Vaishakh Purnima 2024 Vrat Katha: वैशाख पूर्णिमा पर करें इस कथा का पाठ, हर इच्छा की होगी पूर्ति
Vaishakh Purnima 2024 Vrat Katha: सनातन परंपरा में वैशाख पूर्णिमा का बहुत महत्व है। इस दिन का व्रत रखने से और भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। यहां पढ़िए वैशाख पूर्णिमा की व्रत कथा हिंदी में।
Vaishakh Purnima 2024
Vaishakh Purnima 2024 Vrat Katha (वैशाख पूर्णिमा व्रत कथा): हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा का व्रत हर साल वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन रखा जाता है। इस साल वैशाख पूर्णिमा का व्रत 23 मई 2024 को गुरुवार के दिन रखा जाएगा। पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गंगा स्नान, दान और सत्यनारायण भगवान की पूजा विशेष रूप से की जाती है। वैशाख पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के साथ-साथ गौतम बुद्ध की भी पूजा की जाती है। इस दिन बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार भी मनाया जाता है। इस दिन बहुत से लोग मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं और श्री हरि की पूजा करते हैं। इस दिन वैशाख पूर्णिमा की कथा का पाठ करना भी शुभ फलदायी होता है। यहां पढ़िए वैशाख पूर्णिमा की व्रत कथा हिंदी में।
Vaishakh Purnima 2024 Vrat Katha (वैशाख पूर्णिमा व्रत कथा)एक बार की बात है द्वापर युग में माता यशोदा भगवान कृष्ण सवाल करती हैं कि आप इस पूरे संसार के जगत पालक हैं। मुझे आप कोई ऐसा उपाय बताओ जिसको करके मृत्यु लोक में कोई भी स्त्री को विधवा होने का कोई डर ना रहे और ना ही निसंतान होने की तकलीफ रहे। तब भगवान श्री कृष्ण ने यशोदा से कहा कि मैं आपको एक ऐसे व्रत के बारे में बताता हूं। जिसका पालन करके सुहागिन स्त्रि को सौभाग्य की प्राप्ति होगी।
कांतिक नामक नगर में राजा चंद्रहास्य नाम का एक राजा रहता था। उसी नगर में धनेश्वर नामक एक ब्राह्मण व्यक्ति अपनी पत्नी सुशीला के साथ में रहता था। इनके पास धन, दौलत की कोई कमी नहीं थी, परंतु ब्राह्मण का कोई संतान नहीं थी। जिसकी वजह से दोनों पति पत्नि बहुत ही उदास रहते थे। एक बार उस नगर में एक साधु आता है। जो घर-घर में जाकर क्षिक्षा मांगता है,लेकिन वो साधु धनेश्वर के घर में भिक्षा मांगने नहीं जाता है।
इस बात को देखकर सुशीला और धनेश्वर बहुत दुखी हो जाते हैं और साधु के पूछते हैं कि वो सब के घर में तो भिक्षा मांगने के लिए तो गए पर उनके घर में क्यों नहीं आए। तब साधु कहते हैं कि तुम निसंतान हो और निसंतान के यहां से भिक्षा लेना पतितों के घर से अन्न लेने के सामान होता है। मैं ऐसा करके पाप का भागीदारी नहीं बनना चाहता हूं। साधु के बात सुनकर दोनों बहुत दुखी हो जाते हैं और साधु से पूछते हैं कि ऐसा कोई उपाय बताओ। जिससे हमें संतान की प्राप्ति हो सके। साधु के सलाह मानकर दंपत्ति ने सोलह दिन तक मां चंडी का पूजन किया।
ब्राह्मण दंपत्ति की भक्ति से मां प्रसन्न हुई और सुशीला को गर्भवती होने का वरदान दिया। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि तुम हर पूर्णिमा तिथि के दिन दीपक जलाओ और सभी पूर्णिमा को दीपक की संख्या बढ़ती ही जानिए चाहिए। ऐसे में पूरे 32 दीपक जलाओ। मां काली का आशीर्वाद से सुशीला गर्भवती हुई। काली माता के कहे अनुसार वह दीपक जलाती रही। उसके बाद उसने एक पुत्र को जन्म दिया। जिसका नाम उन्होंने देवदास रखा था।
देवदास जब बड़ा हुआ, तो धनेश्वर ने उसे शिक्ष प्राप्त करने के लिए काशी भेजा। काशी में देवदास के साथ एक अजीब घटना घटी, जिसकी वजह से धोखे से देवदास का विवाह हो गया। जब देवदास ने बताया कि वह अल्पायु में है, फिर भी उसका विवाह जोर जबरदस्ती के साथ करवा दिया गया। कुछ समय बाद जब काल देवदास के प्राण लेने आया, तो काल देवदास के प्राण लिए बिना ही चला गया। तब काल ने यमराज से कहा कि वह देवदास के प्राण लेने में सक्षम नहीं हूं । जिसके बाद यमराज ने इसके पीछे का कारण जानने के लिए भगवान शिव और माता पार्वती के पास पहुंचे। तब मां पार्वती ने माता काली के वरदान के वृतांत को यमराज को सुनाया और कहा कि ब्राह्मण दंपत्ति ने पूर्णिमा का व्रत रखा था, इसके कारण काल देवदास का कुछ भी बिगाड़ नहीं पाया। तभी से कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन व्रत करने से काल से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु सभी की मनोकामना की पूर्ति करते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें
मेष वार्षिक राशिफल 2025 (Aries Yearly Horoscope): मेष राशि वालों के लिए नया साल रहेगा शानदार, पैसों की नहीं होगी कमी, लेकिन इन चीजों में रहना होगा सतर्क
Happy Birthday Rajinikanth: इस खास नक्षत्र में जन्मे हैं सुपरस्टार रजनीकांत, ऐसे लोगों पर मां लक्ष्मी और सरस्वती रहती हैं मेहरबान, जानिए इनकी खासियत
Mokshada Ekadashi 2024 Parana Time: मोक्षदा एकादशी का पारण कितने से कितने बजे तक किया जा सकता है
वृषभ वार्षिक राशिफल 2025 (Taurus Yearly Horoscope): जानिए, वृषभ राशि वालों की आर्थिक, स्वास्थ्य, पारिवारिक और लव लाइफ के लिए कैसा रहेगा नया साल
Aaj Ka Panchang 12 December 2024: पंचांग से जानिए मोक्षदा एकादशी के पारण का समय, कब से कब तक रहेगा राहुकाल
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited