Varalakshmi Vrat 2023: वरलक्ष्मी व्रत करने से मिलते हैं अद्भुत लाभ, जानें पूजा विधि
Varalakshmi Vrat 2023: सनातन धर्म में अनेक देवी- देवताओं को पूजा जाता है। हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है। वरलक्ष्मी महालक्ष्मी का ही रूप हैं। वरलक्ष्मी व्रत के दिन मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं इस बार वर लक्ष्मी का व्रत किस दिन रखा जाएगा।
Varlakshmi 2023
Varalakshmi Vrat 2023 Date: हिंदू धर्म में वर लक्ष्मी व्रत का खास महत्व है। वरलक्ष्मी को लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा की जाती है। वरलक्ष्मी का व्रत सावन महीने के आखिरी शुक्रवार को किया जाता है। इस बार ये व्रत 25 अगस्त 2023 को शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि वरलक्ष्मी का व्रत करने से साधक पर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस व्रत को करना उचित माना गया है। यह व्रत मुख्य रूप से दक्षिण भारत के क्षेत्र में किया जाता है। आइए जानते हैं वरलक्ष्मी व्रत करने से क्या लाभ मिलते हैं।
वरलक्ष्मी व्रत करने से मिलते हैं ये लाभ
अखंड सौभाग्य - वरलक्ष्मी का व्रत पूरी निष्ठा के साथ करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्त को अखंड सौभाग्य का वर देती हैं। जो भी सुहागिन स्त्रियां इस व्रत को करती हैं उनके दाम्पत्य जीवन में खुशहाली आती है।
धन का लाभ- वरलक्ष्मी का व्रत करने से लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्त का भंडार धन,धान्य से भर देती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से कभी भी जीवन में पैसे की कोई कमी नहीं होती है।
सुख समद्धि- वरलक्ष्मी का व्रत करने से सुख, समद्धि की प्राप्ति होती है। जो भी भक्त इस दिन सच्ची आस्था के साथ इस व्रत को करता है। उसके जीवन में कभी कोई समस्या नहीं आती है।
संतान प्राप्ति का सुख- इस व्रत के संबंध में मान्यता है कि इससे विवाहित जोड़ों को संतान की प्राप्ति होती है और गरीबों को धन की प्राप्ति होती है। यह महिलाओं का व्रत है इसलिए विवाहित महिलाएं इस व्रत को बड़े उत्साह से करती हैं। इस व्रत से श्रद्धालुओं को सुख, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
वरलक्ष्मी व्रत पूजा विधि
ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से मां वरलक्ष्मी हर मनोकामना पूरी करती हैं। ऐसा माना जाता है कि जब विवाहित महिलाएं यह व्रत रखती हैं तो परिवार में सुख-समृद्धि आती है और धन की वर्षा होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां वरलक्ष्मी क्षीर सागर से प्रकट हुई थीं। इस दिन पूजा के समय विवाहित महिलाएं माता वरलक्ष्मी की एक मूर्ति एक चौकी पर स्थापित करती हैं। इसके बाद अक्षत, कुमकुम, नारियल, पान का पत्ता, सुपारी, बताशा, धूप दीप, इत्र, फल और फूल आदि से मां की पूजा करें और व्रत का की कथा सुनें।
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