Vastu Tips For Migraine In Hindi
Vastu And Migraine: माइग्रेन एक मानसिक बीमारी है जिससे आज के समय में कई लोग पीड़ित हैं। अगर आप भी इस रोग से जूझ रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है क्योंकि यहां हम आपको इस रोग का उपचार करने के लिए कुछ वास्तु के उपाय बताएंगे। वास्तु अनुसार दक्षिण पश्चिम या दक्षिण में बैठकर खाना या उधर खाने का सामान रखना, इस दिशा में पूजा स्थान होना, शरीर में पित्त का लेवल बढ़ाता है। जिससे तेज सिर दर्द जैसे रोग होते हैं। जानिए इसके उपचार के लिए क्या करें।
माइग्रेन को ठीक करने के लिए आजमाएं ये वास्तु उपाय (Vastu Tips For Migraine)
1 - माइग्रेन से बचने की सबसे प्रथम शर्त है कि नींद बहुत अच्छी हो व कम से कम 07 घण्टे की हो। बेड रूम किसी भी कीमत पर आग्नेय दिशा में मत हो। वह वास्तु अनुरूप हो। परिवार का मुखिया साउथ वेस्ट रहे। बच्चों में माइग्रेन न हो इसके लिए यदि वह छोटे हों तो उनके घर में खिलोने व म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट्स हो। बड़े बच्चों के स्टडी रूम में उनके स्टडी टेबल के सामने कोई दीवार न हो बल्कि खूब स्पेस हो। उनका मुख पूर्व की तरफ हो। सोने का कमरा वेस्ट में हो।
2-आपके किसी भी रूम में भय उत्पन्न करने वाले चित्र मत हों। युद्घ व आग वाली तस्वीर मत हो। भगवान कृष्ण के बालस्वरूप की तस्वीर व श्री राम दरबार की तस्वीर घर के ड्राइंग रूम में रखने से जीवन तनाव मुक्त व खुशहाल रहता है।
3- घर में पारद की शिवलिंग हो। प्रतिदिन प्रातःकाल उस पर जल अर्पित कर उसको पीने से मायग्रेन व व्याधियों से राहत मिल सकती है बशर्ते आपकी श्रद्धा पूर्ण हो।
4-पति पत्नी के बेड रूम में प्रेम के खूबसूरत कैलेंडर हो। प्रेम करते जोड़ों के चित्र हों। खूबसूरत नदियों की तस्वीर व प्रकृति को दर्शाती फ़ोटो हर कमरे में लगी हो। वहां भगवान की मूर्ति मत हो।
5-बेड रूम में दर्पण माइग्रेन के लिए खतरनाक है। दर्पण रखना बहुत दोषपूर्ण है। बेड रूम में दर्पण रखना मानसिक तनाव का मुख्य कारण है।
6- आपके घर की दीवार ब्लू रंग में हो। बेड रूम में मोर के पंख रखिये।
7- बच्चों के घर में दर्पण मत हो, यदि हो भी तो उसे देखकर तुरन्त पर्दे से ढक दें। यदि आपके कमरे में आपकी तस्वीर दर्पण में दिखती है तो यह रोग होता है।
8-श्री यंत्र पर चढ़ाए जल को पी सकते हैं। इससे तनावमुक्त व भक्तिमय जीवन रहेगा।
9-संगीत माइग्रेन के समाधान लिए एक अलग निदान है। एक रूम संगीत के वाद्य यंत्रों का हो। कुछ पल संगीत के संग गुजारें। संगीत सीखें। 10 सूर्य पूजा करें।
11-फूलों की सजावट घर पर करते रहें। घर के खाली स्थान पर सुगन्धित पुष्पों के पेड़ लगाएं।
12-गुरु व सूर्य माइग्रेन का कारक ग्रह है। ईशान व पूर्व दिशा वास्तु सम्मत हों।
13-स्टडी रूम में क्रिस्टल व पिरामिड रखें।
14-घर के स्टडी रूम में ईशान दिशा की दीवार में घड़ी रखें। याद रहे घर मे रखी घड़ी कभी बंद न हो। जैसे ही बंद हो उसको ठीक करें या नयी घड़ी रखें। यह अच्छे समय का सूचक है।
15-क्रोध व तनाव माइग्रेन को बढ़ाते हैं। अपने आवास पर एक ध्यान करने का रूम अलग हो। वह रूम हवादार हो। वहां एक बिंदु पर या ॐ पर ध्यान केंद्रित करें।
16-घर के अंदर विशेषकर आंगन में तुलसी अवश्य हों। तुलसी को जल देने से मानसिक शांति मिलती है। वही तुलसी ठाकुर जी को अर्पित कर ग्रहण करने से बहुत लाभ होता है।