Tulsi Pujan Diwas Puja Vidhi: बुरे विचारों का नाश करता है तुलसी का पौधा, जानिए तुलसी पूजन की विधि, मंत्र और महत्व
Tulsi Pujan Diwas Vidhi and Importance: 25 दिसंबर को कई लोग तुलसी पूजन दिवस के तौर भी मनाते हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार घर में तुलसी का पौधा सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। हिंदू धर्म में तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। जानिए तुलसी पूजन की विधि और मंत्र।
Tulsi Pujan Diwas
मुख्य बातें
- 25 दिसंबर को कई लोग तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाते हैं।
- इस दिन कई लोग तुलसी माता की पूजा करते हैं।
- हिंदू धर्म में तुलसी पूजा का विशेष महत्व है।
Tulsi Pujan Diwas 2022 Puja Vidhi: 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस की धूम है। हालांकि, भारत में कई लोग इसे तुलसी पूजन दिवस भी मनाते हैं। इसकी शुरुआत साल 2014 से हुई थी। हिंदू धर्म में पौराणिक काल से ही तुलसी पूजन का खास महत्व होता है। मान्यताओं के मुताबिक तुलसी को भगवान विष्णु जी की पत्नी मां लक्ष्मी जी का एक स्वरूप माना गया है। इसी कारण लगभग हिंदू धर्म मानने वाले लोगों के घर के आंगन में तुलसी का पौधा जरूर मिलेगा। जानिए तुलसी पूजन की विधि और महत्व।
सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। तुलसी के पौधे में कई औषधीय गुण होते हैं। ये बीमारी से भी मुक्ति दिलाती है। तुलसी का पौधा घर में भूत, पिशाच, दैत्य या फिर दूसरी आसुरी शक्तियों को दूर करता है। साथ ही ये घर में पॉजीटिव एनर्जी लाता है, जिससे बुरे विचारों का नाश करने में भी काफी मदद मिलती है। तुलसी के पौधे के पास मंत्र या फिर किसी भी स्तोत्र आदि का पाठ करने से इसका फल भी दोगुना हो जाता है।
तुलसी पूजन की विधि (Tulsi Pujan Vidhi)
- तुलसी पूजन से पहले गंगाजल से युक्त पानी से नहा लें। इसके बाद साफ सुथरे कपड़े पहन लें।
- हथेली में जल रखें और आचमन करें। आचमन के साथ व्रत का संकल्प लें।
- शालिग्राम पत्थर पर तुलसी जी की प्राण प्रतिष्ठा करें। इसके बाद उसे अर्घ्य दें।
- फल, फूल, दीप, धूप, दूर्वा आदि चीजों से तुलसी जी की पूजा करें। इसके बाद तुलसी स्थल में परिक्रमा करें।
- आप कोशिश करें कि सात बार परिक्रमा जरूर करना चाहिए। हालांकि, अपनी शारीरिक क्षमता का ध्यान रखें।
इस मंत्र का करें जाप (Tulsi Pujan Mantra)
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
यः पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
तुलसी माता की पूजा खत्म होने के बाद पौधे की आरती करें। पद्मपुराण के अनुसार यदि तुलसी के पत्ते से टपकते हुए जल को यदि मनुष्य सिर पर लगाता है तो उसे 10 गोदान और गंगा स्नान का पुण्य मिलता है।
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शिवम पांडे author
शिवम् पांडे सिनेमा के आलावा राजनीति, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय सम्बन्धों में खास रुचि है। पत्रकारिता ...और देखें
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