Vaikuntha Ekadashi Vrat Katha In Hindi: वैकुंठ एकादशी व्रत की पौराणिक कथा हिंदी में यहां देखें

Vaikunth Ekadashi Vrat Katha In Hindi: इस साल वैकुंठ एकादशी व्रत 23 दिसंबर को रखा जाएगा। इसे मुक्कोटी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यहां आप जानेंगे वैकुंठ एकादशी की पौराणिक व्रत कथा जिसे पढ़ने से हर कष्ट हो जाएगा दूर।

Vaikunth Ekadashi Vrat Katha In Hindi

Vaikunth Ekadashi Vrat Katha In Hindi: हिंदू धर्म में वैकुण्ठ एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है। ये एकादशी धनुर्मास में पड़ती है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के निवास स्थान वैकुण्ठ का द्वार खुलता है। ऐसे में जो श्रद्धालु इस एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति अवश्य होती है। साथ ही जन्म-मरण के चक्र से भी मुक्ति मिल जाती है। इतना ही नहीं ऐसे साधक पर भगवान विष्णु की भी विशेष कृपा रहती है। अब देखिए वैकुंठ एकादशी की व्रत कथा।

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Vaikunth Ekadashi Vrat Katha In Hindi (वैकुंठ एकादशी व्रत कथा)

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पौराणिक कथा के अनुसार चंपकनगर में एक राजा रहता था जिसका नाम वैखानस था। एक रात राजा को बड़ा भयानक सा सपना आया। सपने में राजा ने अपने पिता को यमलोक में बहुत सी यातनाएं सहते देखा। राजा इस सपने से परेशान हो गया और उसने अपने मंत्रियों की सभा बुलाई और उन्हें अपने सपने के बारे में बताया। राजा ने सभी मंत्रियों से अपने पिता को मुक्ति दिलाने का उपाय खोजने को कहा। मंत्रियों ने राजा को सुझाव दिया कि आप पर्वत मुनि के आश्रम जाकर उनसे सहायता मांगे। मंत्रियों की बात सुनकर राजा मुनि के आश्रम पहुंचे और उन्हें अपने सपने के बारे में बताया। तब पर्वत मुनि ने राजा को बताया कि ‘राजन! आपके पिता से कोई अपराध हो गया था जिस वजह से ही उन्हें यमलोक में यातनाओं झेलनी पड़ रही हैं।’

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