फल और मिठाई चढ़ाकर धूप दीप दिखाना चाहि।
आरती करके ही माता तुलसी का पूजन समाप्त करना चाहिए।
फिर घर के सदस्यों और अन्य लोगों को माता का प्रसाद वितरित करना चाहिए।

Dec 24, 2024 | 10:32 AM IST

तुलसी पूजन दिवस 2024? (Tulsi Pujan Divas Date And Time)

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल पौष मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि 24 दिसंबर, दिन मंगलवार को शाम 7 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि कासमापन 25 दिसंबर, दिन बुधवार को रात 10 बजकर 29 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर को ही मनाया जाएगा।
Dec 24, 2024 | 10:12 AM IST

तुलसी पूजा का फायदा

तुलसी पूजन करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
Dec 24, 2024 | 09:07 AM IST

तुलसी पूजा मंत्र (Tulsi Puja Mantra)

ॐ श्री तुलस्यै विद्महे। विष्णु प्रियायै धीमहि। तन्नो वृंदा प्रचोदयात।।
Dec 24, 2024 | 08:09 AM IST

तुलसी की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए

तुलसी की आप अपनी सुविधानुसार 7, 11, 21 या 111 परिक्रमा कर सकते हैं।
Dec 24, 2024 | 06:38 AM IST

जय जय तुलसी माता (Jai Jai Tulsi Mata)

जय जय तुलसी माता,
मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता,
सबकी वर माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
सब योगों से ऊपर,
सब रोगों से ऊपर ।
रज से रक्ष करके,
सबकी भव त्राता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
बटु पुत्री है श्यामा,
सूर बल्ली है ग्राम्या ।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे,
सो नर तर जाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
हरि के शीश विराजत,
त्रिभुवन से हो वंदित ।
पतित जनों की तारिणी,
तुम हो विख्याता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
लेकर जन्म विजन में,
आई दिव्य भवन में ।
मानव लोक तुम्हीं से,
सुख-संपति पाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
हरि को तुम अति प्यारी,
श्याम वर्ण सुकुमारी ।
प्रेम अजब है उनका,
तुमसे कैसा नाता ॥
हमारी विपद हरो तुम,
कृपा करो माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
जय जय तुलसी माता,
मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता,
सबकी वर माता ॥
Dec 24, 2024 | 06:38 AM IST

श्री तुलसी स्तोत्रम्‌ (Shri Tulsi Stotram)

जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे ।
यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टिस्थित्यन्तकारिणः ॥१॥
नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे ।
नमो मोक्षप्रदे देवि नमः सम्पत्प्रदायिके ॥२॥
तुलसी पातु मां नित्यं सर्वापद्भ्योऽपि सर्वदा ।
कीर्तितापि स्मृता वापि पवित्रयति मानवम् ॥३॥
नमामि शिरसा देवीं तुलसीं विलसत्तनुम् ।
यां दृष्ट्वा पापिनो मर्त्या मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषात् ॥४॥
तुलस्या रक्षितं सर्वं जगदेतच्चराचरम् ।
या विनिहन्ति पापानि दृष्ट्वा वा पापिभिर्नरैः ॥५॥
नमस्तुलस्यतितरां यस्यै बद्ध्वाञ्जलिं कलौ ।
कलयन्ति सुखं सर्वं स्त्रियो वैश्यास्तथाऽपरे ॥६॥
तुलस्या नापरं किञ्चिद् दैवतं जगतीतले ।
यथा पवित्रितो लोको विष्णुसङ्गेन वैष्णवः ॥७॥
तुलस्याः पल्लवं विष्णोः शिरस्यारोपितं कलौ ।
आरोपयति सर्वाणि श्रेयांसि वरमस्तके ॥८॥
तुलस्यां सकला देवा वसन्ति सततं यतः ।
अतस्तामर्चयेल्लोके सर्वान् देवान् समर्चयन् ॥९॥
नमस्तुलसि सर्वज्ञे पुरुषोत्तमवल्लभे ।
पाहि मां सर्वपापेभ्यः सर्वसम्पत्प्रदायिके ॥१०॥
इति स्तोत्रं पुरा गीतं पुण्डरीकेण धीमता ।
विष्णुमर्चयता नित्यं शोभनैस्तुलसीदलैः ॥११॥
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी ।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमनःप्रिया ॥२॥
लक्ष्मीप्रियसखी देवी द्यौर्भूमिरचला चला ।
षोडशैतानि नामानि तुलस्याः कीर्तयन्नरः ॥१३॥
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत् ।
तुलसी भूर्महालक्ष्मीः पद्मिनी श्रीर्हरिप्रिया ॥१४॥
तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे ।
नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥१५॥
॥ श्रीपुण्डरीककृतं तुलसीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
Dec 24, 2024 | 06:37 AM IST

माँ तुलसी अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली (Tulsi Ashtottara Shatnam Namavali)

॥ श्रीतुलसी अष्टोत्तरशतनामावली ॥
ॐ श्री तुलस्यै नमः ।
ॐ नन्दिन्यै नमः ।
ॐ देव्यै नमः ।
ॐ शिखिन्यै नमः ।
ॐ धारिण्यै नमः ।
ॐ धात्र्यै नमः ।
ॐ सावित्र्यै नमः ।
ॐ सत्यसन्धायै नमः ।
ॐ कालहारिण्यै नमः ।
ॐ गौर्यै नमः॥ १० ॥
ॐ देवगीतायै नमः ।
ॐ द्रवीयस्यै नमः ।
ॐ पद्मिन्यै नमः ।
ॐ सीतायै नमः ।
ॐ रुक्मिण्यै नमः ।
ॐ प्रियभूषणायै नमः ।
ॐ श्रेयस्यै नमः ।
ॐ श्रीमत्यै नमः ।
ॐ मान्यायै नमः ।
ॐ गौर्यै नमः ॥ २० ॥
ॐ गौतमार्चितायै नमः ।
ॐ त्रेतायै नमः ।
ॐ त्रिपथगायै नमः ।
ॐ त्रिपादायै नमः ।
ॐ त्रैमूर्त्यै नमः ।
ॐ जगत्रयायै नमः ।
ॐ त्रासिन्यै नमः ।
ॐ गात्रायै नमः ।
ॐ गात्रियायै नमः ।
ॐ गर्भवारिण्यै नमः ॥ ३० ॥
ॐ शोभनायै नमः ।
ॐ समायै नमः ।
ॐ द्विरदायै नमः ।
ॐ आराद्यै नमः ।
ॐ यज्ञविद्यायै नमः ।
ॐ महाविद्यायै नमः ।
ॐ गुह्यविद्यायै नमः ।
ॐ कामाक्ष्यै नमः ।
ॐ कुलायै नमः ।
ॐ श्रीयै नमः ॥ ४० ॥
ॐ भूम्यै नमः ।
ॐ भवित्र्यै नमः ।
ॐ सावित्र्यै नमः ।
ॐ सरवेदविदाम्वरायै नमः ।
ॐ शंखिन्यै नमः ।
ॐ चक्रिण्यै नमः ।
ॐ चारिण्यै नमः ।
ॐ चपलेक्षणायै नमः ।
ॐ पीताम्बरायै नमः ।
ॐ प्रोत सोमायै नमः ॥ ५० ॥
ॐ सौरसायै नमः ।
ॐ अक्षिण्यै नमः ।
ॐ अम्बायै नमः ।
ॐ सरस्वत्यै नमः ।
ॐ संश्रयायै नमः ।
ॐ सर्व देवत्यै नमः ।
ॐ विश्वाश्रयायै नमः ।
ॐ सुगन्धिन्यै नमः ।
ॐ सुवासनायै नमः ।
ॐ वरदायै नमः ॥ ६० ॥
ॐ सुश्रोण्यै नमः ।
ॐ चन्द्रभागायै नमः ।
ॐ यमुनाप्रियायै नमः ।
ॐ कावेर्यै नमः ।
ॐ मणिकर्णिकायै नमः ।
ॐ अर्चिन्यै नमः ।
ॐ स्थायिन्यै नमः ।
ॐ दानप्रदायै नमः ।
ॐ धनवत्यै नमः ।
ॐ सोच्यमानसायै नमः ॥ ७० ॥
ॐ शुचिन्यै नमः ।
ॐ श्रेयस्यै नमः ।
ॐ प्रीतिचिन्तेक्षण्यै नमः ।
ॐ विभूत्यै नमः ।
ॐ आकृत्यै नमः ।
ॐ आविर्भूत्यै नमः ।
ॐ प्रभाविन्यै नमः ।
ॐ गन्धिन्यै नमः ।
ॐ स्वर्गिन्यै नमः ।
ॐ गदायै नमः ॥ ८० ॥
ॐ वेद्यायै नमः ।
ॐ प्रभायै नमः ।
ॐ सारस्यै नमः ।
ॐ सरसिवासायै नमः ।
ॐ सरस्वत्यै नमः ।
ॐ शरावत्यै नमः ।
ॐ रसिन्यै नमः ।
ॐ काळिन्यै नमः ।
ॐ श्रेयोवत्यै नमः ।
ॐ यामायै नमः ॥ ९० ॥
ॐ ब्रह्मप्रियायै नमः ।
ॐ श्यामसुन्दरायै नमः ।
ॐ रत्नरूपिण्यै नमः ।
ॐ शमनिधिन्यै नमः ।
ॐ शतानन्दायै नमः ।
ॐ शतद्युतये नमः ।
ॐ शितिकण्ठायै नमः ।
ॐ प्रयायै नमः ।
ॐ धात्र्यै नमः ।
ॐ श्री वृन्दावन्यै नमः ॥ १०० ॥
ॐ कृष्णायै नमः ।
ॐ भक्तवत्सलायै नमः ।
ॐ गोपिकाक्रीडायै नमः ।
ॐ हरायै नमः ।
ॐ अमृतरूपिण्यै नमः ।
ॐ भूम्यै नमः ।
ॐ श्री कृष्णकान्तायै नमः ।
ॐ श्री तुलस्यै नमः ॥
Dec 24, 2024 | 06:36 AM IST

तुलसी पूजन का महत्व (Tulsi Pujan Ka Mahatva)

आजकल ज्यादातर हिंदू लोग 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाने लगे हैं। कहते हैं तुलसी पूजन करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही जीवन में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है। इतना ही नहीं जिस घर में ये पौधा होता है वहां नकारात्मक ऊर्जा नहीं ठहरती।
Dec 24, 2024 | 06:35 AM IST

तुलसी पूजन दिवस की तारीख और शुभ मुहूर्त 2024 (Tulsi Pujan Diwas 2024 Date And Time)

हिंदू पंचांग के अनुसार तुलसी पूजन दिवस हर साल 25 दिसबंर को मनाया जाता है। इस दिन कई लोग व्रत रखते हैं और शाम में विधि विधान तुलसी माता की पूजा करते हैं। तुलसी पूजन के लिए प्रदोष काल का समय शुभ माना जाता है।

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