Vaibhav Laxmi Vrat Katha In Hindi: वैभव लक्ष्मी व्रत कथा, हिंदी में लिखित कहानी से जानें वैभव लक्ष्मी व्रत की महिमा

Vaibhav Laxmi Vrat Katha (वैभव लक्ष्मी व्रत कथा इन हिंदी): मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए वैभव लक्ष्मी का व्रत किया जाता है। यह व्रत शुक्रवार के दिन किया जाता है। वैभव लक्ष्मी व्रत में कथा के पाठ का भी महत्व है। अगर आप ये व्रत करते हैं तो यहां वैभव लक्ष्मी व्रत कथा और कहानी को पढ़ सकते हैं।

वैभव लक्ष्मी व्रत कथा

Vaibhav Laxmi Vrat Katha (वैभव लक्ष्मी व्रत कथा इन हिंदी): मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए वैभव लक्ष्मी व्रत का बहुत महात्म्य माना जाता है। मां लक्ष्मी का ये व्रत शुक्रवार के दिन किया जाता है। जीवन के दुखों को नष्ट करने के लिए इस व्रत को महत्वपूर्ण बताया गया है। मान्यता है कि अगर सही विधि और साफ मन से वैभव लक्ष्मी व्रत किया जाए तो यह घर में सुख और समृद्धि लेकर आता है और तमाम बुराइयों का नाश करता है। वैभव लक्ष्मी व्रत में इसकी कथा का पाठ भी जरूरी है। यहां आप देख सकते हैं वैभव लक्ष्मी व्रत कथा हिंदी में लिखित।

Vaibhav Laxmi Vrat Katha in Hindiबहुत साल पहले की बात है। एक नगर में मीना और उसके पति सुख से रहते थे। मीना धार्मिक प्रवृत्ति और संतोषी स्वभाव की महिला थी। ऐसे ही उनका पति भी विवेकी था और मीना का बहुत सम्मान करता था। दोनों अपने काम में मगन रहते और किसी की बुराई नहीं करते थे। सभी उनकी आदर्श गृहस्थी के उदाहरण देते थे। लेकिन समय का चक्र चला और मीना का पति गलत रास्ते पर चल पड़ा। उसकी संगत भी खराब हो गई और वह नशे और जुए की लत में फंस गया।

अपने घर के ऐसे हालात देखकर मीना टूट गई थी। लेकिन उसने समझदारी से अपनी गृहस्थी की एक डोर थामे रखी और भगवान पर भरोसा कर अपनी जिम्मेदारी निभाने लगी। साथ ही वह नियमित पूजा करती रही।

एक दिन मीना की तबीयत ठीक नहीं थी। उसने दो दिन से कुछ खाया नहीं था। तभी दरवाजे पर दस्तक हुई। उसने देखा कि बाहर एक बूढ़ी औरत खड़ी है जिसके चेहरे पर एक अलौकिक तेज था। उनका भव्य चेहरा करुणा और ममता से छलक रहा था। मीना ने उनको देखा तो उसके मन में शांति का अनुभव हुआ। वह उन्हें अंदर लाई। उसके पास बैठाने के लिए फटी लेकिन साफ चादर थी। उसने बूढ़ी महिला को सम्मान के साथ उस पर बैठाया।

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