Vaikuntha Ekadashi 2025: वैकुंठ एकादशी कब है, जानिए इसकी पूजा विधि, मुहूर्त, महत्व और पूजा मंत्र

Vaikuntha Ekadashi Puja Vidhi (बैकुंठ एकादशी पूजा विधि हिंदी में): वैकुंठ एकादशी व्रत 10 जनवरी 2025 को रखा जाएगा। इस तिथि पर भगवान विष्णु के पूजन-व्रत से मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसे में आप यहां पर बैकुंठ एकादशी पूजा विधि हिंदी में देख सकते हैं और इसके महत्व, तिथि, मुहूर्त और पूजा मंत्र जान सकते हैं।

Vaikunth Ekadashi Puja Vidhi

Vaikuntha Ekadashi 2025 Timings

Vaikuntha Ekadashi Puja Vidhi (बैकुंठ एकादशी पूजा विधि हिंदी में): हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार बैकुंठ एकादशी के व्रत को रखने की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। इस दि‍न भगवान विष्णु और माता लक्ष्‍मी का पूजन और व्रत अत्यंत ही लाभदायक माना जाता है। भगवान विष्णु को जगत का पालनहार माना जाता है और मानवता की रक्षक कहा जाता है। भगवान विष्णु के इस पावन व्रत को करने मात्र से ही व्यक्ति को अनंत सुख और शांति की प्राप्ति होती है तथा उसके पापों से उसे मुक्‍त‍ि म‍िलती है। ऐसे में आज हम आपके लिए बैकुंठ एकादशी पूजा विधि हिंदी में लेकर आए और साथ ही आपको महत्व, तिथि, मुहूर्त और पूजा मंत्र की भी जानकारी देंगे।

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Vaikuntha Ekadashi 2025 Date (बैकुंठ एकादशी तिथि)

पंचांग के अनुसार पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर बैकुंठ एकादशी तिथि की शुरुआत 09 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से होगी। इस तिथि का समापन 10 जनवरी को रात्रि 10 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में वैकुंठ एकादशी का व्रत 10 जनवरी को किया जाएगा।

Vaikuntha Ekadashi 2025 Timings (बैकुंठ एकादशी मुहूर्त 2025)

• एकादशी तिथि प्रारंभ: 9 जनवरी 2025 को दोपहर 12:22 बजे

• एकादशी तिथि समाप्त: 10 जनवरी 2025 को प्रातः 10:19 बजे

• पारण का समय: 11 जनवरी 2025 को प्रातः 7:14 बजे से 8:21 बजे तक

• द्वादशी समाप्ति: 11 जनवरी 2025 को प्रातः 8:21 बजे

Vaikuntha Ekadashi Puja Vidhi (बैकुंठ एकादशी पूजा विधि)

• व्रत: भक्तजन इस दिन व्रत का संकल्प लेते हैं और द्वादशी तिथि पर पारण करते हैं। जिससे उनको भगवान श्री हरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

• प्रार्थना: इस दिन पूजा के समय दीप जलाकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और विभिन्न पूजन सामग्री अर्पित करते हैं।

• मंत्र जाप: व्रत के समय भगवान विष्णु के सिद्ध मंत्रों और स्तोत्रों का जाप करने से तन और मन को शांति मिलती है।

• मंदिर दर्शन: एकादशी व्रत के दिन आप इस मंदिर जाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के दर्शन करना शुभ माना जाता है।

Vaikuntha Ekadashi Importance (बैकुंठ एकादशी का महत्व)

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैकुंठ एकादशी धनुर मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ती है, जिसे तमिल परंपरा में मार्गजी मास भी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। दक्षिण भारत के तिरुपति मंदिर सहित कई मंदिरों में ये पर्व विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है।

Bhagwan Vishnu Mantra (भगवान विष्णु मंत्र)

बैकुंठ एकादशी पर भगवान विष्णु के इन सिद्ध मंत्रो का जाप कर सकते हैं –

• ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

• ॐ नमो नारायणाय

• ॐ विष्णवे नम:

• ॐ हूं विष्णवे नम:

• ॐ अं वासुदेवाय नम:

• ॐ आं संकर्षणाय नम:

• ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:

• ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:

• ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्

• ॐ क्लीं विष्णवे नमः

इन मंत्रों का जाप करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और भगवान विष्णु की कृपा मिलती है। अगर इन मंत्रों का जाप एकादशी व्रत में करते हैं तो आपके जीवन से सभी कष्ट-क्लेश दूर हो जाएंगे।

(डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। timesnowhindi.com इसकी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता है। इसलिए किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की राय जरूर लें।)

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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