Budget 2023 में वित्त मंत्री Sitharaman ने जिन 'सप्तऋषि' का किया जिक्र, सनातन धर्म में है उनका विशेष स्थान

Union Budget 2023 Nirmala Sitharaman On Saptarishi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए सनातन धर्म के सप्तर्षियों का जिक्र किया। क्या आप जानते हैं इन सप्तर्षियों के बारे में।

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सनातन धर्म के सात सर्वोच्च ऋषि, जो कहलाते हैं सप्तर्षि

01 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने देश का केंद्रीय बजट (Union Budget) 2023-24 पेश किया। इस बार के बजट में गरीब तबकों, आदिवासी समुदाय, मछलीपालकों, किसानों पर खास फोकस रहा। इसके साथ ही बजट के दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने सप्तऋषि का भी जिक्र किया। दरअसल इस बजट की 7 प्राथमिकताएं हैं। जिन्हें सप्तऋषि कहकर संबोधित किया गया है। ये सप्तऋषि हैं- समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुँचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, ग्रीन ग्रोथ, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सनातन धर्म में भी सप्तर्षियों का विशेष स्थान माना गया है। जानिए इन सप्तर्षि के बारे में।

सनातन धर्म के सात सर्वोच्च ऋषि, जो कहलाते हैं सप्तर्षि

वेदों में जिन सात ऋषियों के नामों का पता चलता है वे हैं ऋषि कश्यप, अत्रि ऋषि, भारद्वाज ऋषि, विश्वामित्र ऋषि, गौतम ऋषि, जमदग्नि ऋषि और वशिष्ठ ऋषि। इन्हीं सातों ऋषियों से तारामंडल के सात तारों को भी जोड़ा जाता है। माना जाता है कि ये ऋषि या इन्हीं के वंशज भी आगे सप्तर्षि तारा मण्डल का हिस्सा बने।

पहले ऋषि हैं कश्‍यप- इनकी 17 पत्नियां थी। इनकी अदिति नाम की पत्नी से सभी देवता और दिति नाम की पत्नी से दैत्यों की उत्पत्ति मानी गई है। ऐसा माना जाता है कि शेष पत्नियों से भी अलग-अलग जीवों की उत्पत्ति हुई है।

दूसरे ऋषि हैं अत्रि- धार्मिक मान्यताओं अनुसार त्रेतायुग में श्रीराम, लक्ष्मण और सीता वनवास के समय में अत्रि ऋषि के आ़़श्रम में ही रूके थे। इनकी पत्नी अनसूया थी। इनके पुत्र भगवान दत्तात्रेय हैं।

तीसरे ऋषि हैं भारद्वाज- भारद्वाज ऋषि ने आयुर्वेद सहित कई ग्रंथों की रचना की थी। इनके पुत्र द्रोणाचार्य थे।

चौथे ऋषि हैं विश्वामित्र- धार्मिक मान्यताओं अनुसार इन्होंने ही गायत्री मंत्र की रचना की थी। ये भगवान श्रीराम और लक्ष्‍मण के गुरु भी थे।

पांचवें ऋषि हैं गौतम- गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या थीं। इन्होंने शाप देकर अहिल्या को पत्थर का बना दिया था। श्रीराम की कृपा से अहिल्या ने पुन: अपना रूप प्राप्त किया था।

छठे ऋषि हैं जमदग्नि- भगवान परशुराम जमदग्नि और रेणुका के ही पुत्र माने जाते हैं। पौराणिक कथाओं अनुसार परशुराम ने पिता की आज्ञा से माता रेणुका का सिर काट दिया था। इससे जमदग्नि प्रसन्न हुए और वर मांगने के लिए कहा था। तब परशुराम ने अपने पिता जमदग्नि से माता रेणुका का जीवन मांग लिया।

सातवें ऋषि हैं वशिष्ठ- ऋषि वसिष्ठ राजा दशरथ के चारों पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के गुरु थे।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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