Vaishakh Amavasya 2024 Puja Vidhi: वैशाख अमावस्या पर इस विधि से करें पूजा, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद

Vaishakh Amavasya 2024 Puja Vidhi: वैशाख मास की अमावस्या तिथि गंगा स्नान, दान और पितरों के तर्पण के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान नारायण की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या की पूजा विधि के बारे में।

Vaishakh Amavasya 2024 Puja Vidhi

Vaishakh Amavasya 2024 Puja Vidhi: हिंदू धर्म में वैशाख मास की विशेष महत्व है। ये महीना भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय है। ऐसे में वैशाख मास की अमावस्या तिथि का भी खास महत्व है। इस साल वैशाख महीने की अमावस्या तिथि 8 मई 2024 को है। इस दिन गंगा स्नान और दान का बहुत महत्व है। अमावस्या के दिन तर्पण और पितरों का श्राद्ध कर्म करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अमावस्या का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए भी उत्तम माना जाता है। इस दिन पूरे विधि- विधान से नारायण ती पूजा करने साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या की पूजा विधि।

Vaishakh Amavasya 2024 Puja Vidhi (वैशाख अमावस्या पूजा विधि)
  • वैशाख अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
  • उसके बाद गंगाजल युक्त जल या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
  • फिर सूर्य देवता को जल अर्पि करें।
  • उसके बाद पूरे विधि से पितरों का श्राद्ध कर्म और तर्पण करें।
  • इस दिन भगवान नारायण की विधिवत पूजा करें।
  • अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म के बाद ब्रह्मणों को भोजन कराएं और दान दें।

Vaishakh Amavasya 2024 Snan Daan Shubh Muhurat (वैशाख अमावस्या गंगा स्नान शुभ मुहूर्त 2024)हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल वैशाख मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 7 मई को रात 11 बजकर 41 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 8 मई की सुबह 8 बजकर 52 पर होगा। ऐसे में अमावस्या का व्रत 8 मई को रखा जाएगा। इस दिन प्रातः 4 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 4 बजकर 51 मिनट तक गंगा स्नान के लिए शुभ मुहू्र्त रहेगा।

Vaishakh Amavasya Importance (वैशाख अमावस्या महत्व)सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है। इस दिन गंगा स्नना और दान करने से साधक को उत्तम फल की प्राप्ति होती है। अमावस्या की तिथि पूर्वजों की पूजा के लिए भी उचित मानी जाती है। इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करना चाहिए। ऐसा करने से परिवार को पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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