Utpanna Ekadashi Parana Time 2023: उत्पन्ना एकादशी व्रत पारण टाइम यहां देखें
Utpanna Ekadashi 2023 Parana Time: पंचांग अनुसार उत्पन्ना एकादशी तिथि 8 दिसंबर 2023 की सुबह 5 बजकर 6 मिनट से शुरू होगी और इसकी समाप्ति 9 दिसंबर की सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर होगी। जानिए 8 या 9 दिसंबर उत्पन्ना एकादशी कब मनाई जाएगी।
Utpanna Ekadashi Vrat Parana Time 2023
Utpanna Ekadashi 2023 Parana Time: पंचांग अनुसार साल में कुल 24 एकादशी तिथियां पड़ती हैं। इन्हीं में से एक होती है उत्पन्ना एकादशी। जो मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ती है। इस साल उत्पन्ना एकादशी 8 दिसंबर, दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता एकादशी की भी पूजा की जाती है। मान्यता है जो भी व्यक्ति सच्चे मन से उत्पन्ना एकादशी का व्रत करता है उसके जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं इस एकादशी का व्रत रखने से पूर्वजन्म और वर्तमान दोनों जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। यहां जानिए उत्पन्ना एकादशी की पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व।
Utpanna Ekadashi Vrat Katha In Hindi
उत्पन्ना एकादशी 2023 पारण मुहूर्त (Utpanna Ekadashi 2023 Parana Muhurat)
उत्पन्ना एकादशी- 8 दिसंबर 2023, शुक्रवार
एकादशी तिथि प्रारम्भ - 08 दिसम्बर 2023 को 05:06 AM बजे
एकादशी तिथि समाप्त - 09 दिसम्बर 2023 को 06:31 AM बजे
9 दिसम्बर को पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 12:58 PM से 03:06 PM
पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय - 12:41 PM
उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि (Utpanna Ekadashi Puja Vidhi In Hindi)
- सुबह उठकर स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन कर भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करें।
- इसके बाद भगवान गणेश और श्री कृष्ण की मूर्ति रखें।
- फिर भगवान गणेश की विधि विधान पूजा करें।
- इसके बाद भगवान विष्णु की धूप, दीप, नैवेद्य इत्यादि के साथ पूजा करें और उन्हें रोली और अक्षत चढ़ाएं।
- फिर पूजा के बाद उत्पन्ना एकादशी की व्रत कथा सुनें।
- पूजा के बाद आरती करें और सभी में प्रसाद बांटे।
- एकादशी व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है।
- व्रत खोलने से पहले जरूरतमंदों को दान दें और किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं।
उत्पन्ना एकादशी महत्व (Utpanna Ekadashi Significance)
हिंदू धर्म में उत्पन्ना एकादशी का खास महत्व माना गया है। कहते हैं जो कोई भी इंसान इस व्रत को पूरी निष्ठा के साथ करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। जो कोई भी इंसान एकादशी का व्रत शुरू करना चाहता है उन्हें उत्पन्ना एकादशी से ही इस व्रत की शुरुआत करनी चाहिए। हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मुरसुरा नाम के राक्षस का वध किया था। इस दिन भगवान विष्णु और एकादशी माता का व्रत और पूजन करने का विधान बताया गया है।
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