Ugadi 2025: जानिए कैसे मनाया जाता है तेलुगु नव वर्ष का उत्सव, पढ़ें उगादी की डेट, पूजा विधि और महत्व की पूरी जानकारी यहां
Ugadi 2025 (उगादी 2025): आंध्र प्रदेश, तेलंगाना तथा कर्नाटक में हिंदू वर्ष के प्रथम दिवस को उगादी अथवा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नए संवत्सर का आरंभ भी होता है। इस पर्व को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें कई धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं इसकी डेट, पूजा विधि और महत्व के बारे में।

Ugadi 2025 Date, Puja Vidhi aur Mahatva
Ugadi 2025 (उगादी 2025): उगादि, हिंदू पंचांग के अनुसार तेलुगु नव वर्ष का आरंभ माना जाता है। ये पर्व मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। उगादि शब्द संस्कृत के युग और आदि से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है नए युग की शुरुआत। ये त्योहार चैत्र माह में पड़ता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने संसार की रचना की थी, इसलिए ये दिन सृष्टि के प्रारंभ का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन घरों को आम के पत्तों से सजाया जाता है, विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और नए संकल्प लिए जाते हैं। उगादि के अवसर पर विशेष रूप से उगादि पचड़ी बनाई जाती है, जिसमें छह प्रकार के स्वाद (मीठा, खट्टा, कड़वा, तीखा, नमकीन और कसैला) होते हैं। ये छह स्वाद जीवन के अलग-अलग अनुभवों का प्रतीक माने जाते हैं, जो जीवन में हर अनुभव को समान रूप से स्वीकार करने की सीख देते हैं। इस दिन लोग नए वस्त्र धारण करते हैं और परिवार तथा मित्रों के साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं। चलिए इसकी उगादी 2025 की डेट बारे में जानते हैं।
उगादी 2025 डेट (Ugadi 2025 Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 04:27 बजे शुरू होगी और 30 मार्च 2025 को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी। ऐसे में इस साल उगादी 30 मार्च को रविवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन तेलुगु शक संवत 1947 भी प्रारंभ होगी।
उगादी पूजा विधि (Ugadi Puja Vidhi)
- उगादी के दिन प्रातः उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए।
- इसके बाद घर की साफ-सफाई करके भगवान ब्रह्मा की प्रतिमा/फोटो स्थापित करनी चाहिए।
- इसके साथ ही भगवान ब्रह्मा के मंदिर में जाकर फूल, अक्षत और धूप दीप अर्पित किया जा सकता है।
- फिर, भगवान ब्रह्मा के मंत्रों का जाप विधिवत जाप करना चाहिए और उनकी आरती करनी चाहिए।
उगादी का महत्व (Ugadi ka Mahatva)
उगादी, जिसे दक्षिण भारत में नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। ये मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ये पर्व चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि को पड़ता है और नई ऋतु के आगमन का प्रतीक होता है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, घरों की साफ-सफाई करते हैं और विशेष पकवान बनाते हैं। ये पर्व न केवल नए साल की शुरुआत का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति, समृद्धि और नई ऊर्जा का संचार भी करता है।
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हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

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