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तुलसी महारानी नमो-नमो, हरि की पटरानी नमो-नमो ..तुलसी विवाह के समय करें ये आरती

कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी और द्वादशी के दिन तुलसी पूजा का खास महत्व माना गया है। कई लोग इस दौरान तुलसी विवाह भी कराते हैं। कहते हैं तुलसी विवाह कराने से जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। लेकिन अगर आप तुलसी विवाह का संपूर्ण फल प्राप्त करना चाहते हैं तो तुलसी जी की आरती करना बिल्कुल भी न भूलें।

तुलसी महारानी नमो-नमो, हरि की पटरानी नमो-नमो ..तुलसी विवाह के समय करें ये आरती

तुलसी महारानी नमो-नमो, हरि की पटरानी नमो-नमो ..तुलसी विवाह के समय करें ये आरती

तुलसी विवाह एक बेहद ही पवित्र अनुष्ठान है जो कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी या द्वादशी तिथि पर संपन्न कराया जाता है। इस साल तुलसी विवाह का आयोजन कोई 12 नवंबर तो कोई 13 नवंबर को कर रहा है। लेकिन ज्यादातर लोग 13 नवंबर को ही तुलसी विवाह संपन्न कराएंगे क्योंकि इस दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी है। शास्त्रों अनुसार इस तिथि पर तुलसी विवाह का आयोजन करवाना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। तुलसी विवाह के शुभ अवसर पर तुलसी जी की आरती जरूर करनी चाहिए। कहते हैं इससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही गणेश भगवान, विष्णु भगवान और शालिग्राम जी की आरती भी जरूर करें।

Tulsi Puja Vidhi And Shubh Muhurat 2024

Tulsi Vivah Aarti (तुलसी विवाह आरती)
तुलसी विवाह पूजा में तुलसी जी की आरती के साथ ही गणेश भगवान, शालिग्राम जी और विष्णु भगवान की भी आरती की जाती है। सबसे पहले गणेश जी की आरती से शुरूआत करते हैं...

Ganesh Ji Ki Aarti (गणेश जी की आरती)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
तुलसी विवाह में दूसरे नंबर पर करें

फिर करें तुलसी जी की आरती
Tulsi Mata Ki Aarti (तुलसी माता की आरती)

जय जय तुलसी माता,
मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता,
सबकी वर माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
सब योगों से ऊपर,
सब रोगों से ऊपर ।
रज से रक्ष करके,
सबकी भव त्राता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
बटु पुत्री है श्यामा,
सूर बल्ली है ग्राम्या ।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे,
सो नर तर जाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
हरि के शीश विराजत,
त्रिभुवन से हो वंदित ।
पतित जनों की तारिणी,
तुम हो विख्याता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
लेकर जन्म विजन में,
आई दिव्य भवन में ।
मानव लोक तुम्हीं से,
सुख-संपति पाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
हरि को तुम अति प्यारी,
श्याम वर्ण सुकुमारी ।
प्रेम अजब है उनका,
तुमसे कैसा नाता ॥
हमारी विपद हरो तुम,
कृपा करो माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
जय जय तुलसी माता,
मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता,
सबकी वर माता ॥

तुलसी आरती - महारानी नमो-नमो (Tulsi Aarti - Maharani Namo Namo)
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
धन तुलसी पूरण तप कीनो,
शालिग्राम बनी पटरानी ।
जाके पत्र मंजरी कोमल,
श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
सभी सखी मैया तेरो यश गावें,
भक्तिदान दीजै महारानी ।
नमो-नमो तुलसी महारानी,
तुलसी महारानी नमो-नमो ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

इसके बाद करें शालिग्राम भगवान की आरती
Shaligram Bhagwan Ki Aarti (शालिग्राम भगवान की आरती)
शालिग्राम सुनो विनती मेरी ।
यह वरदान दयाकर पाऊं ॥
प्रात: समय उठी मंजन करके ।
प्रेम सहित स्नान कराऊँ ॥
चन्दन धुप दीप तुलसीदल ।
वरन -वरण के पुष्प चढ़ाऊँ ॥
तुम्हरे सामने नृत्य करूँ नित ।
प्रभु घंटा शंख मृदंग बजाऊं ॥
चरण धोय चरणामृत लेकर ।
कुटुंब सहित बैकुण्ठ सिधारूं ॥
जो कुछ रुखा सूखा घर में ।
भोग लगाकर भोजन पाऊं ॥
मन वचन कर्म से पाप किये ।
जो परिक्रमा के साथ बहाऊँ ॥
ऐसी कृपा करो मुझ पर ।
जम के द्वारे जाने न पाऊं ॥
माधोदास की विनती यही है ।
हरी दासन को दास कहाऊं ॥
तुलसी विवाह में आखिरी में करें

अंत में करें विष्णु भगवान की आरती
Vishnu Ji Ki Aarti (विष्णु जी की आरती)
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।
स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
ॐ जय जगदीश हरे।
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
स्वामी तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।
स्वामी तुम पालन-कर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥
ॐ जय जगदीश हरे।
दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
स्वामी तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा।
स्वमी पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, सन्तन की सेवा॥
ॐ जय जगदीश हरे।
श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।
स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥
ॐ जय जगदीश हरे।

Nov 13, 2024 | 06:07 PM IST

Shaligram Ji Ki Aarti: शालिग्राम जी आरती

शालिग्राम सुनो विनती मेरी ।
यह वरदान दयाकर पाऊं ॥

प्रात: समय उठी मंजन करके ।

प्रेम सहित स्नान कराऊँ ॥

चन्दन धुप दीप तुलसीदल ।

वरन -वरण के पुष्प चढ़ाऊँ ॥

तुम्हरे सामने नृत्य करूँ नित ।

प्रभु घंटा शंख मृदंग बजाऊं ॥

चरण धोय चरणामृत लेकर ।

कुटुंब सहित बैकुण्ठ सिधारूं ॥

जो कुछ रुखा सूखा घर में ।

भोग लगाकर भोजन पाऊं ॥

मन वचन कर्म से पाप किये ।

जो परिक्रमा के साथ बहाऊँ ॥

ऐसी कृपा करो मुझ पर ।

जम के द्वारे जाने न पाऊं ॥

माधोदास की विनती यही है ।

हरी दासन को दास कहाऊं ॥
Nov 13, 2024 | 05:26 PM IST

इस कारण शालीग्राम जी से होता है मां तुलसी का विवाह (Tulsi Vivah Kyu Manate Hai?)

वृंदा ने नारायण को तो श्राप से मुक्त कर दिया लेकिन, उसने स्वयं आत्मदाह कर लिया, जिस स्थान पर वृंदा भस्म हुई वहां तुरंत एक पौधा उग गया, जिसे विष्णु भगवान ने तुलसी का नाम दिया और बोले कि शालिग्राम नाम से मेरा एक रूप इस पत्थर में हमेशा विराजमान रहेगा, जिसकी पूजा सदैव के लिए तुलसी के साथ ही की जाएगी। इसी कारण से हर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर श्री हरि के स्वरूप शालिग्राम जी और देवी तुलसी का विवाह (Tulsi Vivah 2024) कराया जाता है।
Nov 13, 2024 | 05:05 PM IST

तुलसी विवाह मंत्र (Tulsi Vivah Mantra)

ॐ श्री तुलस्यै विद्महे। विष्णु प्रियायै धीमहि।
Nov 13, 2024 | 04:30 PM IST

तुलसी जी के मंत्र: Tulsi Puja Mantra

महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
Nov 13, 2024 | 04:25 PM IST

Tulsi Aarti: तुलसी आरती लिरिक्स

तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

धन तुलसी पूरण तप कीनो,
शालिग्राम बनी पटरानी ।
जाके पत्र मंजरी कोमल,
श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥

धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥

सभी सखी मैया तेरो यश गावें,
भक्तिदान दीजै महारानी ।
नमो-नमो तुलसी महारानी,
तुलसी महारानी नमो-नमो ॥

तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
Nov 13, 2024 | 04:02 PM IST

How to do tulsi puja at home: घर में तुलसी पूजा कैसे करें

शालिग्राम और माता तुलसी पर गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद शालिग्राम जी पर दूध और चंदन मिलाकर तिलक करें और माता तुलसी को रोली का तिलक करें। इसके बाद पूजन सामग्री जैसे फूल आदि सब शालिग्राम और तुलसी माता को अर्पित करें।
Nov 13, 2024 | 03:31 PM IST

Tulsi vivah mantra: तुलसी विवाह मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
Nov 13, 2024 | 03:02 PM IST

Tulsi Vivah Mangalashtak: तुलसी मंगलाष्टक

॥ अथ मंगलाष्टक मंत्र ॥
ॐ श्री मत्पंकजविष्टरो हरिहरौ, वायुमर्हेन्द्रोऽनलः।

चन्द्रो भास्कर वित्तपाल वरुण, प्रताधिपादिग्रहाः ।

प्रद्यम्नो नलकूबरौ सुरगजः, चिन्तामणिः कौस्तुभः,

स्वामी शक्तिधरश्च लांगलधरः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥1

गंगा गोमतिगोपतिगर्णपतिः, गोविन्दगोवधर्नौ,

गीता गोमयगोरजौ गिरिसुता, गंगाधरो गौतमः ।

गायत्री गरुडो गदाधरगया, गम्भीरगोदावरी,

गन्धवर्ग्रहगोपगोकुलधराः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥2

नेत्राणां त्रितयं महत्पशुपतेः अग्नेस्तु पादत्रयं,

तत्तद्विष्णुपदत्रयं त्रिभुवने, ख्यातं च रामत्रयम् ।

गंगावाहपथत्रयं सुविमलं, वेदत्रयं ब्राह्मणम्,

संध्यानां त्रितयं द्विजैरभिमतं, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥3

बाल्मीकिः सनकः सनन्दनमुनिः, व्यासोवसिष्ठो भृगुः,

जाबालिजर्मदग्निरत्रिजनकौ, गर्गोऽ गिरा गौतमः ।

मान्धाता भरतो नृपश्च सगरो, धन्यो दिलीपो नलः,

पुण्यो धमर्सुतो ययातिनहुषौ, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥4

गौरी श्रीकुलदेवता च सुभगा, कद्रूसुपणार्शिवाः,

सावित्री च सरस्वती च सुरभिः, सत्यव्रतारुन्धती ।

स्वाहा जाम्बवती च रुक्मभगिनी, दुःस्वप्नविध्वंसिनी,

वेला चाम्बुनिधेः समीनमकरा, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥5

गंगा सिन्धु सरस्वती च यमुना, गोदावरी नमर्दा,

कावेरी सरयू महेन्द्रतनया, चमर्ण्वती वेदिका ।

शिप्रा वेत्रवती महासुरनदी, ख्याता च या गण्डकी,

पूर्णाः पुण्यजलैः समुद्रसहिताः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥6

लक्ष्मीः कौस्तुभपारिजातकसुरा, धन्वन्तरिश्चन्द्रमा,

गावः कामदुघाः सुरेश्वरगजो, रम्भादिदेवांगनाः ।

अश्वः सप्तमुखः सुधा हरिधनुः, शंखो विषं चाम्बुधे,

रतनानीति चतुदर्श प्रतिदिनं, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥7

ब्रह्मा वेदपतिः शिवः पशुपतिः, सूयोर् ग्रहाणां पतिः,

शुक्रो देवपतिनर्लो नरपतिः, स्कन्दश्च सेनापतिः ।

विष्णुयर्ज्ञपतियर्मः पितृपतिः, तारापतिश्चन्द्रमा,

इत्येते पतयस्सुपणर्सहिताः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥8

॥ इति मंगलाष्टक समाप्त ॥
Nov 13, 2024 | 02:47 PM IST

Kartik Purnima Par Tulsi Vivah Kar Sakte Hai: कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी विवाह कर सकते हैं?

जी हां, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भी तुलसी विवाह किया जा सकता है। शास्त्रों अनुसार कार्तिक एकादशी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक के बीच किसी भी दिन तुलसी विवाह कर सकते हैं।
Nov 13, 2024 | 01:46 PM IST

Krishna Aarti: श्री कृष्ण आरती

Krishna Aarti श्री कृष्ण आरती
Nov 13, 2024 | 01:01 PM IST

Tulsi Vivah Geet: तुलसी विवाह गीत

Nov 13, 2024 | 11:50 AM IST

Tulsi Vivah Vidhi: तुलसी विवाह की विधि

तुलसी विवाह शाम के समय करवाया जाता है। इस दिन परिवार के सभी लोगों को शाम के समय विवाह समारोह के लिये नये कपड़े पहनने चाहिये। तुलसी के गमले पर गन्ने का मंडप बनाकर सजाने के बाद तुलसी पर लाल चुनरी और सुहाग की सामग्री चढ़ानी चाहिये। इसके बाद गमले में शालिग्राम जी को रखकर विवाह शुरु करवाएं। विवाह के सारे नियमों का इस दौरान पालन किया जाना चाहिये। शालिग्राम पर चावल नहीं चढ़ाये जाते इसलिये तिल चढ़ाकर विवाह पूरा करवाना चाहिये। शालिग्राम और तुलसी पर हल्दी लगाने के बाद मंडप पर भी हल्दी लेप लगाएं और पूजा करें। इसके बाद विवाह की सारी रस्में पूरी करने के बाद प्रसाद बांटें।
Nov 13, 2024 | 10:45 AM IST

तुलसी विवाह 2024 अशुभ समय

राहुकाल: दोपहर 02:47 पी एम से शाम 04:08 पी एम
गुलिक काल: दोपहर 12:05 पी एम से दोपहर 01:26 पी एम
Nov 13, 2024 | 09:13 AM IST

Tulsi Vivah Benefits: तुलसी विवाह के फायदे

  • मान्यता है कि तुलसी विवाह करने से संतानहीन दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  • तुलसी विवाह करवाने से मन को आध्यात्मिक शांति और संतुष्टि मिलती है।
Nov 13, 2024 | 08:18 AM IST

Jai Jai Tulsi Mata (जय जय तुलसी माता )

Nov 13, 2024 | 07:19 AM IST

तुलसी विवाह पर क्या प्रसाद चढ़ाएं?

तुलसी मां और भगवान शालिग्राम को पंचामृत का भोग जरुर लगाएं।
Nov 13, 2024 | 06:35 AM IST

Tulsi Vivah Ke Puja Kaise Karen (तुलसी विवाह की पूजा कैसे करें)

तुलसी विवाह के दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के पास में रंगोली बनाएं और तुलसी के पौधे को फूलों से सजाएं। इस दिन गन्ने और केले के पत्ते से तुलसी विवाह का मंडप बनाएं। मंडप बनाने के बाद तुलसी के पौधे पास साफ चौकी पर भगवान शालीग्राम को लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें। उसके बाद तुलसी जी के सामने 11 घी के दीपक जलाएं और माता तुलसी भगवान शालीग्राम का गंठ बंधन करके शालीग्राम जी को हाथों में लेकर परिक्रमा करें। सुहाग का सामान अर्पित करने के बाद तुलसी जी और भगवान शालीग्राम की आरती करें और भोग लगाएं।
Nov 12, 2024 | 09:00 PM IST

तुलसी माता की आरती: Tulsi Mata Ke Aarti

तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

धन तुलसी पूरण तप कीनो,
शालिग्राम बनी पटरानी ।
जाके पत्र मंजरी कोमल,
श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥

धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥

सभी सखी मैया तेरो यश गावें,
भक्तिदान दीजै महारानी ।
नमो-नमो तुलसी महारानी,
तुलसी महारानी नमो-नमो ॥

तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
जिसके बाद वृंदा ने भगवान विष्णु का श्राप विमोचन किया और स्वयं अपने पति का कटा हुआ सिर लेकर सती हो गई। कहते हैं जिस जगह पर वृंदा सती हुई थीं उनकी राख से वहां एक पौधा निकला, जिसे भगवान विष्णु ने “तुलसी” नाम दिया और साथ ही ये भी कहा कि “शालिग्राम” नाम से मेरा एक रूप इस पत्थर में रहेगा। जिसकी पूजा हमेशा तुलसी जी के साथ ही की जाएगी। साथ ही भगवान ने तुलसी को ये भी वरदान दिया कि मैं बिना तुलसी के भोग तक स्वीकार नहीं करुंगा। कहते हैं तब से ही तुलसी जी की पूजा शुरू हो गई और कार्तिक मास में उनका विवाह शालिग्राम जी के साथ कराया जाने लगा।
Nov 12, 2024 | 08:40 PM IST

Tulsi vivah mantra in sasnkrit: तुलसी विवाह मंत्र

ॐ सुभद्राय नम:, मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी,नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते।। महाप्रसादजननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।। ॐ श्री तुलस्यै विद्महे। विष्णु प्रियायै धीमहि।
Nov 12, 2024 | 08:20 PM IST

Tulsi Vivah Vrat Mahatav (तुलसी विवाह महत्व)

तुलसी विवाह के व्रत का शास्त्रों में बहुत महत्व है। इस व्रत को करने से साधक के जीवन में सुख, समृ्द्धि और तरक्की आती है। तुलसी विवाह के दिन आप शादी, मुंडन जैसे शुभ काम कर सकते हैं। तुलसी विवाह के दिन घर में तुलसी का पौधा जरूर लाना चाहिए। इस दिन घर में तुलसी लाने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है।
Nov 12, 2024 | 08:00 PM IST

तुलसी जी के मंत्र: Tulsi Mantra

महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
Nov 12, 2024 | 07:27 PM IST

Tulsi vivah 2024 Date And Time: तुलसी विवाह 2024 में कब है

पंचांग के अनुसार, तुलसी विवाह पूजन इस साल कर्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन किया जाएगा, जो 13 नवंबर को है। द्वादशी तिथि नवम्बर 12 को प्रारम्भ होगी शाम 04:04 बजे और नवम्बर 13 को समाप्त होगी दोपहर 01:01 बजे होगा।
Nov 12, 2024 | 06:56 PM IST

Tulsi Vivah Aarti lyrics: तुलसी विवाह आरती लिरिक्स

जय जय तुलसी माता
सब जग की सुख दाता, वर दाता
जय जय तुलसी माता ।।

सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर
रुज से रक्षा करके भव त्राता
जय जय तुलसी माता।।

बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता
जय जय तुलसी माता ।।

हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित
पतित जनो की तारिणी विख्याता
जय जय तुलसी माता ।।

लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में
मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता
जय जय तुलसी माता ।।

हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी
प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता
जय जय तुलसी माता ।।
Nov 12, 2024 | 06:30 PM IST

तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त

तुलसी विवाह शुभ मुहूर्त 12 नवंबर 2024- शाम 5.29 से रात 8 बजे तक
तुलसी विवाह शुभ मुहूर्त 13 नवंबर 2024- सुबह 10.46 से दोपहर 12.05 तक, शाम 5.29 से शाम 7.53 तक
Nov 12, 2024 | 06:10 PM IST

Tulsi Viva Aarti Lyrics: तुलसी विवाह आरती लिरिक्स

जय जय तुलसी माता
सब जग की सुख दाता, वर दाता
जय जय तुलसी माता ।।
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर
रुज से रक्षा करके भव त्राता
जय जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित
पतित जनो की तारिणी विख्याता
जय जय तुलसी माता ।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में
मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी
प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता
जय जय तुलसी माता ।।
Nov 12, 2024 | 06:02 PM IST

तुलसी विवाह सामग्री लिस्ट (Tulsi Vivah Samagri List)

शालिग्राम

-सुहागी की चीजें (सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, बिछिया इत्यादि)

-गन्ना

-आंवला

-शकरकंद

-मूली

-बेर

-धूप

-दीप

-फूल माला

-साड़ी

-हल्दी

-कुमकुम

-घी

-दीपक

-भगवान विष्णु जी की मूर्ति या तस्वीर

-सीताफल

-मिठाई

-बताशा

-कलावा

-अक्षत

-रोली

-हवन सामग्री

-लाल चुनरी
Nov 12, 2024 | 05:31 PM IST

Dwadashi november 2024 (द्वादशी नवंबर 2024)

कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 13 नवंबर 2024 को पड़ रही है।
Nov 12, 2024 | 04:54 PM IST

तुलसी विवाह मंत्र (Tulsi Vivah Mantra)

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
Nov 12, 2024 | 04:24 PM IST

तुलसी माता की आरती (Tulsi Mata Ki Aarti)

जय जय तुलसी माता

सब जग की सुख दाता, वर दाता

जय जय तुलसी माता ।।

सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर

रुज से रक्षा करके भव त्राता

जय जय तुलसी माता।।

बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या

विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता

जय जय तुलसी माता ।।

हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित

पतित जनो की तारिणी विख्याता

जय जय तुलसी माता ।।

लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में

मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता

जय जय तुलसी माता ।।

हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी

प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता

जय जय तुलसी माता ।।
Nov 12, 2024 | 03:55 PM IST

Tulsi vivah 2024 muhurat time (तुलसी विवाह मुहूर्त टाइम 2024)

आज, शाम 5 बजकर 29 मिनट से शाम 7 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
Nov 12, 2024 | 03:22 PM IST

तुलसी विवाह गीत (Tulsi Vivah Geet)

मेरी प्यारी तुलसा जी बनेंगी दुल्हनियां...

सजके आयेंगे दूल्हे राजा।

देखो देवता बजायेंगे बाजा...

सोलह सिंगार मेरी तुलसा करेंगी।

हल्दी चढ़ेगी मांग भरेगी...

देखो होठों पे झूलेगी नथनियां।

देखो देवता...

देवियां भी आई और देवता भी आए।

साधु भी आए और संत भी आए...

और आई है संग में बरातिया।

देखो देवता...

गोरे-गोरे हाथों में मेहंदी लगेगी...

चूड़ी खनकेगी ,वरमाला सजेगी।

प्रभु के गले में डालेंगी वरमाला।

देखो देवता...

लाल-लाल चुनरी में तुलसी सजेगी...

आगे-आगे प्रभु जी पीछे तुलसा चलेगी।

देखो पैरो में बजेगी पायलियां।

देखो देवता...

सज धज के मेरी तुलसा खड़ी है...

डोली मंगवा दो बड़ी शुभ घड़ी है।

देखो आंखों से बहेगी जलधारा।

देखो देवता...
Nov 12, 2024 | 02:05 PM IST

तुलसी विवाह मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
Nov 12, 2024 | 01:19 PM IST

तुलसी विवाह गाना (Tulsi Vivah Gana)

मेरे अंगना में तुलसी का ब्याह सखियों
पत्ते पत्ते पे मोहन का नाम सखियों
आज तुलसी का सोलह सृंगार सखियों
पत्ते पत्ते पे मोहन का नाम सखियों
तुलसी के ब्याह में गणपत जी आये
गणपत जी आये संग में रिद्धि सिद्धि लाये
रिद्धि सिद्धि बरसाये सुहाग सखियों
पत्ते पत्ते पे मोहन का नाम सखियों
मेरे अंगना में तुलसी का ब्याह सखियों
पत्ते पत्ते पे मोहन का नाम सखियों
तुलसी के ब्याह में भोले जी आये
भोले जी आये संग में गौरा को लाये
गौरा रानी बरसाये सुहाग सखियों
पत्ते पत्ते पे मोहन का नाम सखियों
मेरे अंगना में तुलसी का ब्याह सखियों
पत्ते पत्ते पे मोहन का नाम सखियों
तुलसी के ब्याह में विष्णु जी आये
विष्णु जी आये संग में लक्ष्मी जी को लाये
लक्ष्मी जी बरसाये सुहाग सखियों
पत्ते पत्ते पे मोहन का नाम सखियों
मेरे अंगना में तुलसी का ब्याह सखियों
पत्ते पत्ते पे मोहन का नाम सखियों
तुलसी के ब्याह में रामा जी आये
रामा जी आये संग में सीता जी को लाये
सीताजी बरसाये सुहाग सखियों
पत्ते पत्ते पे मोहन का नाम सखियों
मेरे अंगना में तुलसी का ब्याह सखियों
पत्ते पत्ते पे मोहन का नाम सखियों
Nov 12, 2024 | 12:03 PM IST

वृंदा देवी-अष्टक मंत्र

गाङ्गेयचाम्पेयतडिद्विनिन्दिरोचिःप्रवाहस्नपितात्मवृन्दे ।
बन्धूकबन्धुद्युतिदिव्यवासोवृन्दे नुमस्ते चरणारविन्दम् ॥
Nov 12, 2024 | 12:03 PM IST

तुलसी नामाष्टक मंत्र

वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
Nov 12, 2024 | 12:02 PM IST

तुलसी स्तुति मंत्र (Tulsi Stuti Mantra)

देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
Nov 12, 2024 | 12:01 PM IST

Tulsi Gayatri Mantra: तुलसी गायत्री मंत्र

ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।
Nov 12, 2024 | 12:01 PM IST

Tulsi Puja Mantra: तुलसी पूजा मंत्र

महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

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