Vakratunda Sankashti Chaturthi 2024: कब रखा जाएगा कार्तिक महीने का वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी का व्रत? यहां जानें डेट और महत्व

Vakratunda Sankashti Chaturthi 2024: हिंदू धर्म में वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी के व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। ये व्रत हर मास की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। ऐसे में आइए जानें कार्तिक महीने की वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी का व्रत कब रखा जाएगा।

Vakratunda Sankashti Chaturthi

Vakratunda Sankashti Chaturthi

Vakratunda Sankashti Chaturthi 2024: वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। ये व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन का व्रत रखने से और विधिवत भगवान गणपति की पूजा करने से साधक को सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ भगवान विघ्नहर्ता का ये व्रत करने से साधक के सारे विघ्न समाप्त हो जाते हैं। इस दिन भगवान गणेश को लड्डू-मोदक का भोग लगाना चाहिए और विशेष पूजा- अर्चना करनी चाहिए। इस व्रत को करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए जानें वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी कब रखा जाएगा और शुभ मुहूर्त।

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Vakratunda Sankashti Chaturthi 2024 (वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है 2024)

वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर साल की कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। इस साल इस तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर होगा और इसका समापन 21 नवंबर को सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में ये व्रत 20 अक्तूबर 2024 को रखा जाएगा।

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Vakratunda Sankashti Chaturthi 2024 (वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी पूजा शुभ मुहूर्त 2024)

हिंदू पंचांग के अनुसार वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी का व्रत इस साल 20 अक्तूबर 2024 को रखा जाएगा। इस दिन चंद्रोदय शाम 7 बजकर 54 मिनट पर होगा। इस समय में चंद्र देव की पूजा करना शुभ होगा।

Vakratunda Sankashti Chaturthi Puja Vidhi (वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि)

  • वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह स्नान के बाद भगवान गणेश का ध्यान लगाएं।
  • उसके बाद मंदिर की साफ सफाई करके चौकी पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
  • फिर भगवान गणेश को पीले रंग का फूल, फल, मोदक, मालपुए और दूर्वा अर्पित करें।
  • इस दिन पूजा के समय में गणेश चालीसा और गणेश स्तोत्र का पाठ जरूर करें।
  • पूजा के बाद वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी की कथा का पाठ करें।
  • कथा के बाद आरती करें और भगवान गणेश को भोग लगाएं।
  • इस दिन शाम के समय में चंद्र देवता को अर्घ्य जरूर अर्पित करें।
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Vakratunda Sankashti Chaturthi Importance (वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी महत्व)

संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से साधक को सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस दिन पूजा में गणपति जी को सिंदूर चढ़ाना बहुत ही शुभ होता है। इस दिन पूरे विधि- विधान के साथ गणपति जी की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। गणेश जी के व्रत के तप से साधक के सारे बिगड़े काम बनते हैं और सारे विघ्नों का नाश होता है।

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जयंती झा author

बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

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