Vaikunth Ekadashi Vrat Katha: वैकुंठ एकादशी व्रत कथा हिंदी में यहां देखें

Baikunth Ekadashi Or Putrada Ekadashi Vrat Katha: पौष माह की इस एकादशी को वैकुंठ एकादशी (Vaikuntha Ekadashi), मोक्षदा एकादशी और पौष पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है। इसे मुक्कोटी एकादशी भी कहते हैं।

Vaikunth Ekadashi Vrat Katha: वैकुंथ एकादशी व्रत कथा

Vaikunth Ekadashi (Paush Putrada Ekadashi) Vrat Katha In Hindi: एकादशी व्रत को सभी व्रतों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। 2 जनवरी को पौष माह की एकादशी मनाई जा रही है। इस एकादशी को वैकुंठ एकादशी, मोक्षदा एकादशी और पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु के धाम वैकुंठ का द्वार खुला रहता है। इसलिए आज जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से पूजन और व्रत करता है उसे मरने के बाद श्रीहरि के चरणों में स्थान मिलता है यानी उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। मान्यता है इस व्रत को करने से संतान प्राप्ति का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। जानिए इस व्रत की पौराणिक कथा।

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वैकुंठ एकादशी कथा | Vaikuntha Ekadashi Vrat Katha

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