Tulsi Vivah Mangalashtak Lyrics: तुलसी विवाह के समय इन मंत्रों का जरूर करें जाप
Tulsi Vivah Mangalashtak Lyrics: तुलसी विवाह किसी भी हिंदू शादी की तरह ही किया जाता है। इस दौरान महिलाएं गीत एवं भजन गाती हैं। साथ ही तुलसी विवाह में मंगलाष्टक मंत्र का गान करने की परंपरा है।

Tulsi Vivah Mantra In Sanskrit And Hindi
Tulsi Vivah Mangalashtak Lyrics: तुलसी विवाह के दिन तुलसी जी का भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप से विवाह कराया जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी विवाह को बेहद ही पुण्य का काम माना जाता है। तुलसी विवाह के दिन तुलसी जी को लाल चुनरी ओढ़ाई जाती है। साथ ही 16 श्रृंगार का सामान भी चढ़ाया जाता है। इसके बाद भगवान शालिग्राम को और तुलसी जी को हाथ में पकड़ कर फेरे दिलाए जाते हैं। विवाह संपन्न होने के बाद प्रीतिभोज का आयोजन भी किया जाता है। यहां देखें तुलसी विवाह के मंत्र।
तुलसी दल तोड़ने का मंत्र (Tulsi Vivah Ke Mantra)
तुलस्यमृतजन्मासि सदा त्वं केशवप्रिया ।
चिनोमी केशवस्यार्थे वरदा भव शोभने ॥
त्वदङ्गसम्भवैः पत्रैः पूजयामि यथा हरिम् ।
तथा कुरु पवित्राङ्गि! कलौ मलविनाशिनि ॥
तुलसी विवाह मंगलाष्टक (Tulsi Vivah Mangalashtak Lyrics)
॥ अथ मंगलाष्टक मंत्र ॥
ॐ श्री मत्पंकजविष्टरो हरिहरौ, वायुमर्हेन्द्रोऽनलः।
चन्द्रो भास्कर वित्तपाल वरुण, प्रताधिपादिग्रहाः ।
प्रद्यम्नो नलकूबरौ सुरगजः, चिन्तामणिः कौस्तुभः,
स्वामी शक्तिधरश्च लांगलधरः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥1
गंगा गोमतिगोपतिगर्णपतिः, गोविन्दगोवधर्नौ,
गीता गोमयगोरजौ गिरिसुता, गंगाधरो गौतमः ।
गायत्री गरुडो गदाधरगया, गम्भीरगोदावरी,
गन्धवर्ग्रहगोपगोकुलधराः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥2
नेत्राणां त्रितयं महत्पशुपतेः अग्नेस्तु पादत्रयं,
तत्तद्विष्णुपदत्रयं त्रिभुवने, ख्यातं च रामत्रयम् ।
गंगावाहपथत्रयं सुविमलं, वेदत्रयं ब्राह्मणम्,
संध्यानां त्रितयं द्विजैरभिमतं, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥3
बाल्मीकिः सनकः सनन्दनमुनिः, व्यासोवसिष्ठो भृगुः,
जाबालिजर्मदग्निरत्रिजनकौ, गर्गोऽ गिरा गौतमः ।
मान्धाता भरतो नृपश्च सगरो, धन्यो दिलीपो नलः,
पुण्यो धमर्सुतो ययातिनहुषौ, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥4
गौरी श्रीकुलदेवता च सुभगा, कद्रूसुपणार्शिवाः,
सावित्री च सरस्वती च सुरभिः, सत्यव्रतारुन्धती ।
स्वाहा जाम्बवती च रुक्मभगिनी, दुःस्वप्नविध्वंसिनी,
वेला चाम्बुनिधेः समीनमकरा, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥5
गंगा सिन्धु सरस्वती च यमुना, गोदावरी नमर्दा,
कावेरी सरयू महेन्द्रतनया, चमर्ण्वती वेदिका ।
शिप्रा वेत्रवती महासुरनदी, ख्याता च या गण्डकी,
पूर्णाः पुण्यजलैः समुद्रसहिताः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥6
लक्ष्मीः कौस्तुभपारिजातकसुरा, धन्वन्तरिश्चन्द्रमा,
गावः कामदुघाः सुरेश्वरगजो, रम्भादिदेवांगनाः ।
अश्वः सप्तमुखः सुधा हरिधनुः, शंखो विषं चाम्बुधे,
रतनानीति चतुदर्श प्रतिदिनं, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥7
ब्रह्मा वेदपतिः शिवः पशुपतिः, सूयोर् ग्रहाणां पतिः,
शुक्रो देवपतिनर्लो नरपतिः, स्कन्दश्च सेनापतिः ।
विष्णुयर्ज्ञपतियर्मः पितृपतिः, तारापतिश्चन्द्रमा,
इत्येते पतयस्सुपणर्सहिताः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥8
॥ इति मंगलाष्टक समाप्त ॥
तुलसी विवाह क्यों कराया जाता है (Tulsi Vivah Kyu Karaya Jata Hai)
ऐसी मान्यता है कि तुलसी विवाह कराने से मनुष्य के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। क्योंकि इस अनुष्ठान को बेहद पुण्य का काम माना जाता है। तुलसी विवाह का आयोजन कुछ लोग देव उठनी एकादशी के दिन करते हैं तो कुछ इसके अगले दिन ये आयोजन करते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें

Kanwar Yatra 2025 Dates: कांवड़ यात्रा कब से शुरू होगी 2025 में, कितने प्रकार की होती है कांवड़ यात्रा, क्या हैं नियम

31 May 2025 Panchang: पंचांग से जानें कब से कब तक रहेगा राहुकाल, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और संयोग

Krishna Janmashtami 2025 Date: साल 2025 में कब है श्री कृष्ण जन्माष्टमी? जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

30 May 2025 Panchang: ज्येष्ठ चतुर्थी पर इतनी बजे होगा अमृत काल, शुभ मुहूर्त जान ऐसे करें विष्णु जी का पूजन

पक्षियों को दाना डालते वक्त भूलकर भी न करें ये बड़ी गलती, हो जाएंगे ये बड़े नुकसान
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited