vaishakh month 2025 date: वैशाख मास 2025 कब से शुरू होगा उत्तर भारत में, क्यों कहते हैं इसे माधव मास, जानें इसका महत्व
Vaishakh Month 2025 Date: हिंदू कैलेंडर में वैशाख मास साल का दूसरा महीना होता है जो अप्रैल मध्य से मई मध्य के बीच में आता है। इसे भगवान विष्णु का प्रिय मास माना जाता है। इसका एक नाम माधव मास भी है और इस महीने में श्री कृष्ण की पूजा शुभ मानी जाती है। जानें उत्तर भारत में वैशाख मास 2025 की प्रारंभ डेट और इसका समापन कब होगा। साथ ही जानें वैशाख महीने का महत्व।

Vaishakh Month 2025 Date
Vaishakh Month 2025 Date : वैशाख का महीना श्री हरि और विष्णु जी की पूजा में खास स्थान रखता है। हिंदू कैलंडर के अनुसार, यह साल का दूसरा मास होता है जो चैत्र मास के बाद आता है। इसकी प्रारंभ तिथि अप्रैल मध्य से मई मध्य के बीच में रहती है। यहां जानें वैशाख मास 2025 की आरंभ डेट। जानें वैशाख मास 2025 उत्तर भारत में कब से शुरू होगा। इस महीने में कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए और क्या है वैशाख महीने का महत्व।
Vaishakh Month 2025 start and end date
2025 में वैशाख का महीना 13 अप्रैल, दिन सोमवार से शुरू होकर 12 मई, दिन मंगलवार तक रहेगा। वैशाख के महीने का एक नाम माधव मास भी है। माना जाता है कि ये मास भगवान विष्णु और उनके श्री कृष्ण अवतार को अत्यंत प्रिय है। इसका उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है। कहा भी जाता है - मासानां वैशाखः श्रेष्ठ:– अर्थात सभी महीनों में वैशाख का मास श्रेष्ठ होता है।
वैशाख मास 2025 के विवाह मुहूर्त
वैशाख मास का नाम कैसे पड़ा
हिन्दू ज्योतिष और वेदों के अनुसार, हिंदू कैलंडर के महीनों का नाम उस समय के चंद्र नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है। चूंकि वैशाख मास में पूर्णिमा के समय चंद्रमा का गोचर विशाखा नक्षत्र में होता है, इसलिए इस महीने को वैशाख नाम दिया गया है।
वैशाख महीने में किसकी पूजा करनी चाहिए
मान्यताओं में वैशाख महीने के अधिपति भगवान विष्णु बताए गए हैं। वहीं देवगुरु बृहस्पति को विशाखा नक्षत्र का स्वामी माना जाता है। इस नक्षत्र का संबंध इंद्रदेव से भी है। इस वजह से वैशाख महीने को श्रेष्ठ मास बताया गया है। इस महीने में विष्णु जी की पूजा तुलसी जी के साथ की जाती है। वहीं वैशाख मास के दान पुण्य को शुभ और शीघ्र फल देने वाला जाता है। भगवान कृष्ण और परशुराम जी की पूजा भी वैशाख मास में की जाती है।
वैशाख के महीने का महत्व
वैशाख महीने में दान, स्नान, जप और उपवास का विशेष महत्व माना गया है। इस मास में गंगा स्नान खास फलदायी होता है। वैशाख महीने में आने वाले एकादशी, अमावस्या और पूर्णिमा व्रत करने से भी शुभ फल मिलता है। इस मास में भगवान विष्णु, श्री कृष्ण और सूर्य की उपासना करनी चाहिए। प्रकृतिक महत्व की बात करें तो वैशाख के महीने में वसंत से ग्रीष्म ऋतु की ओर परिवर्तन होता है।
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हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

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