Vaishakh 2025: माधव मास कहलाता है वैशाख महीना, इस माह में करें ये अनुष्ठान, इन ग्रथों के पाठ से मिलेगा दोगुना लाभ
Vaishakh Mahine ka Mahatava: हिंदू कैलंडर का दूसरा महीना वैशाख होता है। इस मास के दान का बहुत महत्व माना जाता है। मान्यता है कि ये मास भगवान विष्णु और श्री कृष्ण को अति प्रिय था। यहां नोट करें कि वैशाख मास में क्या करना चाहिए, किसकी पूजा करें आदि की जानकारी।

Vaishakh Mahine ka Mahatava
Vaishakh Mahine ka Mahatava: वैशाख माह बहुत ही पवित्र माह होता है। इस माह में पूजा, पाठ व दान का बहुत महत्व है। यह माह पुण्य प्राप्ति व आध्यात्मिक उत्कर्ष का पुनीत व स्वर्णिम अवसर प्रदान करता है। विष्णु उपासना के रूप में इस माह भगवान राम व कृष्ण की पूजा की जाती है। जीवन में संयम व त्याग बहुत आवश्यक है। हमें इस माह आलस्य व क्रोध पर विजय प्राप्त करके संयम पूर्वक जीवन जीते हुए हरि चरणों की भक्ति प्राप्त करनी है।
गर्मी के कारण करें दान व पुण्य
इस माह से गर्मी तेजी से बढ़ना प्रारम्भ करती है। इस माह हम अपने घर के छतों पर विहंगों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करें। गाय तथा गौशालाओं के लिए गुड़ व जल की व्यवस्था करें। इसलिए घर पर ही एक दान पात्र बना लें व उसमें नियमित कुछ द्रव्य पूरे माह निकालते रहें। यही कार्य अन्न के लिए भी करें। नियमित एक व्यक्ति के भोजन के बराबर अन्न निकालते रहें।
श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ व पूर्ण करें श्री रामचरितमानस
इस समय घर पर ही प्रातःकाल श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। माह के प्रथम दिवस ब्रह्म मुहूर्त में उठकर श्री रामचरितमानस के सम्पूर्ण पाठ का संकल्प लें व प्रतिदिन मानस पाठ कर अंतिम दिवस विधिवत घर पर ही हवन कर दें।
प्रतिदिन घर पर ही करें हवन
वैशाख माह में हवन का बहुत महत्व है।प्रतिदिन हवन करें।कपूर से अपने घर के मंदिर में भगवान व सभी देवी देवताओं की आरती करें। सायंकाल लोहबान व कपूर जलाएं। हवन घर में ऐसे जगह करें जहां से धुआं आसानी से घर के बाहर निकल जाए।
वैशाख माह में करें पार्थिव पूजन व महामृत्युंजय अनुष्ठान
इस समय मन्दिर में रुद्राभिषेक करें। घर पर भी पार्थिव का शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करें। जो लोग रोग से पीड़ित हैं,शनि की साढ़े साती या ढैया से प्रभावित हैं वो नियमित महामृत्युंजय मंत्र का जप करते रहें। शिव पुराण का नियमित पाठ इस माह बहुत ही पुण्यदायी है। जिन लोगों का मारकेश चल रहा है वो शिव अर्चना करें व महामृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान करते रहें।
करें अपने राशि के बीज मन्त्रों का जप व दान
भाग्य वृद्धि के लिए अपने राशि को जानकर उसके स्वामी ग्रह के बीज मंत्र का जप व उससे संबंधित द्रव्यों का दान करें।राशि का निर्धारण जन्मकुण्डली से होने वाली राशि से है। यदि आपकी कुंडली नहीं है या आपको अपना राशि नाम स्मरण नहीं है तो अपने नाम राशि के स्वामी ग्रह के अनुसार जप व दान करें।
इस प्रकार वैशाख माह में उपर्युक्त उपाय करके अपना आध्यात्मिक उत्कर्ष कर सकते हैं जिससे आपके दैहिक, दैविक व भौतिक संतापों का नाश होगा व आपका जीवन खुशियों से आच्छादित होगा।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

सुजीत जी महाराज ज्योतिष और वास्तु विज्ञान एक्सपर्ट हैं जिन्हें 20 वर्षों का ज्योतिष, तंत्र विज्ञान का अनुभव हासिल हैं। 25000 से ऊपर लेख देश के कई बड़...और देखें

Aaj Ka Panchang 8 June 2025: पंचांग से जानिए प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त, आज का राहुकाल और सूर्योस्त समय

ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है 10 या 11 जून, नोट कर लें सही तारीख

Nag Panchami 2025 Date: नाग पंचमी कब है 2025 में, क्यों मनाई जाती है?

8 जून को रवि प्रदोष व्रत, पढ़ें इसकी पावन कथा

Devshayani Ekadashi 2025 Date: देवशयनी एकादशी कब है 2025 में, यहां जानिए इसकी सही तारीख, मुहूर्त और पूजा विधि
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited