Valmiki Jayanti 2024: कौन थे महर्षि वाल्मिकी? जिन्होंने की रामायण महाकाव्य की रचना

Valmiki Jayanti 2024: वाल्मीकि जयंती हर साल आश्विन महीने की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है। इस दिन को महर्षि वाल्मिकी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए जानें इनसे जुड़ी खास बातें।

Valmiki Jayanti 2024

Valmiki Jayanti 2024

Valmiki Jayanti 2024: महर्षि वाल्मिकी ने रामायण जैसे महाकाव्य की रचना की है। इनकी जयंती हर आश्विन महीने की पूर्णिमा पर मनाई जाती है। इस साल वाल्मीकि जयंती 17 अक्तूबर 2024 यानि आज मनाई जा रही है। वाल्मीकि समुदाय के लोग वाल्मीकि जयंती बहुत धूमधाम के साथ मनाते हैं। वाल्मीकि जी ने नारद जी के कहने पर अर्धम का रास्ता छोड़ धर्म का मार्ग चुना और रामायण जैसे महाग्रंथ की रचना कर दी। आइए जानते हैं महर्षि वाल्मीकि की जयंती उनसे जुड़ी विशेष बातें।

महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर विशेष

1.कौन थे वाल्मीकि ?
आदिकाल के महर्षियों में से एक जिन्होंने प्रभु श्री राम की महिमा का विस्तार से सर्वप्रथम वर्णन किया।
2.वाल्मीकि की रामायण
त्रेता युग में लिखित रामायण में 24000 श्लोक हैं जो श्रीराम की जीवन यात्रा को दिव्य और अलौकिक तौर से दिखातें हैं।
3.वाल्मीकि का बचपन
वाल्मीकि का मूल नाम रत्नाकर था और कुछ धर्म ग्रन्थ इन्हें महर्षि कश्यप का पुत्र भी बतलाते हैं।
4.डाकू रत्नाकर और नारद जी
वाल्मीकि अपनी युवा अवस्था में राह चलते लोगों को लूटते थे और एक दिन उन्हें नारद जी अपने दर्शन दिए और उनका मार्गदर्शन किया।
5.वाल्मीकि का ब्रह्म ज्ञान और राम जप
वाल्मीकि ने कई वर्षों तक घोर तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्म देव ने उन्हें महर्षि होने के वरदान दिया और श्रीराम के चरित्र के बारे में लिखने के लिए कहा।
6.क्रोंच पक्षी का विषाद और रामायण की नींव
एक बार वन में भ्रमण करते वाल्मीकि ने एक क्रोंच पक्षी के जोड़े को प्रेम में लीन देखा परन्तु वहीं एक शिकारी ने तीर चलाकर नर पक्षी को मार दिया और तब वाल्मीकि के मुख से संस्कृत में पहला श्लोक निकला जिसने रामायण की नींव रखी।
7.रामायण में प्रतिभाग
इतिहासकारों के अनुसार वाल्मीकि उसी सदी में रामायण की रचना कर रहें थे जिस सदी में भगवान राम मौजूद थे। जब श्रीराम ने गर्भवती माता सीता का लोकापवाद की के कराण परित्य्ताग कर दिया तब माता सीता ने महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में आश्रय लिया और वहां लव- कुश को जन्म दिया।
8.लव-कुश के गुरु के रूप में
श्रीराम और माता सीता के पुत्र लव और कुश की प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा वाल्मीकि के द्वारा ही हुई।
9.राम-नाम और रामायण की महिमा
वाल्मीकि रचित रामायण वर्षों से राम नाम की महिमा का प्रचार और प्रसार कर है रहा। सनातन हिन्दू धर्म में रामायण का मुख्य स्थान हैं।
10.वाल्मीकि जयंती
आश्विन माह की शुक्ल पूर्णिमा को प्रतिवर्ष भारत में वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है। रामायण की कथा को सजीव और अमर रखने के लिए इस उत्सव की पहल उठाई गई ताकि विश्व भर में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के दिए गये उपदेशों और संदेशो को जन-जन तक पहुंचाया जा सका।
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मेधा चावला author

हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

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