Utpanna Ekadashi 2022: इस एकादशी से ही हुई थी एकादशी व्रत की शुरुआत, व्रत से मिलता है अद्भुत फल

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का काफी महत्व होता है। लेकिन सभी एकादशी में मार्गशीर्ष मास में पड़ने वाली एकादशी को खास माना जाता है। क्योंकि इसी दिन से एकादशी व्रत की शुरुआत मानी जाती है। इसे उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। उत्पन्ना एकादशी व्रत से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त करता है।

उत्पन्न एकादशी की इस दिन करें पूजा

मुख्य बातें
  • मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष एकादशी को विष्णुजी के शरीर से हुई देवी एकादशी की उत्पत्ति
  • उत्पन्ना एकादशी के दिन से ही हुई एकादशी व्रत की शुरुआत
  • उत्पन्ना एकादशी के व्रत से होती है मोक्ष की प्राप्ति

Utpanna Ekadashi 2022 Vrat Puja Vidhi Importance: एकादशी के दिन व्रत और पूजन हिंदू धर्म से जुड़े सभी घरों में किए जाते हैं। वैसे तो हर माह कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में दो एकादशी तिथि पड़ती है। इस तरह से पूरे साल में 24 और अधिकमास में 26 एकादशी पड़ती है। लेकिन शास्त्रों में उत्पन्ना एकादशी व्रत के विशेष महत्व के बारे में बताया गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है। इस साल उत्पन्ना एकादशी का व्रत व पूजन 20 नवंबर 2022 को किया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु के साथ देवी एकादशी की भी पूजा का विधान है। एकादशी व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को अद्भुत फल की प्राप्ति होती है। जानते हैं उत्पन्ना एकादशी के व्रत, पूजा विधि और महत्व के बारे में।

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कैसे हुई एकादशी व्रत की शुरुआत

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धार्मिक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु और मुर नामक राक्षस के बीच जब युद्ध हुआ तो विष्णुजी बद्रिकाश्रम के गुफा में छिप गए और इस बीच गुफा में ही उनकी आंख लग गई। मुर ने भगवान विष्णु को निद्रा में ही मारना चाहा। तभी विष्णुजी के शरीर से एक देवी ने अवतरित होकर मुर का वध कर दिया और भगवान विष्णु के प्राण की रक्षा की। इस दिन मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी थी। तब से ही एकादशी व्रत की शुरुआत मानी जाती है।

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