Varalakshmi Vratham Katha, Pooja Vidhi: वरलक्ष्मी व्रत की कथा, पूजा सामग्री, विधि, मंत्र, महत्व और मुहूर्त यहां जानें

Varalakshmi Vratham 2023 Katha, Pooja Samagri, Vidhi: यहां आप जानेंगे वरलक्ष्मी व्रत की कथा क्या है, इसकी पूजा विधि क्या है, शुभ मुहूर्त क्या रहेगा और वरलक्ष्मी व्रत को करने का क्या फायदा है।

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Varalakshmi Vratham Vrat Katha (Varalaxmi Vratham Pooja Vidhanam): वरलक्ष्मी व्रत श्रावण शुक्ल पक्ष के आखिरी शुक्रवार को मनाया जाता है और ये रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2023) और श्रावण पूर्णिमा (Sawan Purnima 2023) से कुछ दिन पहले आता है। वरलक्ष्मी व्रत केवल स्त्री या पुरुष कोई भी रख सकता है। मान्यता है इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। वरलक्ष्मी व्रतम आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में बहुत लोकप्रिय है। इन राज्यों में, वरलक्ष्मी पूजा ज्यादातर विवाहित महिलाओं द्वारा परिवार की खुशहाली और समृद्धि के लिए की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी वर-लक्ष्मी की पूजा करने से अष्टलक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस बार वरलक्ष्मी व्रत 25 अगस्त, शुक्रवार के दिन पड़ रहा है। यहां जानिए वरलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि और मुहूर्त (Varalaxmi Vrat Puja Vidhi And Muhurat)।

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वरमहालक्ष्मी व्रत से जुड़ी एक और लोकप्रिय कहानी श्यामबाला की है। राजा बथरासीराव और रानी सुरचंद्रिका की श्यामबाला नाम की एक बेटी थी। उसका विवाह पड़ोसी राज्य के राजकुमार से हुआ था। एक बार जब श्यामबाला अपने माता-पिता के महल में थी, तो उसने अपनी माँ, रानी सुरचंद्रिका को एक बूढ़ी औरत को भगाते हुए देखा। बुढ़िया ने रानी से वरलक्ष्मी पूजा करने के लिए कहा था लेकिन रानी को एक भिखारी द्वारा पूजा के संबंध में सलाह देना पसंद नहीं आया और इसलिए उसने उसे बाहर निकाल दिया।

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