Ugadi 2025 Kab Hai: उगादी 2025 में कब मनाया जाएगा, यहां नोट करें इसकी तिथि और महत्व

Ugadi 2025 Kab Hai: उगादी का त्योहार हिंदू नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। इस दिन से हिंदू नूतन वर्ष की शुरुआत हो जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल उगादी का त्योहार कब मनाया जाएगा।

Ugadi 2025 Kab Hai

Ugadi 2025 Kab Hai

Ugadi 2025 Kab Hai: उगादी का पर्व हर साल चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन मनाया जाता है। इसी दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है। यह पर्व विशेष रूप में दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश , तेलंगाना और कर्नाटक में मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इसी पर्व को गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता है। उगादी की तैयारी लोग एक सप्ताह पहले से ही शुरू कर देते हैं। इस दिन स्नान के बाद आम के पत्तों के द्वारा घर के मुख्य द्वार को सजाया जाता है और एक दूसरे को शुभकामना दी जाती है। इसी तिथि के दिन से ही मांगलिक कार्यों की भी शुरुआत हो जाती है। आइए जानें कि साल 2025 में उगादी का पर्व कब मनाया जाएगा।

Shakambhari Navratri 2025

Ugadi 2025 Kab Hai (2025 में उगादी कब है)हिंदू पंचांग के अनुसार उगादी का त्योहार हर वर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन मनाया जाता है। इस साल इस तिथि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 4 बजकर 29 मिनट पर होगा। वहीं इस तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 51 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल उगादी का पर्व 30 मार्च 2025 को मनाया जाएगा।

Ugadi Puja Vidhi (उगादी पूजा विधि)

  • उगादी के दिन सुबह उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए।
  • उसके बाद घर की साफ सफाई करके ब्रह्मा जी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • इसके साथ ही ब्रह्मा जी के मंदिर में जाकर फूल, अक्षत और धूप दीप अर्पित किया जाता है।
  • फिर ब्रह्मा जी के मंत्रों का जाप करना चाहिए और आरती करना चाहिए।

Ugadi Ka Mahatav (उगादी का महत्व)उगादी के दिन तेलुगु नव वर्ष की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन तेल लगाकर स्नान किया जाता है और नीम के पत्ते खाये जाते हैं। शास्त्र के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने उगादी के दिन ही ब्रह्मांड का निर्माण किया था। उगादी का पर्व हर क्षेत्र में अलग- अलग तरीके से मनाया जाता है। बंगाल में इस पर्व को पोइला बोइशाक के नाम से जाना जाता है। इस दिन सारे लोग नृत्य, संगीत और नाटक सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम किया जाता है।

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जयंती झा author

बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

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