Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों तक करें रामायण का पाठ, यहां जानें पूरा नियम
Chaitra Navratri 2024: सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का बहुत महत्व है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा के साथ- साथ रमायण पाठ करने का भी विधान है। ऐसे में आइए जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि के दौरान रामायण का पाठ कैसे करें। यहां जानें पूरा नियम।
Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के पूरे नौ दिन माता रानी की पूजा के लिए समर्पित होते हैं। इस दौरान माता के भक्त पूरे भक्ति भाव के साथ मां दुर्गा की उपासना करते हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि का आरंभ 9 अप्रैल से हो रहा है। इसी के साथ इसका समापन 17 अप्रैल को होगा। इसी दिन रामनवमी का भी पर्व माना जाएगा। नवरात्रि के समय में मां धरती लोक पर विचरण करने आती हैं, इसलिए इस समय में मां की खास पूजा की जाती है। बहुत से लोग नवरात्रि के दौरान रामायण का नवाह पाठ भी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में रामायण का पाठ करने से साधक को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहें हैं कि नवरात्रि के दौरान रामायण का कैसे पाठ करें। यहां जानें रामायण पाठ का पूरा नियम।
नवरात्रि में रामायण का पाठ करने के नियम (Chaitra Navratri Ramayan Path Niyam)- नवरात्रि के पहले दिन से रामायण पाठ का आरंभ कर दें।
- उसके लिए सबसे पहले रमायण को किसी साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें।
- उसके बाद रमायण पुस्तक की धूप दीप दिखाएं और अक्षत चढ़ाएं।
- फिर हाथों में फूल लेकर रामायण का पाठ शुरू करें।
- नवरात्रि के दिन के अनुसार रामायण का पाठ करें।
- पूरे नौ दिन में रामायण पूरे करने के लिए रामायम का विश्राम निर्धारित कर उतना पाठ करें।
- रामायण का पाठ करते समय किसी से भी कोई बात ना करें।
- अंत में पाठ पूरा करने के बाद हर रोज रामायण जी की आरती करें।
नवरात्रि में इस तरह से करें रामायण का पाठ
पहला विश्राम | बालकांड मंगलाचरण के 1 से 120 दोहे तक |
दूसरा विश्राम | बालकांड 120 दोहे से 239 दोहे तक। |
तीसरा विश्राम | 239 दोहा से बालकाण्ड की पूर्णाहुति तक। |
चौथा विश्राम | मंगलाचरण से 116 दोहे तक। |
पांचवा विश्राम | 116 से 236 दोहे तक। |
छठवां विश्राम | 236 से अरण्यकाण्ड दोहा 29 (क) |
सातवां विश्राम | अरण्यकाण्ड दोहा 29 (ख) से लंकाकाण्ड दोहा 12 (क) तक |
आठवां विश्राम | लंकाकाण्ड दोहा 12 (ख) से उत्तरकाण्ड दोहा 10 (ख) तक |
नवां विश्राम | उत्तरकाण्ड दोहा 11 से उत्तरकाण्ड की पूर्णाहूति तक। |
हिंदू धर्म में रामायण को महान ग्रंथ माना गया है। नवरात्रि में रामायण का पाठ करने से साधक पर मां दुर्गा और भगवान राम दोनों की कृपा बनी रहती है। इस पाठ को नौ दिनों तक करने से घर में साकारात्मक ऊर्जा आती है। इसी के साथ अगर आपके जीवन में कोई परेशानी चली रही हो तो वो भी समाप्त होती है। रामायण पाठ करने से सारे बिगड़े काम बन जाते हैं।
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