Vaikunta Dwara Darshan Tirumala 2025: क्या है तिरुपति वैकुंठ द्वार दर्शन, जिसके लिए साल भर इंतजार करते हैं श्रद्धालु
Vaikunta Dwara Darshan Tirumala 2025: आंध प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में हजारों भक्त बैकुंठ एकादशी के दिन भगवान के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं। मान्यताओं के अनुसार पूरे साल में एक दिन भगवान के बैकुंठ दर्शन प्राप्त होते हैं जिससे जुड़ी मान्यता और महत्व के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

Vaikunta Dwara Darshan Tirumala 2025
Vaikunta Dwara Darshan Tirumala 2025 (वैकुंठ दर्शन तिरुपति बालाजी): वास्तु कला और शिल्प कला का अद्भुत उदाहरण माने जाने वाले आंध्र प्रदेश की तिरुमाला की पहाड़ियों पर स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर की मान्यता पूरे विश्व में है। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में जगत के पालनहार भगवान विष्णु श्री वेंकटेश्वर के रूप में विराजमान हैं जो कलयुग में मानवता की रक्षा कर रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि वैकुंठ द्वार का दर्शन सौभाग्य से मिलता है। मान्यता है कि ये अलौकिक अवसर भक्तों को जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्ति प्रदान करता है। हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु बैकुंठ एकादशी के मौके पर मोक्ष की कामना के साथ भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं क्योंकि ये द्वार साल में सिर्फ एक ही बार खुलते हैं।
Vaikuntha Ekadashi wishes in Hindi
वैकुंठ द्वार दर्शन 2025 (Vaikunta Dwara Darshan Tirumala 2025)
इस बार 10 जनवरी को वैकुंठ एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है। ऐसे में इसी दिन “तिरुमाला वैकुंठ द्वार” भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा और 19 जनवरी तक भक्तों को इसके दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा।
Vaikunth Darshan Significance (वैकुंठ दर्शन तिरुपति बालाजी)
विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के गर्भगृह के पास में वैकुंठ द्वार मौजूद है। ये पवित्र द्वार वर्ष में केवल एक बार वैकुंठ एकादशी के शुभ मुहूर्त पर खोला जाता है। शास्त्रों के अनुसार वैकुंठ एकादशी अत्यंत ही शुभ दिन माना जाता है जब भक्त मोक्ष के लिए भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं। वैकुंठ द्वार दर्शन का महत्व वैकुंठ एकादशी के अवसर पर ही होता है और तब वे भगवान का विशेष आर्शीवाद प्राप्त कर सकते हैं। यहां पर परिक्रमा करने की भी परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है। मान्यता है कि वैकुंठ द्वार के दर्शन करने का अवसर सौभाग्य से मिलता है। इसे मोक्ष का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दर्शन से व्यक्ति अपने पाप-दोषों से मुक्त हो जाता है।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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