Tulsi Vivah 2022: रामा-श्यामा तुलसी में क्या होता है अंतर? तुलसी विवाह पर किसे घर लाना रहेगा शुभ

Tulsi Vivah 2022: कार्तिक शुक्ल द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालीग्राम का विवाह तुलसी के साथ कराया जाता है। क्या आप जानते हैं कि तुलसी के दो खास प्रकार होते हैं- रामा और श्यामा तुलसी। आइए आज आपको इनका अंतर बताते हैं।

रामा-श्यामा तुलसी में क्या होता है अंतर

मुख्य बातें
रामा तुलसी और श्यामा तुलसी में क्या है अंतर?

घर में कौन सी तुलसी रखना है शुभ?

कैसे पड़ा रामा और श्यामा तुलसी का नाम?


Tulsi Vivah 2022: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह कराया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु पूरे चार माह के बाद योग निद्रा से जागते हैं। इसके बाद श्री हरि के शालिग्राम स्वरूप का विवाह तुलसी के साथ कराया जाता है। ऐसी मान्यताएं हैं कि तुलसी के पौधे में स्वयं भगवान लक्ष्मीनारायण का वास होता है। इसी वजह से लोग अपने घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाते हैं। क्या आप जानते हैं कि हिन्दू धर्म में तुलसी के दो प्रकार बताए गए हैं- रामा तुलसी और श्यामा तुलसी। आइए जानते हैं कि इन दोनों तुलसी में क्या अंतर है।

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रामा तुलसी

ऐसा कहा जाता है कि जिस तुलसी के पत्तों का रंग हरा होता है, वो रामा तुलसी कहलाती है। यह भगवान श्री राम की प्रिय तुलसी थी। इसके पत्तों में थोड़ा मीठापन होता है। इस तुलसी का प्रयोग पूजा-पाठ में भी किया जाता है। ऐसी मान्यताओं हैं कि इसे घर में लगाने से शांति और सुख, समृद्धि बढ़ती है।

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