Dwarka Nagri: भगवान श्री कृष्ण की द्वारका नगरी कैसे, कहां और क्यों डूबी थी? पढ़ें रोचक कथा

Dwarka Nagri: भगवान श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका के डूबने को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। माना जाता है कि किन्हीं श्राप के कारण श्री कृष्ण द्वारा बसाया गया ये शहर जलमग्न हो गया था। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि आखिर कहां, कैसे और क्यों डूब गई थी द्वारका।

Underwater Dwarka City

Dwarka Nagri: पौराणिक कथाओं अनुसार श्रीकृष्ण ने मथुरा छोड़ने के बाद द्वारका नाम का एक शहर बसाया था। तभी भगवान कृष्ण को द्वारकाधीश भी कहा जाता है। कहते हैं दो श्राप की वजह से भगवान कृष्ण की ये अद्भुत नगरी जलमग्न हो गई थी। माना जाता है कि आज भी समुद्र में हजारों साल पुरानी इस द्वारका नगरी के अवशेष मिलते हैं। बता दें श्री कृष्ण की द्वारका नगरी गुजरात के काठियावाड क्षेत्र में अरब सागर द्वीप पर स्थित है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पानी के नीचे छीपे इस शहर के दर्शन किए। यहां आप जानेंगे कि आखिरी किस श्राप की वजह से द्वारका नगरी डूब गई थी।

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गांधारी का श्राप

पौराणिक कथाओं अनुसार कौरवों की माता गांधारी ने महाभारत युद्ध के लिए श्रीकृष्ण को दोषी ठहराया। अपने पुत्रों की मौत से व्याकुल गांधारी ने भगवान श्रीकृष्ण को श्राप दिया कि जिस तरह कौरवों के वंश का नाश हुआ। ठीक उसी प्रकार पूरे यदुवंश का भी नाश हो जाएगा। कहते हैं इसी श्राप की वजह से भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी पानी में समा गई थी और पूरे यदुवंश का अंत हो गया था।

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ऋषियों का श्राप

प्रचलित कथाओं के मुताबिक दूसरा श्राप ऋषियों द्वारा श्रीकृष्ण के पुत्र सांब को दिया गया था। कहते हैं जब महर्षि विश्वामित्र, कण्व, देवर्षि नारद आदि भगवान कृष्ण के नगर द्वारका पहुंचे। तो वहां यादव कुल के कुछ युवकों ने इन ऋषियों से एक मजाक किया। वे भगवान कृष्ण के पुत्र सांब को स्त्री के वेष में ऋषियों के पास ले गए और कहा कि ये स्त्री गर्भवती है। क्या आप बता सकते हैं कि इसके गर्भ से क्या पैदा होगा? क्रोधित ऋषियों ने इसे अपना अपमान समझा और श्राप दिया कि श्रीकृष्ण का ये पुत्र लोहे का एक भयंकर मूसल उत्पन्न करेगा जिससे पूरे कृष्ण कुल का नाश हो जाएगा।

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