Vastu Tips: जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसी होनी चाहिए आपकी रसोई?
Vastu Shastra For Kitchen : रसोई घर हमारे घर का अहम हिस्सा होता है, इसलिए यह जरूरी है कि घर की रसोई वास्तु के अनुसार हो और इसमें किसी तरह का कोई वास्तु दोष न हो। आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसी होनी चाहिए आपके घर की रसोई।
रसोई के लिए वास्तु टिप्स
मुख्य बातें
- आग्नेय कोण में रसोई बनवाना होता है शुभ
- वास्तु के अनुसार रसोईघर में नहीं होना चाहिए पूजाघर
- रसोई और बाथरूम के दरवाजे नहीं होने चाहिए आमने-सामने
Vastu Tips for Kitchen: रसोई पूरे घर का अहम हिस्सा होता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि रसोई और यहां रखी गई वस्तुएं वास्तु के अनुसार होनी चाहिए, जिससे कि नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव इस स्थान पर ना पड़े। वास्तु में दिशा और स्थान को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। दरअसल हर दिशा के अलग दिगपाल होते हैं, यही कारण है कि घर का निर्माण कराते समय दिशा को ध्यान में रखना जरूरी होता है। बात करें घर की रसोई की तो, रसोई में वास्तु दोष होने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव ना केवल एक व्यक्ति बल्कि पूरे परिवार पर पड़ता है।
इससे यह जानना बेहद जरूरी है कि रसोईघर कैसी होनी चाहिए। आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई और रसोईघर पर रखी जाने वाली वस्तुओं के दिशाओं के बारे में।
रसोईघर के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार उचित दिशा व नियम
- वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई का निर्माण हमेशा दक्षिण पूर्व दिशा यानी आग्नेय कोण में होना चाहिए। क्योंकि इस दिशा के स्वामी शुक्र ग्रह हैं। इसलिए रसोईघर के लिए यह दिशा अच्छी मानी जाती है। वहीं दक्षिण पश्चिम दिशा में रसोईघर को अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा करने से घर पर अनावश्यक व्यय लगा रहता है।
- आपकी रसोई में यदि माइक्रोवेव या ओवन जैसे इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंसेज हैं तो इन्हें हमेशा दक्षिण पूर्व कोने में ही रखें। वहीं पानी का स्थान जैसे कि वाटर प्यूरीफायर या फ्रिज जैसी चीजों को उत्तर पश्चिम दिशा में रखना वास्तु के अनुसार उचित होता है। रसोई के मुख्य खाद्य पदार्थ जैसे कि आटा, चावल, दालें आदि सामग्री को हमेशा पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर ही रखें।
- रसोई में चूल्हा, स्टोव या गैस सबसे अहम होता है, जिसका संबंध अग्नि से होता है। रसोईघर में चूल्हे का स्थान पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से भोजन बनाने वाले का मुख उत्तर और पूर्व दिशा की ओर होता है, जिसे शुभ माना जाता है।
- यदि आपको किचन के लिए खिड़की बनवानी है तो इसका मुख पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। यदि किसी कारण इस दिशा में खिड़की नहीं बन पाए तो आप प्रकाश के लिए इस दिशा में बल्व लगा सकते हैं। क्योंकि रसोई में हमेशा पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए।
- बर्तन धोने का स्थान यानी कि सिंक उत्तर पूर्व दिशा में बनवाना वास्तु के अनुसार उचित होता है। रसोई में कभी भी पूजाघर नहीं बनवाना चाहिए। साथ ही यहां देवी-देवताओं की मूर्ति भी स्थापित नहीं करनी चाहिए। लेकिन आप देवी अन्नपूर्णा की तस्वीर रसोई में विधिपूर्वक लगा सकते हैं।
- इस बात का भी ध्यान रखें कि रसोईघर और बाथरूम के दरवाजे ठीक आमने सामने नहीं होने चाहिए।
इन नियमों को ध्यान में रखते हुए यदि आप अपने रसोईघर का निर्माण कराते हैं और रसोई के सामानों को रखते हैं तो इससे सुख-समृद्धि बनी रहती है और परिवार के लोग खुशहाल जीवन व्यतीत करते हैं।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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